ICSE, ISC Board Marking Scheme 2020: काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेशन एग्जामिनेशन (CISCE) ने ISC कक्षा 12वीं और ICSE 10वीं के शेष पेपर के लिए संशोधित मूल्यांकन योजना जारी की है। केंद्रीय शिक्षा बोर्ड का दावा है कि यह फॉर्मूला देश भर के बड़े संस्थानों के विशेषज्ञों (reputed statisticians) द्वारा तैयार किया गया है। CISCE द्वारा जारी की गई मूल्यांकन योजना के मुताबिक, छात्रों के रिजल्ट बेस्ट ऑफ थ्री पेपरों के औसत के आधार पर तैयार किया जाएगा। 10वीं कक्षा के छात्रों का रिजल्ट, आंतरिक मूल्यांकन और विषय (सर्वश्रेष्ठ तीन पेपरों) के प्रतिशत आंतरिक मूल्यांकन के आधार तैयार किया जाएगा। वहीं 12वीं के छात्रों का रिजल्ट, सबजेक्ट प्रोजेक्ट और प्रैक्टिकल वर्क के आधार पर तैयार किया जाएगा। इसका मतलब यह है कि छात्रों को उन विषयों में से औसतन तीन प्रतिशत अंक प्राप्त होंगे जिनके लिए बोर्ड परीक्षा आयोजित की गई है।
CISCE की अधिसूचना के मुताबिक, ‘आंतरिक मूल्यांकन छात्र की कुशलता को मापता है और सबसे अच्छे तीन पेपरों में औसत अंक उनकी सामान्य शैक्षणिक क्षमता का एक आकलन है। बोर्ड परीक्षा में उम्मीदवारों के प्रदर्शन तक सीमित होता है, जो पहले ही सामने आ चुके हैं। अब तक, सबसे अच्छे तीन पेपरों में प्राप्त उनके औसत अंकों के माध्यम से तैयार किया जाता है। जबकि पहले में उम्मीदवारों की विषय प्रवीणता को देखा जाता है, बाद में उनकी सामान्य शैक्षणिक क्षमता को माता जाता था।’ दरअसल, बोर्ड ने 10वीं और 12वीं की 1 जुलाई से 14 जुलाई के बीच होने वाले पेपर कोरोनावायरस के खतरे के चलते कैंसिल कर दिए हैं।
JUST IN: CISCE reduces syllabus for ICSE & ISC Board exams next year by 25%. Syllabus cut announced to make up for the learning disruption caused by #COVID19 outbreak. @IndianExpress pic.twitter.com/doyVG0dQZD
— Ritika Chopra (@KhurafatiChopra) July 3, 2020
बता दें कि, COVID-19 महामारी के मद्देनजर काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (CISCE) बोर्ड ने अगले शैक्षणिक वर्ष में पाठ्यक्रम में 25 प्रतिशत की कमी करने का फैसला किया है। एक बयान बोर्ड ने कहा कि, सीआईएससीई से संबद्ध कई स्कूलों ने इस बदले हुए परिदृश्य को अपनाने की कोशिश की है और ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से शिक्षण सीखने की प्रक्रिया को जीवित रखने की कोशिश की है, शैक्षणिक वर्ष की महत्वपूर्ण कमी और निर्देशात्मक घंटों का नुकसान हुआ है।