सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (27 फरवरी, 2023) को राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातकोत्तर (नीट-पीजी) 2023 को टालने के अनुरोध वाली याचिकाओं पर विचार करने से इनकार कर दिया। इस मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति एस आर भट्ट और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ कर रही थी। राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड (एनबीई) की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) ऐश्वर्या भाटी ने पीठ को बताया कि परीक्षा के लिए प्रवेश पत्र सोमवार को कार्यक्रम के अनुसार जारी कर दिए गए हैं और काउंसलिंग 15 जुलाई से शुरू हो सकती है।
निकट भविष्य में परीक्षा आयोजित कराने के लिए कोई तारीख उपलब्ध नहीं
उन्होंने पीठ से कहा, “हमारे तकनीकी सहयोगी के पास निकट भविष्य में परीक्षा आयोजित करने को लिए कोई तारीख उपलब्ध नहीं है।” बता दें कि याचिकाकर्ताओं ने यह कहते हुए परीक्षा टालने का अनुरोध किया कि काउंसलिंग 11 अगस्त के बाद आयोजित की जानी है क्योंकि इंटर्नशिप के लिए कट-ऑफ तारीख उस तारीख तक बढ़ा दी गई है। एनबीई ने 24 फरवरी को शीर्ष अदालत को बताया था कि नीट-पीजी परीक्षा 2023 के लिए लगभग 2.09 लाख उम्मीदवारों ने पंजीकरण कराया है और परीक्षा टाले जाने पर निकट भविष्य में कोई वैकल्पिक तारीख उपलब्ध नहीं हो सकती है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने 10 फरवरी को लोकसभा को बताया था कि स्नातकोत्तर चिकित्सा पाठ्यक्रमों में प्रवेश पाने के इच्छुक छात्रों के लिए नीट-पीजी परीक्षा 5 मार्च को निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आयोजित की जाएगी। मांडविया ने कांग्रेस के एक सदस्य के सवाल पर कहा था कि यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई भी छात्र छूट न जाए, मंत्रालय ने उन सभी एमबीबीएस छात्रों के लिए कट-ऑफ तारीख बढ़ा दी है, जिन्होंने अभी तक अपनी इंटर्नशिप पूरी नहीं की है। मंत्रालय ने नीट-पीजी उम्मीदवारों के लिए एक साल की अनिवार्य इंटर्नशिप पूरी करने को लेकर कट-ऑफ तारीख 30 जून से बढ़ाकर 11 अगस्त कर दी थी।
NEET PG 2023 को स्थगित करने की क्यों हो रही मांग?
FAIMA (फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन) के प्रतिनिधिमंडल के साथ NEET PG के उम्मीदवार परीक्षा को स्थगित करने की मांग कर रहे हैं। उम्मीदवारों का कहना है कि परीक्षा और काउंसलिंग के बीच समय ज्यादा है, जिसे कम करने के लिए परीक्षा को स्थगित कर दिया जाए। उनका दावा है कि अगर मार्च में परीक्षा होगी और अगस्त में काउंसलिंग होती है तो जो समय मिलेगा, उसमें वे ना तो नौकरी कर पाएंगे और ना ही पढ़ाई कर पाएंगे। अगर परीक्षा थोड़ी देरी से होगी, तो उम्मीदवार इसके लिए ज्यादा पढ़ाई कर पाएंगे और इससे परिणाम भी अच्छे मिलेंगे।