सुप्रीम कोर्ट ने आज शुक्रवार 2 अगस्त को नीट पेपर लीक मामले में 23 जुलाई को हुई सुनवाई में परीक्षा दोबारा न कराए जाने के फैसले पर सुनवाई करते हुए, अपने पिछले फैसले को बरकरार रखते हुए इस परीक्षा को रद्द करके दोबारा परीक्षा कराए जाने से साफ मना कर दिया है। इस मामले में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि, ये कोई सिस्टमेटिक फेलियर नहीं था इसलिए इस परीक्षा को दोबारा नहीं कराया जा सकता।

  1. सीजेआई ने जताई एनटीए कर्मचारियों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए चिंता

सीजेआई ने अपना फैसला सुनाने के बाद एनटीए कर्मचारियों के मानसिक स्वास्थ्य पर परामर्श देते हुए कहा कि, “समिति छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य सहायता कार्यक्रमों के लिए योजनाओं की सिफारिश करेगी और छात्रों पर मनोवैज्ञानिक प्रभाव का आकलन भी करेगी, एनटीए सदस्यों, परीक्षकों, कर्मचारियों आदि के प्रशिक्षण की व्यवहार्यता पर विचार करेगी ताकि सभी परीक्षा की अखंडता को अच्छी तरह से संभालने के लिए सुसज्जित हों।”

2.केंद्र एक साल के भीतर त्रुटियों को हल करें

अपना फैसला सुनाते हुए भारत के मुख्य न्यायाधीश, डीवाई चंद्रचूड़ ने एनटीए की सभी पहचानी गई त्रुटियों को संबोधित करने और सुधारने के लिए समिति की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने जोर देकर कहा कि केंद्र को पुनरावृत्ति को रोकने के लिए इन मुद्दों को एक साल के भीतर हल करना चाहिए।

3. 30 सितंबर को रिपोर्ट सौंपेगी केंद्र द्वारा नियुक्त की गई समिति

सरकार द्वारा नियुक्त समिति के निष्कर्ष 30 सितंबर तक केंद्र को सौंपे जाएंगे। शिक्षा मंत्रालय दो सप्ताह के भीतर समिति के अनुपालन और कार्यान्वयन के निर्णय को प्रस्तुत करेगा। समिति एक व्यापक शिकायत निवारण प्रक्रिया, सभी संवेदनशील सूचनाओं को संरक्षित करने और लीक से बचाव के लिए डेटा सुरक्षा उपायों का सुझाव देगी। समिति इलेक्ट्रॉनिक फिंगरप्रिंट, साइबर सुरक्षा और कमजोरियों को भी रिकॉर्ड करेगी।

4. सुप्रीम कोर्ट ने दिया एनटीए को निर्देश

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में एनटीए को “फ्लिप-फ्लॉप” और एनईईटी-यूजी 2024 परीक्षा के संबंध में प्रदर्शित विसंगतियों से बचने का निर्देश दिया। राष्ट्रीय परीक्षा में इस तरह की विसंगतियां छात्रों के हितों के लिए हानिकारक हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर जोर दिया कि विशेषज्ञ समिति को परीक्षा प्रणाली में कमियों को दूर करना चाहिए और उन्हें सुधारना चाहिए।

5. सुप्रीम कोर्ट ने उठाया हरदयाल स्कूल का मामला

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान एनटीए से पूछा की झज्जर के हरदयाल स्कूल में क्या हुआ था, तब एनटीए ने जवाब देते हुए कहा, सिटी कोऑर्डिनेटर ने झज्जर के तीन केंद्रों में केनरा बैंक के प्रश्न पत्र वितरित किए। जब सिटी कोऑर्डिनेटर ने उनकी गलती को पहचाना, तो उन्होंने दो केंद्रों से इसे वापस ले लिया, लेकिन तीसरे में यह बना रहा।

6. एडवोकेट हुड्डा ने बताया था सिस्टमेटिक फेलियर

एनटीए का जवाब सुनने के बाद, एडवोकेट हुड्डा ने कहा, कोर्ट के समक्ष एनटीए के बयान से पता चलता है कि हरदयाल स्कूल के छात्रों को भी ग्रेस मार्क्स दिए गए, इस तथ्य के बावजूद कि उन्होंने केवल केनरा बैंक का पेपर दिया था। हुड्डा ने कहा, “यह एक सिस्टमेटिक फेलियर है।”