केरल में अब कक्षा 1 में दाखिला लेने की न्यूनतम उम्र को 5 साल से बढ़ाकर 6 साल कर दिया गया है। राज्य के शिक्षा मंत्री वी सिवाकुट्टी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए ये ऐलान किया कि राज्य में अब कक्षा 1 में एडमिशन लेने की न्यूनतम उम्र 6 साल की जा रही है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि अब तक बच्चों को पांच साल की उम्र में कक्षा 1 में प्रवेश दिया जा सकता था, लेकिन वैज्ञानिक अध्ययनों से पता चलता है कि छह साल की उम्र के बाद वे औपचारिक शिक्षा के लिए बेहतर तरीके से तैयार होते हैं।
‘6 साल की उम्र से ही स्कूल जाना शुरू करना चाहिए’
सिवाकुट्टी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि यही वजह है कि अच्छी तरह से विकसित शिक्षा प्रणाली वाले सभी देशों में औपचारिक शिक्षा के लिए एडमिशन की जो न्यूनतम उम्र है वह 6 साल या फिर उससे अधिक है। उन्होंने कहा कि केरल में, माता-पिता पारंपरिक रूप से पांच साल की उम्र में बच्चों को कक्षा 1 में दाखिला दिलाते हैं। हालांकि, अब 50 प्रतिशत से अधिक छात्र छह साल की उम्र में स्कूल जाना शुरू कर देते हैं और उन्होंने कहा कि इस प्रवृत्ति को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
नशीली दवाओं के दुरुपयोग को रोकने के लिए क्या बोले शिक्षा मंत्री
शिक्षा मंत्री ने कहा कि कक्षा 1 में एडमिशन के लिए उम्र का जो नया नियम है उसे अगले साल से लागू किया जाएगा। आयु संशोधन के अलावा शिक्षा मंत्री ने छात्रों के बीच नशीली दवाओं के दुरुपयोग को रोकने के लिए सरकार के प्रयासों पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि नशीली दवाओं से संबंधित मुद्दों को संबोधित करने के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार की गई है, जिसमें पता लगाने, रिपोर्ट करने और उपचारात्मक उपायों जैसे पहलुओं को शामिल किया गया है।
इसके अतिरिक्त, स्कूल परिसरों में नशीली दवाओं के उपयोग के खिलाफ जागरूकता और सतर्कता बढ़ाने के लिए अभिभावकों के समूह बनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि छात्रों की शारीरिक, मानसिक और सामाजिक भलाई पर ध्यान केंद्रित करते हुए स्कूल स्तर पर एक कार्य योजना भी लागू की गई है।