Lal Bahadur Shastri, Gandhi Jayanti 2024 Quotes, Speech, Essay in Hindi: भारत में 2 अक्टूबर एक बेहद विशेष तिथि है क्योंकि इस दिन महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री का जन्म हुआ था। ये दोनों ही हस्तियां भारत के इतिहास से लेकर वर्तमान तक और आने वाले भविष्य में भी प्रासंगिक बनी रहेंगी। 2 अक्टूबर को जन्मे मोहन दास करमचंद गांधी जिन्हें प्यार से बापू कहते हैं, तो दूसरी तरफ हैं देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जिन्हें गुदड़ी के लाल कहा जाता है।
महात्मा गांधी के जन्मदिन को गांधी जयंती तो लाल बहादुर शास्त्री के जन्मदिन को शास्त्री जयंती के रूप में मनाया जाता है। एक तरफ महात्मा गांधी हैं जिन्होंने जिन्होंने सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलते हुए भारत के स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, तो दूसरी तरफ हैं लाल बहादुर शास्त्री जिनके जीवन को ही सादगी की मिसाल के तौर पर देखा जाता है। शास्त्री ने दी देश में खाद्यान्न संकट के वक्त सप्ताह में एक दिन का उपवास रखने की अपील कर लोगों को एक नई राह दिखाई थी।
गांधी जयंती और शास्त्री जयंती पर स्कूलों में होने वाले कार्यक्रमों में अगर आप भाग लेना चाहते हैं या फिर इन दोनों के जन्मदिन पर लोगों को बधाई संदेश देना चाहते हैं, तो यहां जान लीजिए गांधीजी और शास्त्री जी के वो प्रमुख कोट्स और शिक्षाएं जिन्हें बधाई संदेश के रूप में भेजकर आप लोगों को सत्य, अहिंसा, सादगी और देशभक्ति की प्रेरणा और शिक्षाएं दे सकते हैं।
मौन- “तभी बोलो जब वह मौन से बेहतर हो”।
गरीबी- हम केवल दुनिया में केवल तभी सम्मान पा सकते हैं अगर हम आंतरिक रूप से मजबूत हैं और हमारे देश से गरीबी और बेरोजगारी को खत्म कर दे
विजय- “पहले वह आप पर ध्यान नहीं देंगे फिर वह आप पर हसेंगे फिर वह आप से लड़ेंगे और तब आप जीत जाएंगे”।
शांति- हमें शांति के लिए उतनी ही बहादुरी से लड़ना चाहिए, जितना हम युद्ध में लड़ते हैं
छूआछूत- अगर एक आदमी भी बोल दे की वो छुआछूत से पीड़ित से तो भारत को शर्म से सर झुका देना चाहिए
तरक्की- देश की तरक्की के लिए हमें आपस में लड़ने के बजाए गरीबी, बीमारी और अज्ञानता से लड़ना होगा।
स्वतंत्रता- “जब तक गलती करने की स्वतंत्रता ना हो तब तक स्वतंत्रता का कोई अर्थ नहीं”।
धन- “जो समय बचाते हैं वह धन बचाते हैं बचाया हुआ धन कमाए हुए धन के बराबर होता है”।
तरक्की- देश की तरक्की के लिए हमें आपस में लड़ने के बजाए गरीबी, बीमारी और अज्ञानता से लड़ना होगा
जीवन- “ऐसे जियो जैसे कि, आपको कल मरना है और सीखें ऐसे जैसे आपको हमेशा जीवित रहना है”।
सत्य और अहिंसा- सत्य और अहिंसा ही मेरे जीवन के दो आधार हैं
भूख- जब तक दुनिया में एक भी भूखा व्यक्ति है, तब तक मेरा काम पूरा नहीं हुआ है
प्रकृति- “बालक जन्म से पूर्व सीख कर आता है प्रकृति के साथ रहकर अभ्यस्त होता है”।
मन- “मेरा मन मेरा मंदिर है मैं किसी को भी अपने गंदे पांव के साथ मेरे मन से नहीं गुजरने दूंगा”।
जब तक दुनिया में एक भी भूखा व्यक्ति है, तब तक मेरा काम पूरा नहीं हुआ है- लाल बहादुर शास्त्री
देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने दिया था जय जवान, जय किसान का कालजयी नारा।
बदलाव- दुनिया बदलने से पहले स्वयं में बदलाव लाइए।- महात्मा गांधी
1948 में महात्मा गांधी की मृत्यु के बाद गांधी जयंती (2 अक्टूबर) को राष्ट्रीय अवकाश के रूप में घोषित किया गया था। यह दिन न केवल उनके जीवन का सम्मान करने के लिए मनाया जाता है, बल्कि शांति और सद्भाव के विचारों को बढ़ावा देने के लिए भी मनाया जाता है।
1. "खुद वो बदलाव बनो, जो तुम दुनिया में देखना चाहते हो।"
2. "मौन सबसे शक्तिशाली भाषण है, जो दुनिया को बदल सकता है।"
3. "एक छोटा सा कदम भी बदलाव की ओर पहला कदम होता है।"
4. "अहिंसा की शक्ति विजय प्राप्त करने की सबसे बड़ी शक्ति है।"
5. "सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलना ही सच्ची शक्ति है।"
6. "भारत की आत्मा गांवों में बसती है।"
7. "शिक्षा से मतलब है मनुष्य का संपूर्ण विकास।"
8. "अपने जीवन को एक उद्देश्य दें, और उसे पूरा करने के लिए निरंतर प्रयास करें।"
9. "जीवन में सफलता का रहस्य है- निरंतर प्रयास और आत्मविश्वास।"
10. "मैं तुम्हें आजादी दिलाने के लिए नहीं आया, मैं तुम्हें स्वतंत्रता का अर्थ सिखाने आया हूँ।"
खुशी- "तुम्हें ख़ुशी तब मिलेगी जब अपने सोच और कथन में सामंजस्य बैठा होगा"- महात्मा गांधी
देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 2 अक्टूबर, 1904 को उत्तर प्रदेश के मुगलसराय में हुआ था। शास्त्री जी के बचपन का नाम लाल बहादुर श्रीवास्तव था। उनके पिता का नाम शारदा प्रसाद और माता का नाम रामदुलारी देवी था।
शास्त्री जी के पिता शिक्षक और माता गृहणी थीं। लाल बहादुर शास्त्री जब दो वर्ष के थे तब उनके पिता की मृत्यु हो गई थी, जिसके चलते उनकी माता ने उनका लालन पालन अपने पिता के घर किया था।
शास्त्रीजी की प्रारम्भिक शिक्षा मिर्जापुर हुई थी, जिसके बाद उन्होंने वाराणसी के काशी विद्यापीठ से अपनी आगे की शिक्षा पूरी की थी। शिक्षा पूरी करने के बाद वो महात्मा गांधी के साथ जुड़ गए थे और असहयोग आंदोलन में भाग लेने के दौरान उन्हें कुछ समय जेल भी जाना पड़ा था।
स्वतंत्रता के बाद लाल बहादुर शास्त्री को देश का पुलिस मंत्री बनाया गया और बाद उन्हें केंद्रीय मंत्री पद दिया गया था, जहां उन्होंने बतौर रेल मंत्री, परिवहन मंत्री, वाणिज्य मंत्री और गृह मंत्री के रूप में काम किया।
लाल बहादुर शास्त्री 1964 में भारत के दूसरे प्रधान मंत्री बने थे और उनका कार्यकाल अपने आप में यादगार है। अपने कार्यकाल में उन्होंने "जय जवान जय किसान" का कालजयी नारा दिया, जो आज भी लोगों में जोश भर देता है।
लाल बहादुर शास्त्री जी का देहांद 11 जनवरी, 1966 को ताशकंद में हुआ था। भारत सरकार ने उन्हें मृत्यु के बाद भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। शास्त्री जी की दी हुई शिक्षाएं और विचार आज भी लोगों के बीच प्रासंगिक हैं।
महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर जिले में हुआ था। गांधी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था। महात्मा गांधी के पिता का नाम करमचंद गांधी और माता का नाम पुतलीबाई था। गांधीजी के पिता अंग्रेजी हुकूमत में बतौर दीवान काम करते थे जबकि उनकी मां कुशल गृहणी थीं। गांधी जी बचपन से ही बेहद शांत और सरल स्वभाव के थे और यही सरलता उनकी ताकत बनी जिसने अंग्रेजी साम्राज्य की नींव हिला दी थीं।
गांधीजी की प्रारम्भिक शिक्षा पोरबन्दर के एक स्कूल में हुई, जिसे पूरा करने के बाद उन्हें उच्च शिक्षा के लिए भावनगर के श्यामलदास कॉलेज में भेजा गया। वहां पढ़ाई में मन न लगने के बाद उन्हें पढ़ने के लिए इंग्लैंड भेजा गया जहां उन्होंने बैरिस्टर की डिग्री हासिल की और उसके बाद वो दक्षिण अफ्रीका गए।
महात्मा गांधी ने सदैव सत्य और अहिंसा का मार्ग अपनाया और इसी मार्ग पर चलते हुए उन्होंने अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ कई आंदोलन चलाए, जिन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की।