दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) के लिए शुक्रवार को मतदान होना है। इस बार सवा लाख मतदाता हैं। मुख्य चुनाव अधिकारी प्रो डीएस रावत ने बताया कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी कॉलेज और तिब्बिया कॉलेज ने विद्यार्थियों की सूची नहीं दी है। इस कारण इन कॉलेजों के पुराने साल के आंकड़ों को जोड़कर हिसाब लगाया है।
इस बार डूसू के चार पदों पर केवल 17 दावेदार है। जिनमें सात उम्मीदवार अध्यक्ष पद पर हैं जबकि चार उम्मीदवार उपाध्यक्ष पद पर और तीन-तीन उम्मीदवार सचिव व संयुक्त सचिव पद पर चुनाव मैदान में हैं। परंपरा के मुताबिक दोनों ही छात्र दलों ने शुक्रवार को अपनी-अपनी ताकत झोंक दी। एनएसयूआइ ने रैली निकाली। जीत के दावे किए। तो परिषद ने व्यक्तिगत संपर्क किया और सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचार किया।
Dइस कड़ी में एनएसयूआइ के पैनल के उम्मीदवारों के समर्थन में उनके साथी छात्र-छात्राओं ने कैंपस में रैली निकाली। जो दिल्ली विश्ववविद्यालय मेट्रो स्टेशन से शुरु होकर नार्थ कैंपस के सभी कॉलेजों में पहुंची। रैली को एनएसयूआइ प्रभारी व एआइसीसी सचिव गिरिश चोंधकर, पूर्व विधायक जय किशन, पूर्व डूसू अध्यक्ष रागिनि नायक, व एनएसयूआइ की अध्यक्ष अमृता धवन ने संबोधित किया। छात्रों से एनएसयूआइ पैनल को भारी मतों से विजयी बनाने की अपील की। रैली की अगुआई राहुल व वरुण ढाका ने की। पूर्व विधायक जय किशन ने कहा कि भाजपा व आम आदमी पार्टी की वादाखिलाफी से युवा पीढ़ी गुस्से में है।
वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री आॅस्कर फर्नांडीस ने विश्वविद्यालय के विशेष छात्रों से अपील की कि वे मतदान के अवसर को नहीं चूकें। सैकड़ों नेत्रहीन छात्रों ने आॅस्कर फर्नांडीस से अपनी दिक्कतें बताई और छात्रों के लिए सुझाव दिए। इसके बाद आॅस्कर फर्नांडीस ने कहा कि वे इस बाबत निजी बिल लाएंगे।
एनएसयूआइ उपाध्यक्ष भरत कुमार ने दावा किया कि रूठे वोटरों की वापसी बाजी पलटने में कारगर साबित होंगे। दरअसल आम आदमी पार्टी की छात्र इकाई के उम्मीदवारों के नहीं होने, डूसू में आइसा के उम्मीदवारों पर ‘बलात्कार प्रकरण’ हावी होने और एबीवीपी में गुटबंदी उनकी जीत का फासला बढ़ाने में मदद करेगी।