गृह विज्ञान जैसा कि इसके नाम से पता चलता है ‘घर का विज्ञान’, जिसे अंग्रेजी में ‘होम साइंस’ कहते हैं। वर्तमान में यह विषय घर को सजाने और संवारने की कला मात्र तक सीमित नहीं है। गृह विज्ञान विषय असल में घर और अन्य संसाधनों के प्रबंधन की कला है। इसमें संसाधनों के प्रबंधन, परिवार के पोषण, मानव पर्यावरण, बाल विकास आदि की जानकारी दी जाती है। बारहवीं पास करने के बाद गृह विज्ञान छात्राओं के पसंदीदा पाठ्यक्रमों में से एक है। इस पाठ्यक्रमों को करने के लिए छात्राएं गृह विज्ञान के पांच प्रमुख धाराओं में से किसी एक का विकल्प चुन सकते हैं।
योग्यता और पाठ्यक्रम
अगर आप 12वीं के बाद गृह विज्ञान में अपना करिअर बनाना चाहते हैं और बीएमसी करने की सोच रहे हैं, तो आपको भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान में 50 फीसद अंकों के साथ 12वीं की परीक्षा पास करनी होगी। कई ऐसे संस्थान हैं, जो गृह विज्ञान, प्राकृतिक विज्ञान, शारीरिक विज्ञान में वोकेशनल पाठ्यक्रम करने वालों को भी दाखिला देते हैं।
गृह विज्ञान से विद्यार्थी गृह विज्ञान में डिप्लोमा, बीएससी (गृह विज्ञान), बीएससी (आनर्स) गृह विज्ञान, बीएचएससी व बीएससी (आनर्स) खाद्य एवं पोषण, बीएससी (आनर्स) मानव विकास, एमएससी गृह विज्ञान, पीएचडी और पोस्ट डाक्टरेट पाठ्यक्रम कर सकते हैं। इसके अलावा गृह विज्ञान में स्नातक के बाद फैशन डिजाइनिंग, समाज कार्य, डाइटिटिक्स, परामर्श, विकास अध्ययन, आंत्रप्रन्यारशिप आदि विषयों में भी स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम किया जा सकता है।
नौकरियां
गृह विज्ञान के माध्यम से पढ़ाई करने के बाद छात्राएं नौकरी एवं स्वरोजगार दोनों ही प्रकार के अवसर प्राप्त कर सकती हैं। इन दोनों ही जगहों पर रोजगार की अपार संभावनाएं हैं। क्योंकि वर्तमान में गृह विज्ञान सिर्फ कढ़ाई, बुनाई और भोजनकला (पाककला) के रूप तक ही सीमित नहीं रहा है। यह एक व्यापक विषय के रूप में दुनिया भर में फैल चुका है।
हजारों छात्राएं बतौर विषय के रूप में इसे लेकर व्यापक स्तर पर इसमें शिक्षा ग्रहण कर चुकी हैं। गृह विज्ञान स्नातक के लिए सरकारी नौकरियों की कई संभावनाएं हैं। छात्राएं सरकारी शोध संस्थानों में शोध सहायक, खाद्य वैज्ञानिकों और प्रदर्शनकारियों के रूप में तकनीकी नौकरियां प्राप्त करते हैं।
रोजगार के प्रमुख क्षेत्र निम्न हैं:
उत्पादन : इस क्षेत्र में खाद्य संरक्षण, खाना बनाना, परिधान बनाना आदि आते हैं तथा इसमें स्नातक छात्र होटल एवं खाद्य उद्योग, कपड़ा व्यापार के फैशन डिजाइनिंग में काम कर सकते हैं। इसके अलावा शोध के क्षेत्र में यहां से संबंधित प्रयोगशालाओं में शोधकर्ता, विज्ञानी के रूप में काम किया जा सकता है।
बिक्री एवं सेवा : ब्रिकी के क्षेत्र में खाद्य उत्पादों का बेचने, उनके प्रचार संबंधित कार्य होता है, खासकर बच्चों के खाने का। इसमें अनुभव और जानकारी की दृष्टि से गृह विज्ञान के स्नातक उपयुक्त होते हैं। वहीं, सेवा के क्षेत्र में स्नातक छात्र किसी होटल, पर्यटक रिजार्ट, रेस्तरां, कैटरिंग सेंटर में ह्यहाउस कीपिंग डिपार्टमेंटह्ण में एवं देखरेख संबंधी कार्य कर सकते हैं।
शिक्षण : गृह विज्ञान में स्नातकोत्तर डिग्री वालों के पास शिक्षण का क्षेत्र भी अच्छा विकल्प होता है। पाठ्यक्रम पूरा करने के बाद विद्यार्थी किसी भी स्कूल में शिक्षक बन सकते हैं। वहीं, पीएचडी की डिग्री होने पर कालेज में प्रोफेसर की नौकरी मिल सकती है। लेडी इरविन कालेज की निदेशक अनूपा सिद्धू का कहना है कि गृह विज्ञान विषय में आप पांच विषयों को मूल रूप में पढ़ते हैं।
इसमें आप बीएससी, एमएससी एवं पीएचडी तक कर सकते हैं। इसमें नौकरियों की अपार संभावनाएं मौजूद हैं। गृह विज्ञान अब केवल भोजन तक ही सीमित नहीं रहा है, वर्तमान में यह बहुत गतिशील पाठ्यक्रम बन चुक है। गृह विज्ञान के पांच मुख्य विषयों में पीजी डिप्लोमा आहार विज्ञान और सार्वजनिक स्वास्थ्य पोषण (एक वर्ष), पीजी डिप्लोमा खाद्य एवं पोषण, मानव विकास एवं बाल अध्ययन, कपड़ा एवं परिधान विज्ञान, विकास संचार, संसाधन प्रबंधन और डिजाइन एप्लिकेशन शामिल हैं।
प्रमुख कालेज
लेडी इरविन कालेज, दिल्ली। माउंट कैमरेल कालेज बंगलुरु। इंस्टिट्यूट आफ होम इकोनामिक्स, दिल्ली। बीएमएन कालेज होम साइंस, महाराष्ट्र। निरमालागिरी कालेज, केरल। क्वीन मैरी कालेज, चेन्नई, तमिलनाडु।
सुनील कुमार (शिक्षक, डीयू)
