नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने 5 मई 2024, रविवार को देश के 557 शहरों और विदेश के 14 शहरों में नीट यूजी परीक्षा 2024 का आयोजन किया। कड़े सुरक्षा इंतजाम के बीच इस एग्जाम का आयोजन किया गया था, लेकिन बिहार और राजस्थान में पेपर लीक की खबरों ने स्टूडेंट्स को काफी परेशान कर दिया। कल से ही सोशल मीडिया पर यह दावे वायरल हो रहे हैं कि बिहार की राजधानी पटना में और राजस्थान के सवाई माधोपुर और भरतपुर में पेपर लीक हो गया था, लेकिन एनटीए ने ऐसे दावों को सिरे से खारिज कर दिया।
कहां से पेपर लीक की आई खबर?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पटना में नीट का पेपर लीक होने की सूचना के बाद एफआईआर भी दर्ज की गई है। वहीं राजस्थान के भरतपुर में एक डमी कैंडिडेट को परीक्षा देते पकड़ा गया। वहीं राजस्थान के ही सवाई माधोपुर में हिंदी मीडियम के परीक्षार्थियों को गलती से अंग्रेजी मीडियम का पेपर बांटने का मामला सामने आया जिसके बाद बच्चों के अभिभावकों ने हंगामा मचा दिया। राजस्थान में सीकर जिले से भी एक परीक्षार्थी ने दूसरे परीक्षार्थी को परीक्षा केंद्र के बाहर ही चाकू मार दिया। इसके बाद वह जाकर आराम से परीक्षा देता रहा और पुलिस बाहर उसका इंतजार करती रही।
पेपर लीक पर एनटीए ने क्या कहा?
नीट यूजी पेपर लीक मामले पर एनटीए ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने स्वीकार किया है कि सवाई माधोपुर में एक एग्जाम सेंटर से गलत पेपर बांटने का मामला सामने आया था। वहां एनटीए ने नोटिस जारी कर पूरे मामले की जानकारी मांगी है। इस सेंटर पर गलत पेपर बांटे जाने के बाद स्टूडेंट्स और उनके अभिभावकों ने हंगामा कर दिया। परीक्षार्थी एग्जाम सेंटर से बाहर आ गए।
एनटीए ने एक अन्य ट्वीट में कहा है कि सोशल मीडिया पर पेपर लीक को लेकर जो बातें वायरल हो रही हैं वह पूरी तरह से भ्रामक हैं। पेपर लीक का दावा करने वाली सभी सोशल मीडिया पोस्ट पूरी तरह से निराधार हैं। बता दें कि नीट यूजी परीक्षा 2024 का आयोजन एमबीबीएस की 1 लाख सीटों के लिए हुआ है। इस परीक्षा के लिए 24 लाख से अधिक कैंडिडेट्स ने आवेदन किया था जिसमें 10 लाख पुरुष कैंडिडेट्स हैं तो वहीं 13 लाख से अधिक महिला उम्मीदवार शामिल हैं।
एनटीए की सफाई
एनटीए ने कहा है कि हमने पेपर लीक की खबर की जांच की और पता चला कि परिस्थितियां किसी भी पेपर लीक की ओर इशारा करने वाले सोशल मीडिया पोस्ट पूरी तरह से निराधार और बिना किसी आधार के हैं। अफवाहों पर विराम लगाने के लिए यह भी कहा गया है कि प्रत्येक प्रश्न पत्र का हिसाब-किताब कर लिया गया है। इसके अलावा, यह भी ध्यान दिया जाना चाहिए कि परीक्षा केंद्रों के गेट बंद होने के बाद बाहर से किसी को भी हाल के अंदर प्रवेश की अनुमति नहीं थी। हमारे सभी परीक्षा केंद्र सीसीटीवी निगरानी में थे।