पंजाब के सरकारी स्कूल चोरों के निशाने पर आ गए हैं। पिछले कुछ सालों से स्कूल सुधारने की दिशा में तो कई कदम उठाए गए हैं, कुछ स्कूलों को तो हाई टेक तक बनाया गया है, लेकिन उनकी सुरक्षा को लेकर कोई पुख्ता इंतजाम देखने को नहीं मिलता। यहीं वजह है कि अब जब बच्चों की गर्मियों की छुट्टी हो रही है, स्कूल प्रशासन को सारा सामान सरपंच के घर रखवाना पड़ रहा है।

पंजाब के स्कूलों में बढ़ती चोरी

आलम ये चल रहा है कि स्कूल को इस बात का डर है कि कहीं पंखे, राशन, बर्तन, बच्चों के खिलौने चोरी ना हो जाए। पिछले कुछ समय से जो ट्रेंड देखने को मिल रहा है, उसके अनुसार चोर कुछ भी चोरी कर ले जा रहे हैं। उनके लिए स्कूल का फर्नीचर से लेकर राशन की दाल तक, सबकुछ चोरी करने वाला सामान है। अब स्कूल में क्योंकि सुरक्षा के लिए कोई गार्ड नहीं है, दीवारें टूटी हुई हैं, ऐसे में ये काम और ज्यादा आसान बन गया है। इस सब के ऊपर कई स्कूल शिकायत कर रहे हैं कि उनकी शिकायत तो पुलिस के पास दर्ज करवा दी गई है, लेकिन कार्रवाई अब तक नहीं हुई।

अब ऐसा भी नहीं है कि सिर्फ पंजाब के गांव वाले सरकारी स्कूलों में यो चोरी हो रही हों, पूरे राज्य में समान ट्रेंड देखने को मिल रहा है। आंकड़े बताते हैं कि फिरोजपुर से लुधियाना तक, मोगा से होशियारपुर तक, चोरी की वारदात लगातार देखने को मिल रही हैं। अकेले फिरोजपुर की बात की जाए तो वहां डेढ़ साल के अंदर ही 123 चोरी की वारदात हो चुकी हैं।

पंजाब के एक स्कूल में तो अब ऐसे हालात बन गए हैं कि शिक्षकों को बाहर बोर्ड लगाना पड़ रहा है कि अब चोरी ना करें, सबकुछ पहले ही चोरी हो चुका है। अपने अनुभव के बारे में एक शिक्षक ने बताया कि बच्चों के खिलौने, टेडी बीयर, गैस सिलेंडर, राशन, चेयर, सीसीटीवी कैमरे, कंप्यूटर, सब चोरी हो चुका है। स्कूल में अब कुछ नहीं बचा है। जिन सात कमरों से ये चोरी हो रही थी, वहां मैंने अपने पैसों से नए ताले लगवाए। अब तक 9 बार चोर हमारे स्कूल को निशाना बना चुके हैं।

स्कूल के बाहर लग गए बोर्ड

वहीं शिक्षक आगे बताते हैं कि हम इन चोरियों से इतना ज्यादा परेशान हो गए हैं कि अब हमे स्कूल के बाहर बोर्ड लगाना पड़ गया है कि हाथ जोड़ बिनती है कि स्कूल से सारा सामान पहले ही चोरी हो चुका है। अब ताले ना तोड़े जाएं। वैसे इन चोरी की वजह से कई स्कूल एक और चुनौती का सामना कर रहे हैं। सरकारों ने पैसा खर्च स्कूल में कई सुविधाएं तो दे दीं, लेकिन उनका बीमा नहीं है। ऐसे में एक बार अगर चोरी हो गई, तो दोबारा उन सुविधाओं का मिलना मुश्किल रहता है।

पुलिस के सामने क्या चुनौती?

इस बारे में फिरोजपुर के एसएसपी भुपिंदर सिंह सिद्धू कहते हैं कि पुलिस तो लगातार पैट्रोलिंग करती है, लेकिन कई स्कूल गांव में हैं, जहां तक पहुंचना मुश्किल रहता है, इसके ऊपर उन स्कूलों में कोई गार्ड भी नहीं है। हमने पाया है कि जो चोरी कर रहा है वो सिर्फ जल्दी पैसा कमाने की कोशिश में ऐसा करता है या फिर ड्रग्स के लिए।

इंडियन एक्सप्रेस ने जब इस मामले की पड़ताल की तो पता चला कि पंजाब के कुल 2042 सीनियर सेकेंड्री स्कूल में से सिर्फ 30 स्कूलों में ही रात के लिए गार्ड मौजूद हैं। प्राइमरी स्कूलों में तो गार्ड के लिए कोई नौकरी ही नहीं है।