कैथोलिक चर्च के 266वें पोप, पोप फ्रांसिस का जन्म 17 दिसंबर 1936 को होर्से मारियो बर्गोग्लियो में हुआ था, जिनका निधन 88 साल की उम्र में निधन 21 अप्रैल, 2025 को हो गया। अपने सरल और नम्र स्वभाव के चलते विश्व में लोकप्रिय रहे पोप फ्रांसिस को उनके प्रगतिशील और सुधारवादी दृष्टिकोण के लिए जाना जाता था और उन्होंने गरीबी, जलवायु परिवर्तन, और सामाजिक न्याय जैसे मुद्दों को हमेशा जोर-शोर से उठाया था।

21 अप्रैल, 2025 को इस दुनिया को अलविदा कह गए पोप फ्रांसिस उनके काम और शिक्षाओं के लिए विश्वभर में सम्मान और प्रशंसा मिली है। आज पोप फ्रांसिस इस दुनिया में नहीं है लेकिन उनका जीवन आज दुनियाभर के लोगों के साथ-साथ छात्रों के लिए भी एक प्रेरणा बन चुका है। यहां जान लीजिए पोप फ्रांसिस के जीवन से मिलने वाली उन 5 प्रमुख शिक्षाओं के बारे में जो हर छात्र कई महत्वपूर्ण सबक प्रदान करती हैं।

पोप फ्रांसिस के जीवन से छात्रों को मिलने वाली पांच प्रमुख शिक्षाएं

पोप फ्रांसिस ने सिखाया करुणा और सहानुभूति

पोप फ्रांसिस ने हमेशा जरूरतमंदों और गरीबों की मदद करने पर जोर दिया है। छात्रों को भी अपने आसपास के लोगों की मदद करने और सहानुभूति दिखाने की कोशिश करनी चाहिए।

पोप फ्रांसिस से सीखें पर्यावरण संरक्षण

पोप फ्रांसिस ने पर्यावरण संरक्षण के महत्व पर प्रकाश डाला है। छात्रों को भी अपने दैनिक जीवन में पर्यावरण के प्रति जिम्मेदार बनने की कोशिश करनी चाहिए।

पोप फ्रांसिस से सीखें सामाजिक न्याय करना

पोप फ्रांसिस ने सामाजिक न्याय और समानता के लिए काम करने पर जोर दिया है। छात्रों को भी अपने समाज में न्याय और समानता को बढ़ावा देने के लिए काम करना चाहिए।

पोप फ्रांसिस से सीखें नम्रता और विनम्रता: पोप फ्रांसिस की नम्रता और विनम्रता उनकी एक महत्वपूर्ण विशेषता है। छात्रों को भी अपने जीवन में नम्रता और विनम्रता को अपनाने की कोशिश करनी चाहिए।

पोप फ्रांसिस से जानें शिक्षा का महत्व

पोप फ्रांसिस ने शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डाला है। छात्रों को भी अपनी शिक्षा को महत्व देना चाहिए और इसका उपयोग समाज के लिए कुछ अच्छा करने के लिए करना चाहिए।

पोप फ्रांसिस के जीवन से मिलने वाली इन शिक्षाओं को अपनाकर, छात्र अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने के साथ ही समाज के लिए कुछ अच्छा कर सकते हैं।