महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में स्कूलों के नामों को लेकर बड़ी कार्रवाई की तैयारी कर ली है। अब बिना तय मानकों को पूरा किए अगर कोई स्कूल अपने नाम में ‘इंटरनेशनल’, ‘ग्लोबल’ या ‘CBSE’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल करता है, तो उस पर रोक लगाई जाएगी। सरकार का कहना है कि ऐसे नाम अभिभावकों और छात्रों को भ्रमित करते हैं।
15 दिसंबर को जारी हुआ सर्कुलर
माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने 15 दिसंबर को जारी सर्कुलर में स्पष्ट किया कि कई स्कूल, जो राज्य बोर्ड, ICSE या CBSE से जुड़े हैं, वे भी खुद को इंटरनेशनल या ग्लोबल बता रहे हैं, जबकि वे इसके लिए पात्र नहीं हैं।
‘इंटरनेशनल’ और ‘ग्लोबल’ नाम के लिए जरूरी शर्तें
सर्कुलर में साफ कहा गया है कि, जिन स्कूलों की दो या उससे अधिक देशों में शाखाएं नहीं हैं, वे खुद को ‘ग्लोबल’ नहीं कह सकते।
जो स्कूल कैम्ब्रिज इंटरनेशनल एजुकेशन या इंटरनेशनल बैकालॉरिएट (IB) से संबद्ध नहीं हैं, वे ‘इंटरनेशनल’ शब्द का इस्तेमाल नहीं कर सकते।
‘CBSE’ शब्द का प्रयोग स्कूल के नाम में करना कानूनी रूप से गलत है, क्योंकि यह केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड का आधिकारिक नाम है।
नए और पुराने दोनों स्कूलों की होगी जांच
सरकार ने साफ किया है कि यह नियम सिर्फ नए स्कूलों पर ही नहीं, बल्कि पहले से संचालित स्कूलों पर भी लागू होगा। जिन स्कूलों के नाम भ्रामक पाए जाएंगे, उन्हें मान्यता से पहले नाम बदलना अनिवार्य होगा।
11 नए स्कूलों पर विशेष निगरानी
शिक्षा विभाग ने बताया कि राज्य में 11 नए प्रस्तावित स्कूलों ने अपने नाम में ‘इंटरनेशनल’ शब्द का उपयोग किया है। फील्ड अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे इन मामलों की जमीनी जांच करें और सही रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
मराठी माध्यम स्कूलों का अंग्रेजी माध्यम दावा भी सवालों में
सर्कुलर में यह भी सामने आया कि कुछ स्कूल, जिन्हें मराठी माध्यम के रूप में मंजूरी मिली है, वे खुद को अंग्रेजी माध्यम बताकर प्रचार कर रहे हैं। इसे भी गंभीर उल्लंघन माना गया है।
बैठक में उठा मुद्दा
यह पूरा मामला 10 दिसंबर को हुई राज्य स्तरीय बैठक में सामने आया, जहां नए स्व-वित्तपोषित स्कूलों की मंजूरी और अपग्रेडेशन प्रस्तावों की समीक्षा की जा रही थी।
अभिभावकों और छात्रों के हित में फैसला
शिक्षा विभाग का मानना है कि स्कूलों के नामों में भ्रामक शब्दों का इस्तेमाल अभिभावकों के फैसलों को प्रभावित करता है, इसलिए ऐसे स्कूलों को नाम बदलने के निर्देश दिए जाएंगे।
Jansatta Education Expert Conclusion
अब महाराष्ट्र में स्कूलों को अपने नाम रखने से पहले बोर्ड मान्यता, माध्यम और अंतरराष्ट्रीय संबद्धता का पूरा ध्यान रखना होगा। नियमों का उल्लंघन करने वाले स्कूलों पर कार्रवाई तय मानी जा रही है।
