आईआईटी बीटेक, एमटेक और रिसर्च प्रोग्राम में सीटें बढ़ाने के प्रस्‍ताव पर विचार करने को तैयार हो गई हैं। इसके तहत आईआईटी काउंसिल की 23 अगस्‍त को अगली बैठक में चर्चा की जाएगी। वर्तमान में 22 आईआईटी में 72 हजार छात्र पढ़ रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि मानव संसाधन मंत्रालय प्रस्‍ताव रखेगा कि आईआईटी अगले तीन सालों के दौरान छात्रों की संख्‍या को एक लाख तक लेकर जाए। इस प्रस्‍ताव के जानकार एक आईआईटी के डायरेक्‍टर ने बताया कि आईआईटी बीटेक में 4000 नई सीटें बढ़ाएंगे। वर्तमान में यह संख्‍या 9660 है। इसी तरह से एमटेक और पीएचडी प्रोग्राम में भी वर्तमान संख्‍या को एक लाख करने का लक्ष्‍य है।

डायरेक्‍टर ने बताया, ”इस लक्ष्‍य को हासिल करने के लिए आईआईटी को कैंपस में नियमित रूप से रहने की शर्त को हटाना होगा। दूसरे शब्‍दों में कहें तो नॉन रेजीडेंट छात्रों की संख्‍या बढ़ानी होगी।” वर्तमान में नियम है कि जो भी छात्र आईआईटी में एडमिशन लेते हैं उन्‍हें कैंपस में ही रहना होता है। यदि इसे मान लिया जाता है तो ओबीसी कोटा लागू किए जाने के बाद यह आईआईटी में छात्रों की संख्‍या बढ़ाने वाला दूसरा सबसे बड़ा प्रस्‍ताव होगा।

आईआईटी काउंसिल एक प्रोजेक्‍ट ‘विश्‍वजीत’ पर भी विचार करेगी। इस प्रोजेक्‍ट के जरिए आईआईटी विशेष रूप से टॉप सात दिल्‍ली, बॉम्‍बे, कानपुर, खड़गपुर, मद्रास, रूड़की और गुवाहाटी को साल 2018 तक दुनिया की टॉप-100 और 2020 तक टॉप 50 यूनिवर्सिटीज में पहुंचाने में मदद की जाएगी।