राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (NEET PG) को लेकर सुप्रीम कोर्ट में लगातार सुनवाई टलने के बीच अब छात्रों के डेटा लीक होने का गंभीर मामला सामने आया है। कई अभ्यर्थियों ने शिकायत की है कि उन्हें पिछले कुछ दिनों से अज्ञात काउंसलरों के कॉल और मैसेज आ रहे हैं, जो पैसे लेकर एमडी या एमएस (डॉक्टर ऑफ मेडिसिन / मास्टर ऑफ सर्जरी) सीट दिलाने का दावा कर रहे हैं।
छात्रों ने सोशल मीडिया पर उठाए सवाल
छात्रों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे X (पूर्व में ट्विटर), टेलीग्राम और रेडिट पर यह सवाल उठाया है कि इन काउंसलरों को उनका निजी डेटा — जैसे फोन नंबर, ईमेल आईडी और रैंक — कैसे मिला।
एक अभ्यर्थी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, “मुझे पिछले कुछ दिनों से NEET PG काउंसलरों के कॉल आ रहे हैं। वे कह रहे हैं कि पैसे देकर एडमिशन दिला देंगे। सवाल यह है कि उन्हें मेरा फोन नंबर और रैंक कैसे मिला? कई वेबसाइट्स पर NEET PG 2025 छात्रों का डेटा खुलेआम बेचा जा रहा है, जो निजता का गंभीर उल्लंघन है।”
एक अन्य छात्र ने रेडिट पर लिखा, “मैंने टेलीग्राम पर एक चैनल देखा जहां कोई व्यक्ति NEET PG 2025 का पूरा डेटा 15 हजार रुपये में बेच रहा था। मैंने उससे संपर्क किया और अपनी रैंक दी ताकि जांच सकूं कि जानकारी सही है या नहीं। उसने जो डेटा भेजा, वह पूरी तरह सटीक था — उसमें मेरा नाम, पिता का नाम, ईमेल, फोन नंबर और राज्य तक लिखा था।”
ऑनलाइन बिक रहा डेटा 3,000 से 8,500 रुपये में
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ऑनलाइन सर्च करने पर कई वेबसाइट्स पर ‘NEET PG 2025 Student Database’ नाम से फाइलें बिकती मिलीं, जिनकी कीमत 3,000 रुपये से लेकर 8,500 रुपये तक है। कुछ फाइलों के सैंपल मुफ्त में डाउनलोड भी किए जा सकते हैं।
indianexpress.com द्वारा प्राप्त सैंपल डेटा में 201 छात्रों के नाम, फोन नंबर, रोल नंबर, शहर, राज्य, पिता का नाम, ईमेल आईडी, स्कोर और रैंक जैसी जानकारी मौजूद थी। बताया गया कि इसी पूरी लिस्ट को 3,599 रुपये में बेचा जा रहा है।
NBEMS ने कहा — डेटा उनके स्तर से नहीं लीक हुआ
इस मामले पर नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन इन मेडिकल साइंसेज (NBEMS) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि NBEMS केवल परीक्षा आयोजित करता है और परिणाम घोषित करता है। उसके बाद परिणामों का डेटा मेडिकल काउंसलिंग कमिटी (MCC) और सभी राज्यों को काउंसलिंग के लिए दिया जाता है।
अधिकारी ने कहा, “यह डेटा पासवर्ड-संरक्षित पेन ड्राइव में साझा किया जाता है और पासवर्ड अलग से सील बंद लिफाफे में दिया जाता है। डेटा NBEMS से आगे किसी भी स्तर पर लीक हो सकता है क्योंकि NBEMS डेटा सुरक्षा के सभी प्रोटोकॉल का पालन करता है।”
अब कार्रवाई की मांग
छात्रों ने मांग की है कि डेटा लीक की जांच कर जिम्मेदार एजेंसियों पर सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की निजता का उल्लंघन न हो।