Education: नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) ने डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा प्राप्त करने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) में आवेदन किया है। यदि एनसीईआरटी को दर्जा प्राप्त होता है तो वह स्नातक, स्नातकोत्तर और डॉक्टरेट की डिग्री देने की अनुमति मिलेगी और कार्यक्रमों की शुरूआत, पाठ्यक्रम संरचना, संचालन के मामले में भी स्वायत्तता होगी।

इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के अनुसार माना जाता है कि स्कूली शिक्षा के मामलों पर केंद्र को सलाह देने वाली एक स्वायत्त शैक्षणिक संस्था एनसीईआरटी ने डी नोवो श्रेणी के तहत “डीम्ड यूनिवर्सिटी” के दर्जे के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) में आवेदन किया है। यह मामला सोमवार को कार्यकारी समिति (ईसी) की बैठक में चर्चा के लिए सूचीबद्ध है। ईसी एनसीईआरटी का सर्वोच्च निर्णय लेने वाला निकाय है और इसकी अध्यक्षता शिक्षा मंत्री करते हैं।

मामले का एनसीईआरटी के सदस्य ने किया विरोध
इस प्रस्ताव का एनसीईआरटी के भीतर विरोध हुआ और एक संकाय सदस्य ने इसके खिलाफ निदेशक को पत्र लिखा। सहायक प्रोफेसर अभय कुमार, जो एनसीईआरटी की स्थापना समिति के निर्वाचित सदस्य भी हैं। उन्होंने ने इस आधार पर इस विचार का विरोध किया है कि “डीम्ड यूनिवर्सिटी” का दर्जा एनसीईआरटी की स्वायत्तता को खत्म कर देगा।

उन्होंने निदेशक को लिखे अपने पत्र में लिखा कि एनसीईआरटी को ‘डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी’ का दर्जा देने का फैसला करके हम केवल अपनी अकादमिक स्वायत्तता यूजीसी को सौंपने की कोशिश कर रहे हैं।उन्होंने कहा कि जिस तरह यूजीसी उच्च शिक्षा के लिए अकादमिक प्राधिकरण है। उसी तरह एनसीईआरटी स्कूली शिक्षा के लिए अकादमिक प्राधिकरण है। डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा इस अधिकार खत्म कर देगा।

आज बैठक में होगी चर्चा
सोमवार को ईसी की बैठक में एजेंडे में प्रस्ताव के अनुसार ‘डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी’ का दर्जा एनसीईआरटी को अपनी स्नातक, स्नातकोत्तर और डॉक्टरेट की डिग्री देने की अनुमति देगा और कार्यक्रमों की शुरूआत, पाठ्यक्रम संरचना, संचालन के मामले में स्वायत्तता होगी।

वर्तमान में, एनसीईआरटी के क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान (आरईआई) द्वारा पेश किए जाने वाले स्नातक और स्नातकोत्तर कार्यक्रम बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय, भोपाल, एम डी एस विश्वविद्यालय, अजमेर, मैसूर विश्वविद्यालय, उत्कल विश्वविद्यालय, भुवनेश्वर और उत्तर-पूर्वी पहाड़ी विश्वविद्यालय जैसे स्थानीय विश्वविद्यालयों से संबद्ध हैं।