क्यूएस एशिया यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2026 की सूची में भारत से IIT दिल्ली को टॉप पोजिशन ही मिली है। इस साल कुल 294 भारतीय संस्थान इस रैंकिंग में शामिल हुए हैं, जिनमें 7 विश्वविद्यालय टॉप 100 में शामिल हैं जबकि टॉप 200 में 20 संस्थान शामिल हैं। हालांकि आईआईटी संस्थानों के प्रदर्शन में गिरावट आई है। पिछले साल की तुलना में इस बार 36 विश्वविद्यालयों की रैंकिंग बेहतर हुई है। वहीं 16 की स्थिति समान रही और 105 की रैंकिंग में गिरावट दर्ज की गई है।
भारत से 7 संस्थानों में पांच आईआईटी
क्यूएस एशिया रैंकिंग में चीन, मलेशिया, दक्षिण कोरिया और सिंगापुर के संस्थानों ने बेहतर प्रदर्शन किया है। इस रैंकिंग में शीर्ष 10 भारतीय संस्थानों में शामिल पांच आईआईटी – दिल्ली, मद्रास, बॉम्बे, कानपुर और खड़गपुर ने हाल के सालों में अपनी सबसे निचली रैंक दर्ज की है। क्यूएस एशिया रैंकिंग में आईआईटी दिल्ली को 59वां स्थान मिला है। पिछले साल इस संस्थान को 44वीं पोजिशन मिली थी। 2021 से 2025 तक आईआईटी दिल्ली की रैंक 44 से 47वें स्थान के बीच रही है।
क्यूएस एशिया रैंकिंग 2026: टॉप 100 में जगह पाने वाले भारतीय संस्थान
| एशिया में रैंक | संस्थान | ओवरऑल स्कोर |
| 59 | आईआईटी दिल्ली | 78.6 |
| 64 | आईआईएससी बैंगलोर | 76.5 |
| 70 | आईआईटी मद्रास | 75.1 |
| 71 | आईआईटी बॉम्बे | 75 |
| 77 | ईट कानपुर | 73.4 |
| 77 | आईआईटी खड़गपुर | 73.4 |
| 95 | दिल्ली विश्वविद्यालय | 68.5 |
क्यूएस एशिया रैंकिंग में इस साल 137 नए विश्वविद्यालयों को पहली बार इस रैंकिंग में जगह मिली है। पहली बार इस रैंकिंग में स्थान पाने वाले यह कुछ भारतीय विश्वविद्यालय हैं।
चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी: 120 से बढ़कर 109वां स्थान
बिट्स पिलानी: पांच साल में 40 पायदान ऊपर, अब 154वें स्थान पर
ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी: पहली बार 163वें स्थान पर टॉप 200 में
लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी (LPU): सुधार के साथ 187वें स्थान पर
यह रैंकिंग इस बात पर अधिक जोर देती है कि भारत को अभी और कहां सुधार करने की आवश्यकता है। कई शीर्ष एशियाई विश्वविद्यालय, विशेष रूप से चीन, हांगकांग और सिंगापुर के, अंतर्राष्ट्रीय सहयोग, वैश्विक संकाय और शोध प्रभाव के मामले में तेज़ी से आगे बढ़ रहे हैं। नवीनतम परिणाम बताते हैं कि जहां भारत लगातार प्रगति कर रहा है, वहीं इस क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा हर साल कठिन होती जा रही है।
