History and Geography of Assam compulsory from 6th to 8th class: असम कैबिनेट ने शिक्षा व्यवस्था से जुड़े एक अहम फैसले को मंजूरी देते हुए कक्षा 6, 7 और 8 के छात्रों के लिए असम का इतिहास और भूगोल अनिवार्य विषय बनाने का निर्णय लिया है। यह फैसला न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) बिप्लब कुमार शर्मा की अध्यक्षता वाली समिति की सिफारिशों पर लिया गया है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सोशल मीडिया पर इस निर्णय की जानकारी देते हुए कहा कि इसका उद्देश्य छात्रों को अपने राज्य के इतिहास और भौगोलिक पहचान की बेहतर समझ देना है।

असम में अब अलग-अलग परीक्षाएं होंगी

असम की हिमंत बिस्वा सरमा के इस फैसले के तहत, छात्रों को इतिहास और भूगोल के लिए अलग-अलग 50 अंक की परीक्षाएं देनी होंगी। यह नया पाठ्यक्रम असम के सभी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में लागू होगा

असम में शिक्षा व्यवस्था की हकीकत आई सामने

विधानसभा में सरकार ने यह भी स्वीकार किया कि, राज्य के 1,400 से अधिक दूरदराज के स्कूलों में अभी भी पेयजल और शौचालय की सुविधा नहीं है और करीब 28,000 शिक्षकों के पद खाली पड़े हैं।

असम इंजीनियरिंग कॉलेज में बनेगा सेंटर ऑफ एक्सीलेंस

कैबिनेट ने गुवाहाटी के असम इंजीनियरिंग कॉलेज में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (CoE) स्थापित करने के लिए 243.66 करोड़ की राशि को मंजूरी दी है। यह केंद्र जिन क्षेत्रों पर फोकस करेगा उनकी जानकारी इस प्रकार है।

एयरोस्पेस और डिफेंस

ऑटोमोबाइल टेक्नोलॉजी

इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV)

इसका उद्देश्य:

इंडस्ट्री रेडी छात्र तैयार करना

स्किल ट्रेनिंग को बढ़ावा देना

स्टार्टअप और MSME को सपोर्ट करना

करबी आंगलोंग में बनेगा नया सैनिक स्कूल

सरकार ने करबी आंगलोंग जिले में नया सैनिक स्कूल खोलने की भी मंजूरी दे दी है। इस पर 335 करोड़ का खर्च आएगा। यह जिले का दूसरा सैनिक स्कूल होगा। इसकी फंडिंग राज्य सरकार और केंद्र सरकार दोनों के सहयोग से की जाएगी।

असम विधानसभा में पास हुए 6 शिक्षा विधेयक

असम विधानसभा में शिक्षा से जुड़े 6 अहम विधेयक पास किए गए, जो इस प्रकार हैं।

Azim Premji University विधेयक

NERIM University विधेयक

शिक्षक भर्ती कानून

फीस नियंत्रण

विद्यालयों का प्रांतीयकरण

संस्थागत पुनर्गठन

हालांकि, इन विधेयकों के विरोध में विपक्ष ने सदन से वॉकआउट किया।

Jansatta Education Expert Conclusion

असम सरकार का यह फैसला न केवल छात्रों को अपने राज्य से जोड़ने की दिशा में अहम कदम है, बल्कि शिक्षा के बुनियादी ढांचे, तकनीकी शिक्षा और रक्षा क्षेत्र में भी बड़े सुधारों का संकेत देता है। आने वाले समय में यह बदलाव राज्य की शिक्षा व्यवस्था को नई दिशा दे सकता है।