मोदी सरकार में वित्त मंत्री रहते हुए निर्मला सीतारमण ने मंगलार को अपना सातवां बजट पेश किया। वहीं सरकार के तीसरे कार्यकाल का यह पहला बजट था। वित्त वर्ष 2024-25 के लिए जारी हुए बजट में शिक्षा, स्किल डेवलेपमेंट और रोजगार जैसे अहम क्षेत्रों को मजबूत करने के लिए फंड रिलीज किया। इसमें शिक्षा, कौशल विकास और रोजगार के लिए कुछ बड़ी घोषणआएं हुईं।

शिक्षा का बजट 1.48 लाख रुपए

वित्त मंत्री का बजट भाषण सुबह 11 बजे शुरु होकर करीब 12:30 तक चला। अपने भाषण में उन्होंने शिक्षा, कौशल विकास और रोजगार के लिए 1.48 लाख रुपए के बजट का ऐलान किया। साथ ही उन्होंने जॉब्स सेक्टर में महिलाओं को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से उन्हें अतिरिक्त वेतन दिए जाने का प्रावधान बजट में रखा। इसके अलावा 25,000 छात्रों की मदद के लिए मॉडल कौशल ऋण योजना में संशोधन का प्रस्ताव भी बजट में रखा गया।

वित्त मंत्री के भाषण की प्रमुख बातें

बजट में निर्मला सीतारमण ने घरेलू संस्थानों में उच्च शिक्षा के लिए 10 लाख रुपये तक के ऋण के लिए ई-वाउचर देने की बात कही। यह ई वाउचर हर साल 1 लाख छात्रों को मिलेगा। यह लोन 3 फीसदी वार्षिक ब्याज छूट के लिए दिए जाएंगे।

वित्त मंत्री ने अपने भाषण में रोजगार प्रोत्साहन के लिए तीन योजनाओं की घोषणा की। इनमें पहली योजना ये है कि पहली बार रोजगार पाने वाले युवाओं को ईपीएफओ में पहली बार पंजीकृत के एक माह के वेतन का 15 हजार रुपए तीन बार में दिया जाएगा।

दूसरी योजना ये है कि रोजगार पाने के पहले 4 साल में उनके EPFO योगदान के अनुसार कर्मचारी और नियोक्ता दोनों को प्रत्यक्ष प्रोत्साहन दिया जाएगा।

तीसरी योजना में नियोक्ताओं को प्रत्येक कर्मचारी के लिए दो वर्ष तक उनके प्रतिमाह तीन हजार रुपये तक के ईपीएफओ योगदान की प्रतिपूर्ती की जाएगी।

भारत की शीर्ष कंपनियां पांच साल में 1 करोड़ युवाओं को स्किल ट्रेनिंग देंगी। 5 हजार रुपये मासिक मानदेय के साथ 12 माह की प्रधानमंत्री इंटर्नशिप युवाओं को मिलेगी।

ई-श्रम पोर्टल को अन्य के साथ जोड़ा जाएगा ताकि नौकरी खोजने वालों को कंपनियों और स्किल ट्रेनिंग संस्थानों से मिलाया जा सके।