कोलकाता में रहने वाली छात्राओं के लिए खुशखबरी है। दरअसल, यहां के 193 साल पुराने स्कॉटिश चर्च कॉलेजिएट स्कूल ने पहली बार लड़कियों के लिए अपने दरवाजे खोल दिए हैं। यानी अब यहां छात्राएं भी एडमिशन ले सकती हैं। इस स्कूल में पढ़ने की चाह रखने वाली छात्राएं अगले शैक्षणिक सत्र जनवरी 2024 से एडमिशन ले सकती हैं। इस स्कूल का सह-शिक्षा अनुभाग 18 डफ स्ट्रीट के परिसर में स्थापित किया गया है। इस परिसर में पहले चर्च द्वारा डायोसेसन किंडरगार्टन स्कूल चलाया जाता था।

मैनेजमेंट ने यह फैसला किया है कि यहां प्री-प्राइमरी और प्राइमरी (कक्षा 1) में 30-30 छात्र-छात्राओं की क्षमता वाला सेक्शन शुरू किया जाएगा। जो अंग्रेजी के साथ-साथ बंगाल बोर्ड से भी संबद्ध होगा। इस बारे में बात करते हुए बिशप परितोष कैनिंग ने कहा, “हमें बहुत खुशी है कि इस स्कूल में छात्राएं अगले शैक्षणिक सत्र 2024 से एडमिशन ले सकती हैं।”

लोगों की मांग पर स्कूल ने लिया फैसला

वहीं स्कूल के प्रिंसिपल बिभास सान्याल ने कहा” इस एरिया में रहने वाले लोगों की मांग थी कि इस स्कूल को लड़कियों के लिए भी खोल दिया जाए। कई का कहना था कि स्कूल में हम लड़कियों को पढ़ने की परमिशन क्यों नहीं देते हैं। इतने सारे लोगों के कहने के बाद हमने बिशप के साथ इस मामले पर चर्चा की। अब स्कूल के 200 साल पूरे होने के बाद छात्राओं को एडमिशन देकर हम इतिहास रचने वाले हैं।”

मैनजमेंट का कहना है कि इसके साथ ही नौंवी और 12वीं में पढ़ने वाली छात्राओं के लिए भी दरवाजे खोल दिए गए हैं। छात्राओं को 2024 सत्र से एडमिशन दिया जाएगा।

कब हुई स्थापना

दरअसल, अलेक्जेंडर डफ भारत में स्कॉटलैंड चर्च के पहले विदेशी मिशनरी थे। 13 जुलाई, 1830 को उन्होंने कोलकाता में जनरल असेंबली इंस्टीट्यूशन की स्थापना की जिसे अब स्कॉटिश चर्च कॉलेज और स्कॉटिश चर्च कॉलेजिएट स्कूल के नाम से जाना जाता है। इस फैसले से कई छात्राओं को लाभ मिलेगा।