महाराष्ट्र में बोर्ड एग्जाम की शुरुआत 11 फरवरी 2025 से हो जाएगी। 10वीं के बोर्ड एग्जाम 21 फरवरी से शुरू होंगे तो वहीं 12वीं की परीक्षा 11 फरवरी से स्टार्ट होंगी। बोर्ड एग्जाम में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को रोकने के लिए प्रशासन अभी से तैयारियों में जुट गया है। इस बीच महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नितेश राणे ने शिक्षा मंत्री दादाजी भुसे को एक खत लिखकर ये मांग कर डाली है कि आगामी बोर्ड एग्जाम में छात्राओं को बुर्का पहनकर परीक्षा देने से रोका जाए।
क्या कहा है नितेश राणे ने?
नितेश राणे ने अपने खत में यह अनुरोध किया है कि 10वीं-12वीं की आगामी बोर्ड परीक्षाओं में सेंटर पर किसी भी छात्रा को बुर्का पहनकर आने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए, क्योंकि इससे परीक्षा में गड़बड़ी की संभावना बढ़ सकती है। नितेश राणे ने कहा है कि स्कूलों में हिंदुओं के लिए जब सामान नियम हैं तो वह नियम मुस्लिम छात्राओं के लिए भी होने चाहिए। राणे ने आगे कहा कि अगर उन्हें बुर्का पहनना है तो अपने घर पर अपने मोहल्ले में पहनें, परीक्षा केंद्रों पर उन्हें आम छात्र की तरह आना चाहिए।
बुर्के की आड़ में हो सकती है नकल
नितेश राणे ने कहा है कि बुर्के और हिजाब पर पाबंदी इसलिए लगनी चाहिए क्योंकि इसकी आड़ में छात्राएं नकल के अंजाम दे सकती हैं। इससे पहले कई बार ऐसे मामले आए हैं जहां बुर्के की आड़ में परीक्षा में गड़बड़ी को अंजाम दिया गया है। इसके अलावा बुर्के की वजह से चेकिंग में भी हंगामा हो जाता है, इसलिए मैंने शिक्षा मंत्री को खत लिखा है कि इस मामले में कठोर कदम उठाए जाएं।
बिहार में जूते-मोजे पर पाबंदी
बता दें कि बोर्ड एग्जाम को लेकर न सिर्फ महाराष्ट्र बल्कि अन्य राज्यों के बोर्ड भी काफी सख्त हैं। बिहार बोर्ड ने भी 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं में ड्रेस कोड लागू किया है। बोर्ड के दिशानिर्देशों में कहा गया है कि सेंटर पर जो स्टूडेंट मोजे और जूते पहनकर आएंगे उन्हें परीक्षा में बैठने नहीं दिया जाएगा। इसके अलावा क्लासरूम में एक बेंच पर दो ही बच्चे बैठेंगे।