देश में फर्जी यूनिवर्सिटी और फर्जी डिग्री का नेटवर्क खूब बढ़ रहा है। यूजीसी ने खुद यह पाया है कि देश में कई संस्थान नियमों के खिलाफ जाकर युवाओं को डिग्री प्रदान कर रहे हैं। ऐसे संस्थानों से मिलने वाली डिग्री न तो मान्य होती है और न ही उसके आधार पर उन्हें अच्छी नौकरी मिल पाती है। आखिर में सबसे अधिक नुकसान सिर्फ और सिर्फ डिग्री प्राप्त करने वाले युवा का होता है। इसे ध्यान में रखते हुए यूजीसी ने फर्जी डिग्री देने के मामले में छात्रों, अभिभावकों और आम जनता के लिए एक महत्वपूर्ण नोटिस जारी किया है।

यूजीसी ने दी वॉर्निंग

आयोग ने यूजीसी अधिनियम में उल्लिखित प्रावधानों का उल्लंघन करके डिग्री देने वाले संस्थानों के खिलाफ और छात्रों को चेतावनी दी है। यूजीसी ने इस बात पर जोर दिया है कि केवल राज्य अधिनियम, केंद्रीय अधिनियम या प्रांतीय अधिनियम के तहत स्थापित विश्वविद्यालय या यूजीसी अधिनियम, 1956 के अनुसार अधिकृत संस्थान ही डिग्री देने के लिए अधिकृत हैं।

यूजीसी के आधिकारिक नोटिस में क्या कहा गया है?

आयोग ने कहा कि ऐसे संस्थानों द्वारा दी गई डिग्री उच्च शिक्षा या रोजगार के उद्देश्यों के लिए मान्यता प्राप्त या मान्य नहीं होगी। आधिकारिक नोटिस में कहा गया है, “यूजीसी के संज्ञान में आया है कि कई संस्थान यूजीसी अधिनियम के प्रावधानों के विपरीत जाकर डिग्री दे रहे हैं। ऐसे विश्वविद्यालयों/संस्थानों द्वारा दी गई डिग्री उच्च शिक्षा और रोजगार के उद्देश्यों के लिए न तो मान्यता प्राप्त होगी और न ही मान्य होगी।”

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यूजीसी ने बताया- कैसे करें फर्जी यूनिवर्सिटी की पहचान?

यूजीसी (विश्वविद्यालय अनुदान आयोग) के मानदंडों के अनुसार फर्जी यूनिवर्सिटी की पहचान करने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं:

UGC की आधिकारिक वेबसाइट पर जांच करें

यूजीसी अपनी वेबसाइट (www.ugc.ac.in) पर मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालयों की सूची और फर्जी विश्वविद्यालयों की सूची नियमित रूप से जारी करता रहता है। किसी भी यूनिवर्सिटी में दाखिला लेने से पहले, उसका नाम यूजीसी की स्वीकृत सूची में देखें। यदि वह फर्जी सूची में है या मान्यता प्राप्त सूची में नहीं है, तो वह फर्जी हो सकती है।

विश्वविद्यालय का कानूनी दर्जा जांचें

यूजीसी अधिनियम, 1956 की धारा 22 के अनुसार, केवल केंद्रीय या राज्य सरकार के अधिनियम द्वारा स्थापित या यूजीसी द्वारा मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय ही डिग्री प्रदान कर सकते हैं। यदि कोई संस्थान बिना इस अधिकार के “विश्वविद्यालय” शब्द का प्रयोग कर रहा है, तो वह फर्जी है।

एनएएसी ग्रेडिंग की जांच

कई मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालयों को नेशनल असेसमेंट एंड एक्रेडिटेशन काउंसिल (NAAC) द्वारा ग्रेडिंग दी जाती है। फर्जी विश्वविद्यालयों के पास आमतौर पर ऐसी ग्रेडिंग नहीं होती। विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर यह जानकारी देखें या यूजीसी से सत्यापित करें।

डिग्री देने का अधिकार

यदि कोई संस्थान यूजीसी से मान्यता प्राप्त नहीं है और फिर भी डिग्री देने का दावा करता है, तो वह फर्जी हो सकता है। यूजीसी की वेबसाइट पर डिस्टेंस एजुकेशन ब्यूरो (DEB) द्वारा मान्यता प्राप्त संस्थानों की सूची भी देखी जा सकती है, खासकर दूरस्थ शिक्षा के लिए।

संदिग्ध विज्ञापनों और दावों से सावधान रहें

फर्जी विश्वविद्यालय अक्सर आकर्षक विज्ञापन, कम फीस, बिना परीक्षा के डिग्री जैसे वादे करते हैं। यदि कोई संस्थान बहुत आसान शर्तों पर डिग्री देने का दावा करता है, तो उसकी प्रामाणिकता पर संदेह करें।

स्थानीय जांच और संपर्क

विश्वविद्यालय का पता, संपर्क जानकारी और कैंपस की वास्तविकता की जांच करें। कई फर्जी संस्थान केवल कागज पर मौजूद होते हैं और उनका कोई भौतिक ढांचा नहीं होता।