राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (पोस्टग्रेजुएट) NEET PG 2025 की काउंसलिंग आखिरकार 17 अक्तूबर 2025 से शुरू हो गई है। हालांकि यह प्रक्रिया करीब दो महीने की देरी से शुरू हुई, क्योंकि परीक्षा परिणाम 19 अगस्त को घोषित किए गए थे। मेडिकल काउंसलिंग कमेटी (MCC) ने पंजीकरण की विंडो तो खोल दी है, लेकिन अब तक राउंडवार शेड्यूल जारी नहीं किया गया, जिससे अभ्यर्थियों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
देरी के पीछे कारण: पुनर्परीक्षा विवाद और सुप्रीम कोर्ट केस
इस वर्ष की देरी के पीछे कई प्रमुख कारण हैं — NEET PG पुनर्परीक्षा विवाद, परिणामों में अनियमितता के आरोप, और सुप्रीम कोर्ट में लंबित मामला, जिसमें परीक्षा की पारदर्शिता पर सवाल उठाए गए हैं। इसके साथ ही, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) नए मेडिकल कॉलेजों की सीट मैट्रिक्स को अंतिम रूप देने में जुटा है, जिससे प्रक्रिया और भी धीमी हो गई। यह पहली बार नहीं है जब काउंसलिंग में देरी हुई हो। 2019 के बाद से अब तक, NEET PG काउंसलिंग शायद ही कभी समय पर शुरू हुई हो।
2019 से 2025 तक NEET PG काउंसलिंग टाइमलाइन
| वर्ष | परिणाम तिथि | काउंसलिंग शुरू | अनुमानित देरी (लगभग दिन) | देरी का मुख्य कारण |
| 2019 | 31 जनवरी 2019 | 15 मार्च 2019 | 43 दिन | प्रशासनिक: सामान्य प्रक्रिया समय |
| 2020 | 30 जनवरी 2020 | 9 अप्रैल 2020 | 70+ दिन | COVID-19 महामारी: लॉकडाउन के कारण रुकी प्रक्रिया |
| 2021 | 28 सितंबर 2021 | 12 जनवरी 2022 | 106 दिन | कानूनी: EWS/OBC कोटे पर सुप्रीम कोर्ट मामला |
| 2022 | 1 जून 2022 | 15 सितंबर 2022 | 106 दिन | प्रशासनिक: नए कॉलेजों के LoP जारी होने में देरी |
| 2023 | 14 मार्च 2023 | 27 जुलाई 2023 | 135 | दिन कानूनी व प्रशासनिक: डेटा लीक और सीट मैट्रिक्स विवाद |
| 2024 | 23 अगस्त 2024 | 20 सितंबर 2024 | 28 दिन | कानूनी: परीक्षा पारदर्शिता पर कोर्ट में सुनवाई |
| 2025 | 19 अगस्त 2025 | 17 अक्तूबर 2025 | 59 दिन | कानूनी व प्रशासनिक: SC केस और सीट अनुमोदन में देरी |
NEET PG counselling 2025: वर्ष दर वर्ष देरी के कारण
2019: अंतिम बार समय पर प्रक्रिया हुई
2019 में परिणाम 31 जनवरी को घोषित हुए और 15 मार्च को काउंसलिंग शुरू हुई। यह वह आखिरी साल था जब पूरा शेड्यूल निर्धारित समय पर चला।
2020: महामारी से ठप प्रक्रिया
मार्च 2020 में लॉकडाउन के चलते काउंसलिंग रोक दी गई। परिणाम तो समय पर आए, लेकिन कोविड-19 के कारण अप्रैल तक प्रक्रिया रुकी रही।
2021: EWS कोटे पर सुप्रीम कोर्ट केस
EWS और OBC आरक्षण को लेकर दायर याचिका के चलते 2021 की काउंसलिंग सबसे लंबी देरी से प्रभावित हुई। जनवरी 2022 में जाकर प्रक्रिया दोबारा शुरू हो सकी।
2022: प्रशासनिक अड़चनें
नए मेडिकल कॉलेजों को अनुमति (LoP) देने में NMC की देरी के चलते सीट मैट्रिक्स तैयार नहीं हो सका, जिससे काउंसलिंग तीन महीने से अधिक रुकी रही।
2023: डेटा लीक विवाद और सीट मैट्रिक्स देरी
इस साल 135 दिन की देरी हुई — जो अब तक की सबसे लंबी रही। डेटा लीक आरोपों के चलते अतिरिक्त सत्यापन और सुरक्षा जांच करनी पड़ी।
2024: परीक्षा पारदर्शिता पर कानूनी जांच
सुप्रीम कोर्ट में लंबित सुनवाई के कारण परिणाम आने के बाद भी MCC शेड्यूल घोषित नहीं कर सका। सितंबर में प्रक्रिया शुरू हुई, लेकिन सत्र समय पर खत्म करने के लिए बाद के राउंड संकुचित किए गए।
2025: पुनर्परीक्षा विवाद और सुप्रीम कोर्ट सुनवाई
इस साल देरी के पीछे दो मुख्य कारण रहे — परीक्षा में कथित अनियमितताओं पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई, और NMC द्वारा नई सीटों की स्वीकृति में देरी।
NEET PG counselling 2025: क्या कहते हैं विशेषज्ञ ?
डॉ. प्रवीण त्रिपाठी, फैकल्टी, सेरेबेलम एकेडमी ने कहा, “यह उन एजेंसियों की भारी विफलता है जो परीक्षा आयोजित करने और काउंसलिंग कराने की ज़िम्मेदार हैं। पिछले कुछ वर्षों से NEET-PG परीक्षा बार-बार टल रही है और NBEMS इसे सुचारू रूप से आयोजित करने में असफल रहा है। हाल ही में NEET-SS परीक्षा भी स्थगित कर दी गई। समय पर काउंसलिंग शुरू न करके, मेडिकल काउंसलिंग कमेटी (MCC) हज़ारों मेधावी छात्रों का कीमती समय बर्बाद कर रही है, जो अपनी रेजिडेंसी शुरू नहीं कर पा रहे हैं। इस देरी के कारण न केवल उनकी ट्रेनिंग देर से पूरी होगी बल्कि उन रेजिडेंट डॉक्टर्स की कमी भी और बढ़ेगी जो देश की स्वास्थ्य व्यवस्था की रीढ़ हैं। संबंधित अधिकारियों को तुरंत इस अव्यवस्था को ठीक करने के लिए कदम उठाने चाहिए”-
वहीं डॉ. विवेक जैन नेशनल फैकल्टी – PSM, Cerebellum अकादमी, ने कहा, “मुझे कई समस्याएं दिखाई दे रही हैं। सबसे पहले, रैंक वाले छात्रों को बेवजह मानसिक एवं वित्तीय तनाव का सामना करना पड़ेगा। दूसरा, पहले से ही जूझ रहे हेल्थ केयर सिस्टम को स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की कमी का सामना करना पड़ेगा, जिससे अंततः रोगी देखभाल प्रभावित होगी। इसके अलावा, इससे मौजूदा प्रणाली में विश्वास कम होगा”।
