मोदी सरकार ने देश के मौजूदा सरकारी मेडिकल कॉलेजों में पीजी और यूजी कोर्सेस की सीटों में इजाफा करने का ऐलान किया है। सीटों की बढ़ोतरी की संख्या 10 हजार से अधिक है। यूजी में एमबीबीएस और पीजी में एमडी जैसे कोर्सेस के लिए सीटें बढ़ाने के लिए चल रही केंद्रीय योजना को केंद्रीय कैबिनेट ने मंजूरी प्रदान कर दी है। इस योजना के तहत MBBS की 5023 सीटें बढ़ेंगी जबकि पीजी के लिए 5,000 नई सीटें बढ़ाई जाएंगी। हर एक सीट के लिए सरकार 1.50 करोड़ रुपये के खर्च का वहन करेगी। यह कुल 15,034 करोड़ रुपए की राशि बनेगी।

एक्सपर्ट डॉक्टरों की उपलब्धता में होगी बढ़ोतरी

यह जानकारी केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को दी। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि मंत्रिमंडल ने मौजूदा सरकारी मेडिकल कॉलेजों को अपग्रेड करने का फैसला किया है। इसी के लिए 5,023 एमबीबीएस सीटें और 5 हजार पीजी सीटों के विस्तार को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है। सरकार का मानना है कि इस कदम से ग्रेजुएट स्तर की मेडिकल क्षमता में बड़ा इजाफा होगा। एक्सपर्ट डॉक्टरों की उपलब्धता बढ़ेगी और सरकारी मेडिकल संस्थानों में नई विशेषताओं की शुरुआत भी की जा सकेगी।

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केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर करेंगी खर्चा

बता दें कि मेडिकल कॉलेजों में सीटों की इस बढ़ोतरी की योजना पर केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर खर्चे का वहन करेंगी। 2025-26 से 2028-29 की अवधि के लिए दोनों योजनाओं का कुल 15,034.50 करोड़ रुपए होगा जिसमें केंद्र का योगदान 10,303.20 करोड़ और राज्य सरकारो का योगदान 4,731.30 करोड़ रुपए का होगा।

इस योजना से होने वाले लाभ

इस योजना से उन वंचित छात्रों को लाभ मिलेगा जो दूरदराज के क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा का लाभ नहीं ले सकते।

पीजी सीटों का विस्तार महत्वपूर्ण विषयों में विशेषज्ञों की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित करता है और स्वास्थ्य सेवा संसाधनों के संतुलित क्षेत्रीय वितरण को बढ़ावा देता है।