NEET UG Counselling 2025 Mistakes to Avoid: नीट क्रैक करना केवल आधी लड़ाई है, इसके बाद NEET काउंसलिंग नामक एक अलग प्रक्रिया होती है, जो काफी जटिल है। जहां एक भी गलती आपके सपनों का कॉलेज या यहां तक कि अपनी सीट भी पूरी तरह से खो सकते हैं। हर साल हजारों छात्र छोटी गलतियों के कारण परीक्षा से बाहर हो जाते हैं। यहां NEET काउंसलिंग के दौरान उम्मीदवारों द्वारा की जाने वाली शीर्ष पांच गलतियां हैं और आप उनसे कैसे बच सकते हैं।
- बिना रिसर्च और स्ट्रेटजी के बिना कॉलेज चुनना
कई छात्र पिछले साल का कट-ऑफ, शुल्क संरचना, बांड जैसे महत्वपूर्ण चीजों के जाने बिना ही सिर्फ प्रतिष्ठा या सुनी-सुनाई बातों के आधार पर कॉलेजों का चयन करते हैं।
समाधान:
अपनी पसंद को सत्यापित डेटा पर आधारित करें।
पिछले वर्षों से कट-ऑफ रुझान
छात्रावास और आकस्मिक शुल्क सहित संपूर्ण शुल्क संरचना
विश्वसनीय स्रोतों से छात्र समीक्षाएं
फिर अपने विकल्पों को इस प्रकार वर्गीकृत करें:
सपना (आपकी रैंक से थोड़ा ऊपर)
सुरक्षित (आपकी रैंक के लिए उपयुक्त)
बैकअप (आपकी रैंक से थोड़ा नीचे)
- विकल्पों को लॉक न कर पाना या उन्हें बहुत जल्दी लॉक कर देना
गलती:
कुछ छात्र या तो अपने विकल्पों को लॉक करना भूल जाते हैं, जिससे सिस्टम ऑटो-लॉक हो जाता है (जो शायद वास्तविक प्राथमिकताओं को प्रतिबिंबित नहीं करता है), या वे सभी विकल्पों को पूरी तरह से खोजे बिना ही उन्हें जल्द ही लॉक कर देते हैं।
समाधान:
संपूर्ण चॉइस-फिलिंग विंडो का बुद्धिमानी से उपयोग करें। अंतिम दिन तक आवश्यकतानुसार समायोजन करें, और सुनिश्चित होने पर अपने विकल्पों को मैन्युअल रूप से लॉक करें। सबमिशन के प्रमाण के रूप में एक स्क्रीनशॉट या प्रिंटआउट अपने पास रखें।
- राज्य परामर्श के अवसरों की अनदेखी
गलती:
केवल अखिल भारतीय कोटा (एआईक्यू) पर ध्यान केंद्रित करने और राज्य परामर्श की उपेक्षा करने से आपकी संभावनाएं कम हो सकती हैं, खासकर यदि आपके गृह राज्य में बेहतर संभावनाएं हैं।
समाधान:
एआईक्यू और अपने राज्य परामर्श प्रक्रिया दोनों के माध्यम से आवेदन करें। यदि पात्र हैं, तो एक से अधिक राज्यों (जैसे, दिल्ली, राजस्थान) में अधिवास-आधारित कोटा के माध्यम से आवेदन करने पर विचार करें।
प्रत्येक राज्य के अलग-अलग नियम, कट-ऑफ और आवश्यक दस्तावेज हैं – पहले से ही इनसे परिचित हो जाएं।
- दस्तावेज़ों को गलत ढंग से संभालना
गलती:
रिपोर्टिंग चरण के दौरान गुम, गलत या अधूरे दस्तावेज़ों के कारण सीट रद्द हो सकती है, भले ही आपने परीक्षा उत्तीर्ण कर ली हो।
समाधान:
एक व्यापक नीट काउंसलिंग दस्तावेज़ किट तैयार करें जिसमें शामिल हैं:
नीट एडमिट कार्ड और स्कोरकार्ड
कक्षा 10वीं और 12वीं की मार्कशीट
श्रेणी प्रमाणपत्र (यदि लागू हो)
निवास प्रमाण पत्र, जन्म प्रमाण पत्र और वैध आईडी प्रमाण
पासपोर्ट आकार की तस्वीरें
अनंतिम आवंटन पत्र
दोबारा जांचें कि प्रत्येक दौर के लिए मूल, स्व-सत्यापित प्रतियां या डिजिटल संस्करण आवश्यक हैं या नहीं।
मॉप-अप और स्ट्रे वैकेंसी राउंड को छोड़ना
गलती:
कुछ उम्मीदवार प्रारंभिक दौर के बाद यह मानकर बाहर हो जाते हैं कि उन्होंने अपना मौका खो दिया
समाधान:
मॉप-अप और आवारा रिक्ति राउंड में अक्सर ड्रॉपआउट या दस्तावेज़ समस्याओं के कारण फेरबदल देखा जाता है। प्रतिष्ठित कॉलेज कभी-कभी इन राउंड में रिक्त सीटें जारी करते हैं।
ध्यान दें कि इन राउंड में आमतौर पर नए पंजीकरण की आवश्यकता होती है- समय सीमा को अलग से चिह्नित करें और सतर्क रहें।
NEET काउंसलिंग के दौरान आपके द्वारा चुने गए विकल्प न केवल आपके कॉलेज, बल्कि आपके करियर, आपके भविष्य और एक डॉक्टर के रूप में आपकी पहचान को आकार देंगे। सूचित रहें, रणनीतिक बनें और प्रक्रिया पर भरोसा रखें। घबराहट और भ्रम से बचें – जो मेहनत आपने पहले की है उसे बर्बाद न होने दें। स्पष्टता, धैर्य और योजना के साथ आपको सीट भी मिलेगा और आप डॉक्टर भी बनेंगे।