भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) बीएचयू, वाराणसी ने अपने अंडरग्रेजुएट (UG) पाठ्यक्रमों में बड़ा बदलाव करते हुए पांच वर्षीय इंटीग्रेटेड ड्यूल डिग्री (IDD) कार्यक्रमों को इस शैक्षणिक सत्र में पेश नहीं करने का फैसला किया है। यह निर्णय राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के अनुरूप पाठ्यक्रमों के पुनर्गठन के तहत लिया गया है। संस्थान ने स्पष्ट किया कि यह बदलाव 2024–25 में किए गए व्यापक करिकुलम रिव्यू का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य छात्रों को अधिक लचीलापन और विकल्प प्रदान करना है।

क्यों हटाए गए 5 वर्षीय IDD कोर्स?

IIT BHU के अनुसार, पुराने IDD मॉडल में छात्र को अनिवार्य रूप से 5 साल पूरे करने होते थे, जिसमें 4 साल बाद केवल BTech लेकर निकलने का विकल्प नहीं था।
संस्थान ने कहा, “कई छात्र BTech पूरा करने के बाद बाहर निकलना चाहते थे, लेकिन इंटीग्रेटेड ढांचे के कारण यह संभव नहीं था।”

किन IDD प्रोग्राम्स पर पड़ा असर?

IIT BHU में कुल 17 IDD प्रोग्राम संचालित थे, जिनमें से 13 प्रोग्राम JEE Advanced काउंसलिंग (JoSAA) का हिस्सा नहीं थे।

प्रमुख IDD प्रोग्राम्स में शामिल हैं:

कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग

मैकेनिकल इंजीनियरिंग

सिविल इंजीनियरिंग

मैथमेटिक्स एंड कंप्यूटिंग

इंजीनियरिंग फिजिक्स

मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग

मटीरियल साइंस एंड टेक्नोलॉजी

फार्मास्युटिकल इंजीनियरिंग

बायोइंजीनियरिंग

माइनिंग इंजीनियरिंग

अब क्या होगा? BTech सीटों में बदली जाएंगी IDD सीटें

संस्थान ने बताया कि जुलाई 2025 से सभी IDD (MTech) सीटों को संबंधित BTech सीटों में बदला जाएगा। हालांकि, IIT BHU ने यह भी स्पष्ट किया कि:

JEE Advanced के जरिए UG सीटों की कुल संख्या कम नहीं होगी

कोई भी कोर्स पूरी तरह बंद नहीं किया गया है

IDD पूरी तरह खत्म नहीं, अब होगा वैकल्पिक

IIT BHU ने साफ किया कि MTech IDD कोर्स बंद नहीं किए गए हैं, बल्कि अब यह वैकल्पिक (Optional) होंगे और अब छात्र BTech के छठे सेमेस्टर के बाद उसी विषय में IDD (BTech + MTech) चुन सकते हैं, जिसमें कुल अवधि होगी 10 सेमेस्टर (5 साल)

छात्रों को मिलेंगे 4 नए अकादमिक विकल्प

NEP के तहत IIT BHU अब BTech छात्रों को चार स्पष्ट विकल्प देगा:

पहला विकल्प: चौथे सेमेस्टर के बाद किसी अन्य विषय में Minor

दूसरा विकल्प: चौथे सेमेस्टर के बाद किसी अन्य विषय में Major (5 साल का कोर्स)

तीसरा विकल्प: छठे सेमेस्टर के बाद उसी विषय में MTech IDD

चौथा विकल्प: केवल साधारण BTech डिग्री

इसके अलावा, छात्र BTech (Honours) का विकल्प भी चुन सकते हैं।

क्या फैकल्टी की कमी कारण है?

IIT BHU ने फैकल्टी की कमी से जुड़े सवालों को सिरे से खारिज करते हुए कहा, “यह निर्णय पूरी तरह अकादमिक पुनर्गठन और NEP दिशानिर्देशों के अनुरूप लिया गया है, न कि फैकल्टी की कमी के कारण।”

पुराने छात्रों पर नहीं पड़ेगा असर

संस्थान ने स्पष्ट किया कि, 2024 या उससे पहले IDD में एडमिट छात्रों पर कोई असर नहीं पड़ेगा और वे पुराने पाठ्यक्रम ढांचे के तहत ही पढ़ाई जारी रखेंगे साथ ही किसी तरह का माइग्रेशन या ट्रांजिशन लागू नहीं होगा।

भविष्य की जरूरतों के अनुसार होगा पाठ्यक्रम

IIT BHU ने माना कि कुछ कोर्सों में हाल के वर्षों में छात्रों की रुचि घटी है, लेकिन “कोर्स बंद करने के बजाय उन्हें उद्योग और छात्रों की जरूरतों के अनुसार फिर से डिजाइन किया जाता है।” संस्थान ने कहा कि पाठ्यक्रम की समीक्षा हर 5–10 साल में बड़े स्तर पर और नियमित रूप से छोटे बदलावों के साथ की जाती है।

Jansatta Education Expert Conclusion

IIT BHU का यह फैसला छात्र-केंद्रित और NEP 2025 के अनुरूप है, जिससे छात्रों को करियर के अनुसार अधिक विकल्प, लचीलापन और इंटरडिसिप्लिनरी अवसर मिलेंगे।