Republic Day 26 January Speech, Poem, Nibandh in Hindi, (गणतंत्र दिवस पर भाषण 2025): गणतंत्र दिवस 2025 यानी 26 जनवरी का दिन पूरे भारत के लिए एक राष्ट्रीय पर्व है, जो कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक पूरी घूमधाम और गर्व के साथ मनाया जाता है। इस दिन स्कूल, कॉलेज, शिक्षण संस्थानों से लेकर सरकारी और प्राइवेट दफ्तरों में इस खास मौके पर तिरंगा झंडा फहराया जाता है और सांस्कृतिक कार्यक्रमों और अन्य कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इस वर्ष गणतंत्र दिवस समारोह की थीम ‘स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास’ है।
गणतंत्र दिवस की कर्तव्य पथ (पूर्व में राजपथ) पर मनमोहक झांकियां निकलती है, तो स्कूलों में तरह-तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जिसमें स्कूल के छात्र बढ़चढ़कर हिस्सा लेते हैं। अगर आप भी अपने स्कूल में गणतंत्र दिवस 2025 के मौके पर होने वाले कार्यक्रमों में भाग लेकर भाषण या कविता पाठ करना चाहते हैं, तो इस लाइव ब्लॉग के जरिए जान लीजिए रिपब्लिक डे 2024 के लिए शॉर्ट स्पीच, भाषण और कविताओं के आइडिया, जिन्हें मंच से पढ़कर आप लोगों की तालियों और वाहवाही के हकदार बन सकते हैं।
गणतंत्र दिवस भारत के एक संप्रभु लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में उभरने की याद वाला दिन है जो ब्रिटिश शासन से एक संप्रभु राष्ट्र में एक बड़े बदलाव का प्रतीक है। अपने ऐतिहासिक महत्व के अलावा, यह दिन स्वतंत्रता, अधिकारों और कर्तव्यों के उत्सव के बारे में भी है। हर साल, गणतंत्र दिवस पूरे देश में बड़े उत्साह और सम्मान के साथ मनाया जाता है।
भारत 15 अगस्त 1947 को लगभग 200 सालों के ब्रिटिश शासन को समाप्त करते हुए एक स्वतंत्र राष्ट्र बना था, जबकि 26 जनवरी को भारत को लोकतांत्रिक पहचान मिली थी। इस संविधान को लागू किया गया था।
इस साल गणतंत्र दिवस समारोह के लिए इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है। भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से यह जानकारी दी गई है।
इस साल गणतंत्र दिवस समारोह की थीम ‘स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास’ है।
आदरणीय शिक्षकगण, मेरे प्रिय मित्रों, और स्कूल के सभी छात्रों, आज मैं आप सभी के सामने आजादी के महत्व पर बात करने के लिए खड़ा हूं।
आजादी का अर्थ है स्वतंत्रता, जो हमें अपने जीवन को अपनी मर्जी से जीने की अनुमति देती है। यह हमें अपने विचारों को व्यक्त करने, अपने सपनों को पूरा करने, और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने की स्वतंत्रता देती है।
लेकिन आजादी की कीमत बहुत अधिक है। हमारे देश के स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने प्राणों की आहुति देकर हमें यह आजादी दिलाई है। महात्मा गांधी, भगत सिंह, सुभाष चंद्र बोस, और कई अन्य सेनानियों ने अपने जीवन को देश की आजादी के लिए समर्पित कर दिया था।
आजादी का महत्व हमें अपने देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए प्रेरित करता है। यह हमें अपने देश की संस्कृति, परंपराओं, और मूल्यों को संरक्षित करने के लिए प्रेरित करता है।
आजादी का महत्व हमें अपने अधिकारों और कर्तव्यों को समझने के लिए प्रेरित करता है। यह हमें अपने देश के नागरिक के रूप में अपने कर्तव्यों को निभाने के लिए प्रेरित करता है।
आजादी का महत्व हमें अपने देश के विकास और समृद्धि के लिए काम करने के लिए प्रेरित करता है। यह हमें अपने देश की आर्थिक, सामाजिक, और राजनीतिक व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए प्रेरित करता है।
आजादी का महत्व हमें अपने देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए प्रेरित करता है। यह हमें अपने देश की संस्कृति, परंपराओं, और मूल्यों को संरक्षित करने के लिए प्रेरित करता है।
आइए, हम आजादी के महत्व को समझते हुए अपने देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए काम करें। आइए, हम अपने देश की संस्कृति, परंपराओं, और मूल्यों को संरक्षित करने के लिए काम करें। आइए, हम अपने देश के विकास और समृद्धि के लिए काम करें।
धन्यवाद।
आदरणीय शिक्षकगण, मेरे प्रिय साथियों, और सम्मानित अतिथियों, आज मैं यहां एक ऐसी महान वीरांगना के बारे में बात करने के लिए खड़ा हूं, जिनका नाम भारतीय इतिहास में सदैव सम्मान और श्रद्धा के साथ लिया जाएगा। वह वीरांगना हैं—रानी लक्ष्मीबाई।
रानी लक्ष्मीबाई का जन्म उत्तर प्रदेश के वाराणसी में 19 नवंबर 1835 को हुआ था। उनका बचपन मणिकर्णिका के नाम से जाना जाता था, लेकिन बाद में उन्होंने ‘लक्ष्मी बाई’ नाम अपनाया। रानी लक्ष्मीबाई ने अपने जीवन में कई चुनौतियों का सामना किया, लेकिन उन्होंने चुनौतियों से कभी हार नहीं मानी।
1857 का स्वतंत्रता संग्राम रानी लक्ष्मीबाई के जीवन का सबसे महत्वपूर्ण मोड़ था। उन्होंने न केवल अपने राज्य झांसी की रक्षा की, बल्कि उन्होंने देश की आत्मनिर्भरता और स्वाभिमान की खातिर संघर्ष किया। रानी लक्ष्मीबाई का साहस, उनका नेतृत्व और राष्ट्रप्रेम हमें यह सिखाता है कि संघर्ष केवल बाहरी युद्ध में नहीं, बल्कि हमारे भीतर के डर और संकोच से भी होता है।
रानी लक्ष्मीबाई का जीवन हमें यह सिखाता है कि अगर मन में साहस और संघर्ष की भावना हो, तो कोई भी बाधा नहीं रोक सकती। उनका संघर्ष केवल युद्ध की सीमा तक नहीं था, बल्कि यह समाज में व्याप्त अन्याय, असमानता और गुलामी के खिलाफ था। उनकी लड़ाई का मतलब था—समानता, स्वतंत्रता और न्याय।
आइए, हम रानी लक्ष्मीबाई के साहस और नेतृत्व को सलाम करते हुए अपने जीवन में भी उनके आदर्शों को अपनाएं। हमें उनके जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए और अपने देश की सेवा में उत्कृष्टता और प्रेरणा का स्रोत बनना चाहिए।
भगत सिंह एक महान क्रांतिकारी और स्वतंत्रता सेनानी थे। उनका जन्म 28 सितंबर 1907 को पंजाब के ज़िला लायलपुर में हुआ था। भगत सिंह ने अपनी जवानी में ही देश की आज़ादी के लिए संघर्ष शुरू कर दिया था।
उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ कई आंदोलनों में भाग लिया और अपने साथियों के साथ मिलकर उन्होंने अंग्रेजों को कई चुनौतियाँ दीं। भगत सिंह की सबसे प्रसिद्ध गतिविधि थी असेंबली में बम फेंकना, जिसने अंग्रेजों को हिला कर रख दिया था।
भगत सिंह को उनके साथियों राजगुरु और सुखदेव के साथ 23 मार्च 1931 को फाँसी दे दी गई थी। लेकिन उनकी शहादत व्यर्थ नहीं गई। भगत सिंह की शहादत ने देश के युवाओं को प्रेरित किया और उन्हें देश की आज़ादी के लिए संघर्ष करने के लिए प्रेरित किया।
आज भगत सिंह की शहादत को याद करते हुए हमें उनके आदर्शों और मूल्यों को याद रखना चाहिए। हमें उनकी शहादत से प्रेरणा लेनी चाहिए और देश की एकता और अखंडता के लिए काम करना चाहिए।
“आज हमारा देश महान है,
गणतंत्र दिवस का जश्न मनाएं।
स्वतंत्रता की लड़ाई में,
हमारे नेताओं ने बलिदान दिया है।
महात्मा गांधी, नेहरू और बोस,
इनके सपनों को हमें पूरा करना है।
हमारा देश एक विविध और समृद्ध देश है,
जहां विभिन्न धर्मों, जातियों और संस्कृतियों के लोग रहते हैं।
आइए हम सब मिलकर,
अपने देश को एक बेहतर भविष्य की ओर ले जाएं।
गणतंत्र दिवस का जश्न मनाएं,
और अपने देश के लिए काम करें।
जय हिंद! जय भारत!
हमारा देश महान है!”
“मेरा देश मेरी जान है,
मेरा देश मेरी शान है।
मैं अपने देश से प्यार करता हूं,
और उसके लिए काम करना चाहता हूं।
मेरा देश एक महान देश है,
जहां विविधता में एकता है।
मेरा देश एक विविध और समृद्ध देश है,
जहां विभिन्न धर्मों, जातियों और संस्कृतियों के लोग रहते हैं।
मैं अपने देश की रक्षा करना चाहता हूं,
और उसकी एकता और अखंडता को बनाए रखना चाहता हूं।
मैं अपने देश के लिए काम करना चाहता हूं,
और उसके विकास में योगदान देना चाहता हूं।
जय हिंद! जय भारत!
मेरा देश महान है!”
सिंहासन हिल उठे राजवंशों ने भृकुटी तानी थी,
बूढ़े भारत में आई फिर से नयी जवानी थी,
गुमी हुई आज़ादी की कीमत सबने पहचानी थी,
दूर फिरंगी को करने की सबने मन में ठानी थी।
चमक उठी सन सत्तावन में, वह तलवार पुरानी थी,
बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,
खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी।।
कानपूर के नाना की, मुँहबोली बहन छबीली थी,
लक्ष्मीबाई नाम, पिता की वह संतान अकेली थी,
नाना के सँग पढ़ती थी वह, नाना के सँग खेली थी,
बरछी ढाल, कृपाण, कटारी उसकी यही सहेली थी।
वीर शिवाजी की गाथायें उसकी याद ज़बानी थी,
बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,
खूब लड़ी मर्दानी वह तो झांसी वाली रानी थी।।
(इस कविता को प्रसिद्ध कवयित्री और लेखिका सुभद्रा कुमारी चौहान ने लिखा था)
वह खून कहो किस मतलब का
जिसमें उबाल का नाम नहीं।
वह खून कहो किस मतलब का
आ सके देश के काम नहीं।
वह खून कहो किस मतलब का
जिसमें जीवन, न रवानी है!
जो परवश होकर बहता है,
वह खून नहीं, पानी है!
उस दिन लोगों ने सही-सही
खून की कीमत पहचानी थी।
जिस दिन सुभाष ने बर्मा में
मांगी उनसे कुर्बानी थी।
राष्ट्रपिता जो कहे जाते हैं,
प्यार से बापू उन्हें बुलाते हैं।
जिन्होंने देश को आजाद कराया।
सत्य अहिंसा का पाठ पढ़ाया।
महात्मा गांधी वो कहलाते हैं।
उन्होंने विलास को छोड़कर,
अपना जीवन देश की आज़ादी में लगाया।
विदेशी कपड़ों को त्याग कर उसने ।
देशी का महत्व समझाया।
कई आंदोलन और सत्याग्रह किये।
अंग्रेजों से लड़ने के लिए,
लोगों को अपने साथ किये,
देश को आज़ाद कराने के लिए।
सत्य अहिंसा के मार्ग पर चलकर।
अंग्रेजों से लड़ी लड़ाई।
अपना तन मन धन सब कुछ सौंप दिया
अपने आपको पूरा झोंक दिया।
अंत तक लड़ी लड़ाई देश को आजादी दिलायी¹।
“आज हमारा देश महान है,
गणतंत्र दिवस का जश्न मनाएं।
स्वतंत्रता की लड़ाई में,
हमारे नेताओं ने बलिदान दिया है।
महात्मा गांधी, नेहरू और बोस,
इनके सपनों को हमें पूरा करना है।
हमारा देश एक विविध और समृद्ध देश है,
जहां विभिन्न धर्मों, जातियों और संस्कृतियों के लोग रहते हैं।
आइए हम सब मिलकर,
अपने देश को एक बेहतर भविष्य की ओर ले जाएं।
गणतंत्र दिवस का जश्न मनाएं,
और अपने देश के लिए काम करें।
जय हिंद! जय भारत!
हमारा देश महान है!”
“मेरा देश मेरी जान है,
मेरा देश मेरी शान है।
मैं अपने देश से प्यार करता हूं,
और उसके लिए काम करना चाहता हूं।
मेरा देश एक महान देश है,
जहां विविधता में एकता है।
मेरा देश एक विविध और समृद्ध देश है,
जहां विभिन्न धर्मों, जातियों और संस्कृतियों के लोग रहते हैं।
मैं अपने देश की रक्षा करना चाहता हूं,
और उसकी एकता और अखंडता को बनाए रखना चाहता हूं।
मैं अपने देश के लिए काम करना चाहता हूं,
और उसके विकास में योगदान देना चाहता हूं।
जय हिंद! जय भारत!
मेरा देश महान है!”
भारत में संविधान को अपनाए जाने के 75 साल पूरे हो रहे हैं, इस साल भारत का 76वां गणतंत्र दिवस है। ऐसा इसलिए है क्योंकि भारत का पहला गणतंत्र दिवस 26 जनवरी, 1950 को मनाया गया था, जिस दिन भारत का संविधान लागू हुआ था। 1950 से गिनती करते हुए, 2025 में 76वीं वर्षगांठ मनाई जाएगी।
“आज हमारा देश महान है,
गणतंत्र दिवस का जश्न मनाएं।
स्वतंत्रता की लड़ाई में,
हमारे नेताओं ने बलिदान दिया है।
महात्मा गांधी, नेहरू और बोस,
इनके सपनों को हमें पूरा करना है।
हमारा देश एक विविध और समृद्ध देश है,
जहां विभिन्न धर्मों, जातियों और संस्कृतियों के लोग रहते हैं।
आइए हम सब मिलकर,
अपने देश को एक बेहतर भविष्य की ओर ले जाएं।
गणतंत्र दिवस का जश्न मनाएं,
और अपने देश के लिए काम करें।
जय हिंद! जय भारत!
हमारा देश महान है!”
1. “स्वतंत्रता हमारे देश की सबसे बड़ी ताकत है, और हमें इसे हमेशा बनाए रखना होगा।” – महात्मा गांधी
2. “हमारा देश एक महान देश है, और हमें इसके लिए गर्व करना चाहिए।” – जवाहरलाल नेहरू
3. “देशभक्ति हमारे देश की सबसे बड़ी जरूरत है, और हमें इसे हमेशा बढ़ावा देना होगा।” – सुभाष चंद्र बोस
4. “हमारा देश एक विविध और समृद्ध देश है, और हमें इसके लिए गर्व करना चाहिए।” – डॉ. बी.आर. अम्बेडकर
5. “स्वतंत्रता और समानता हमारे देश के सबसे महत्वपूर्ण मूल्य हैं, और हमें इन्हें हमेशा बनाए रखना होगा।” – जवाहरलाल नेहरू
6. “हमारा देश एक महान देश है, और हमें इसके लिए काम करना होगा।” – महात्मा गांधी
7. “देशभक्ति हमारे देश की सबसे बड़ी ताकत है, और हमें इसे हमेशा बढ़ावा देना होगा।” – सुभाष चंद्र बोस
8. “हमारा देश एक विविध और समृद्ध देश है, और हमें इसके लिए गर्व करना चाहिए।” – डॉ. बी.आर. अम्बेडकर
गणतंत्र दिवस भारत के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है, जो हर साल 26 जनवरी को मनाया जाता है। यह दिन भारत के संविधान को लागू करने की याद में मनाया जाता है, जो 1950 में लागू हुआ था।
छात्रों को 5 प्वाइंट में समझाएं गणतंत्र दिवस का महत्व
1. संविधान का महत्व: गणतंत्र दिवस भारत के संविधान को लागू करने की याद में मनाया जाता है, जो देश के नागरिकों को समानता, न्याय और स्वतंत्रता का अधिकार देता है।
2. देश की एकता और अखंडता: गणतंत्र दिवस देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए मनाया जाता है।
3. देशभक्ति और राष्ट्रीय एकता: गणतंत्र दिवस देशभक्ति और राष्ट्रीय एकता के महत्व को बढ़ावा देता है।
4. स्वतंत्रता संग्राम की याद: गणतंत्र दिवस स्वतंत्रता संग्राम की याद में मनाया जाता है, जिसमें देश के नेताओं और स्वतंत्रता सेनानियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
5. देश के विकास में योगदान: गणतंत्र दिवस देश के विकास में योगदान देने के लिए मनाया जाता है, जिसमें देश के नागरिकों को अपने देश के लिए काम करने के लिए प्रेरित किया जाता है।
“मेरा देश मेरी जान है,
मेरा देश मेरी शान है।
मैं अपने देश से प्यार करता हूं,
और उसके लिए काम करना चाहता हूं।
मेरा देश विविधता में एकता है,
मेरा देश स्वतंत्रता और समानता है।
मेरा देश महान नेताओं की भूमि है,
मेरा देश वीरों की भूमि है।
मैं अपने देश की रक्षा करना चाहता हूं,
और उसकी एकता और अखंडता को बनाए रखना चाहता हूं।
मैं अपने देश के लिए काम करना चाहता हूं,
और उसके विकास में योगदान देना चाहता हूं।
जय हिंद! जय भारत!
मेरा देश महान है!”
“हमारा देश महान है,
जहां विविधता में एकता है।
हमारा देश स्वतंत्र है,
जहां हमें समानता और न्याय मिलता है।
हमारे देश के निर्माताओं ने,
हमें एक मजबूत संविधान दिया है।
उन्होंने हमें स्वतंत्रता दिलाई,
और हमें एक समृद्ध देश बनाया।
आइए हम सब मिलकर,
अपने देश को और भी महान बनाएं।
आइए हम अपने देश के लिए,
काम करें और उसकी रक्षा करें।
जय हिंद! जय भारत!
हमारा देश महान है!”
“आदरणीय शिक्षकगण, माता-पिता और मेरे प्यारे मित्रों,
आज हम सब गणतंत्र दिवस के अवसर पर एकत्रित हुए हैं। यह दिन हमारे देश के इतिहास में एक महत्वपूर्ण दिन है, जब हमारा देश 1950 में एक गणराज्य बना था।
गणतंत्र दिवस का महत्व हमारे देश के संविधान में निहित है। हमारा संविधान हमें समानता, न्याय और स्वतंत्रता का अधिकार देता है। यह हमें एक मजबूत और न्यायपूर्ण देश बनाने में मदद करता है।
गणतंत्र दिवस हमें हमारे देश के निर्माताओं की याद दिलाता है, जिन्होंने हमें एक स्वतंत्र और समृद्ध देश दिया है। यह हमें उनके बलिदानों को याद करने और उनके सपनों को पूरा करने के लिए प्रेरित करता है।
आइए हम सब मिलकर अपने देश को एक बेहतर भविष्य की ओर ले जाएं और हमारे संविधान के माध्यम से समानता, न्याय और स्वतंत्रता का अधिकार प्राप्त करें।
जय हिंद! जय भारत!”
“आदरणीय शिक्षकगण, माता-पिता और मेरे प्यारे मित्रों, आज हम सब गणतंत्र दिवस के अवसर पर एकत्रित हुए हैं। यह दिन हमारे देश के इतिहास में एक महत्वपूर्ण दिन है, जब हमारा देश 1950 में एक गणराज्य बना था। हमारा देश भारत एक महान देश है, जो विविधता में एकता का प्रतीक है। हमारे देश में विभिन्न धर्मों, जातियों, संस्कृतियों और भाषाओं के लोग रहते हैं, लेकिन हम सभी एक ही देश के नागरिक हैं।
हमारे देश के निर्माताओं ने हमें एक मजबूत और न्यायपूर्ण संविधान दिया है, जो हमें समानता, न्याय और स्वतंत्रता का अधिकार देता है। आइए हम सब मिलकर अपने देश को एक बेहतर भविष्य की ओर ले जाएं और हमारे संविधान के माध्यम से समानता, न्याय और स्वतंत्रता का अधिकार प्राप्त करें। आइए हम सब मिलकर अपने देश के लिए काम करें और उसे एक महान देश बनाएं। जय हिंद! जय भारत!”
“आदरणीय शिक्षकगण, माता-पिता और मेरे प्यारे मित्रों,
आज मैं आप सभी के सामने एकता में अनेकता के महत्व पर बात करना चाहता हूं। हमारा देश भारत एक विविध और समृद्ध देश है, जहां विभिन्न धर्मों, जातियों, संस्कृतियों और भाषाओं के लोग रहते हैं। हमारे देश में अनेकता है, लेकिन हम सभी एक ही देश के नागरिक हैं। हमारी अनेकता हमारी ताकत है, और हमें इसे बनाए रखना होगा।
एकता में अनेकता का अर्थ है कि हम अपनी विविधता को स्वीकार करते हुए एक दूसरे के साथ मिलकर काम करते हैं। यह हमें एक मजबूत और समृद्ध देश बनाने में मदद करता है। आइए हम सब मिलकर अपने देश को एक बेहतर भविष्य की ओर ले जाएं और एकता में अनेकता के महत्व को बनाए रखें। हमें अपनी विविधता को स्वीकार करना होगा और एक दूसरे के साथ मिलकर काम करना होगा। जय हिंद! जय भारत!”
“आदरणीय शिक्षकगण, माता-पिता और मेरे प्यारे मित्रों,
आज हम सब गणतंत्र दिवस के अवसर पर एकत्रित हुए हैं। यह दिन हमारे देश के इतिहास में एक महत्वपूर्ण दिन है, जब हमारा देश 1950 में एक गणराज्य बना था। हमारा देश भारत एक महान देश है, जो विविधता में एकता का प्रतीक है। हमारे देश में विभिन्न धर्मों, जातियों और संस्कृतियों के लोग रहते हैं, लेकिन हम सभी एक ही देश के नागरिक हैं।
हमारे देश के निर्माताओं ने हमें एक मजबूत और न्यायपूर्ण संविधान दिया है, जो हमें समानता, न्याय और स्वतंत्रता का अधिकार देता है। आइए हम सब मिलकर अपने देश को एक बेहतर भविष्य की ओर ले जाएं और हमारे संविधान के माध्यम से समानता, न्याय और स्वतंत्रता का अधिकार प्राप्त करें।
हमारे देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए हमें अपने देश के प्रति वफादार रहना होगा। हमें अपने देश की सेवा करनी होगी और उसकी रक्षा करनी होगी। आइए हम सब मिलकर अपने देश के लिए काम करें और उसे एक महान देश बनाएं। जय हिंद! जय भारत!”
“नमस्कार आदरणीय शिक्षकगण, माता-पिता और मेरे प्यारे मित्रों,
आज हम सब गणतंत्र दिवस के अवसर पर एकत्रित हुए हैं। यह दिन हमारे देश के इतिहास में एक महत्वपूर्ण दिन है, जब हमारा देश 1950 में एक गणराज्य बना था। भारत को 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्रता मिली थी, लेकिन उस समय हमारा देश एक राजतंत्र था। हमारे देश के नेताओं ने एक मजबूत और न्यायपूर्ण संविधान बनाने का निर्णय लिया।
डॉ. भीमराव अम्बेडकर की अध्यक्षता में एक संविधान सभा बनाई गई, जिसने हमारे देश के संविधान का मसौदा तैयार किया। इस मसौदे को 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा में पारित किया गया और 26 जनवरी 1950 को यह संविधान लागू हुआ।
आज हम सब गणतंत्र दिवस के अवसर पर एकत्रित हुए हैं और हमारे देश के संविधान का सम्मान करते हैं। आइए हम सब मिलकर अपने देश को एक बेहतर भविष्य की ओर ले जाएं और हमारे संविधान के माध्यम से समानता, न्याय और स्वतंत्रता का अधिकार प्राप्त करें। जय हिंद! जय भारत!”
“नमस्कार आदरणीय शिक्षकगण, माता-पिता और मेरे प्यारे मित्रों, आज मैं आप सभी के सामने हमारे देश के संविधान के बारे में बात करना चाहता हूं। हमारा संविधान हमारे देश का सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज है, जो हमें समानता, न्याय और स्वतंत्रता का अधिकार देता है।
हमारे संविधान को बनाने में हमारे देश के महान नेताओं और विद्वानों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने हमारे देश के लिए एक मजबूत और न्यायपूर्ण संविधान बनाया है, जो हमें एक सुंदर और समृद्ध देश बनाने में मदद करता है।
आइए हम सब मिलकर अपने संविधान का सम्मान करें और उसके नियमों का पालन करें। आइए हम अपने देश को एक बेहतर भविष्य की ओर ले जाएं और हमारे संविधान के माध्यम से समानता, न्याय और स्वतंत्रता का अधिकार प्राप्त करें। जय हिंद! जय भारत!”
“आदरणीय शिक्षकगण, माता-पिता और मेरे प्यारे मित्रों, आज हम सब गणतंत्र दिवस के अवसर पर एकत्रित हुए हैं। यह दिन हमारे देश के इतिहास में एक महत्वपूर्ण दिन है, जब हमारा देश 1950 में एक गणराज्य बना था। हमारे देश के निर्माताओं ने हमें एक सुंदर और समृद्ध देश दिया है। उन्होंने हमारे लिए एक मजबूत संविधान बनाया है, जो हमें समानता, न्याय और स्वतंत्रता का अधिकार देता है।
आइए हम सब मिलकर अपने देश को और भी समृद्ध और शक्तिशाली बनाने के लिए प्रयास करें। आइए हम अपने देश के निर्माताओं के सपनों को पूरा करने के लिए काम करें और अपने देश को एक बेहतर भविष्य की ओर ले जाएं। धन्यवाद!”