कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) के खिलाफ अचानक परीक्षा रद्द और स्थगित करने के मामले में हजारों शिक्षक और छात्र गुरुवार को विरोध प्रदर्शन करने दिल्ली पहुंचे। यहां इन शिक्षकों और छात्रों ने जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया। इसके बाद ये सभी DoPT में संबंधित अधिकारियों से मिलने के लिए दफ्तर की ओर बढ़े, जहां पुलिस ने इन सभी को रोका और फिर हजारों की संख्या में शिक्षकों और छात्रों पर कथित रूप से लाठीचार्ज किया। इस दौरान पुलिसकर्मियों ने प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों और छात्रों को डिटेन कर बसों में भी भरा। घटना के वक्त के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।
क्यों हो रहा विरोध प्रदर्शन?
विरोध प्रदर्शन का मुख्य कारण एसएससी चयन पद चरण 13 परीक्षा का अचानक रद्द और स्थगित होना था। आयोग ने हाल ही में प्रशासनिक कारणों और तकनीकी गड़बड़ियों के कारण कुछ केंद्रों पर 24 से 26 जुलाई तक होने वाली परीक्षा रद्द कर दी थी। एक चौंकाने वाली घटना में इंदौर में एसएससी चयन पद परीक्षा में शामिल हुए कई उम्मीदवारों को परीक्षा केंद्र के अंदर बंद कर दिया गया और परीक्षा में तकनीकी गड़बड़ियों और कुप्रबंधन पर सवाल उठाने पर कर्मचारियों ने उनकी पिटाई कर दी।
शिक्षकों और छात्रों पर हुई कार्रवाई से सोशल मीडिया पर लोग नाराज
दिल्ली में शिक्षकों और छात्रों पर कथित लाठीचार्ज और उनकी गिरफ्तारी के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद #SSCMisManagement, #SSCVendorFailure और #SSCReform जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे और युवाओं ने इस पर एसएससी की कार्यप्रणाली पर अपनी निराशा व्यक्त करना शुरू कर दिया।
लाठीचार्ज के दौरान हाथ टूटे एक शिक्षक की तस्वीर शेयर करते हुए एक यूजर ने लिखा है, “कांवड़ यात्रा पर जाने वालों पर सरकार फूल बरसाती है, लेकिन शिक्षा, निष्पक्ष परीक्षा और छात्रों के अधिकारों के लिए आवाज़ उठाने वालों को बेरहमी से पीटा जाता है और उनके हाथ तोड़ दिए जाते हैं। क्या यही “नए भारत” का विचार है?”
एक अन्य नाराज यूजर ने लिखा है, “हर साल SSC परीक्षाओं में अनियमितताएं होती हैं। कभी पुराने प्रश्न, कभी तकनीकी खराबी या कुछ और। अब छात्र अपने अधिकारों के लिए आवाज़ उठाने के लिए सड़कों पर उतर आए हैं। लेकिन जवाब में उन्हें लाठियां, चोटें और गिरफ़्तारियां मिलीं।”
भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ (एनएसयूआई) ने एकजुटता व्यक्त करते हुए कहा, “शिक्षक यह पूछने आए थे कि परीक्षा के प्रश्नपत्र बार-बार लीक क्यों हो रहे हैं? एसएससी जैसी परीक्षाएँ कदाचार का अड्डा क्यों बन गई हैं? लेकिन जवाब देने के बजाय, मोदी सरकार ने शिक्षकों पर लाठीचार्ज और गिरफ़्तारी का सहारा लिया। अब देश में न तो न्याय बचा है और न ही जवाबदेही, सिर्फ़ उत्पीड़न बचा है।”