दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों ने आइसा की अगुआई में डीयू में नए हॉस्टल बनाने की मांग को लेकर भूख हड़ताल शुरूकी है। इसे ‘छात्रावास सत्याग्रह’ का नाम दिया गया है। इसमें करीब दो दर्जन कॉलेजों से छात्रोंं ने हिस्सा लिया है। हालांकि इससे पहले आइसा पिछले एक माह से इस बाबत एक अभियान ‘मेरा खुद का एक कक्ष’ विभिन्न कालेजों में चला रही थी।
आइसा ने दावा किया है कि इसके तहत 20,000 से अधिक छात्रोंं को डीयू कुलपति को पोस्टकार्ड पर अपनी राय दे दी है। करीब 60 फीसद छात्रोंं ने कहा है कि उन्हें हॉस्टल की सुविधा की जरूरत सबसे ज्यादा है। वे भोजन और निजी आवास पर प्रति माह 10,000 से अधिक रुपए खर्च करने के लिए मजबूर हैं। इस ‘छात्रावास सत्याग्रह’ का बुद्धिजीवियों, कलाकारों, कवियों और थियेटर समूहों के एक वर्ग ने भी समर्थन किया है। डीयू आइसा के सचिव अमन नवाज ने कहा -यह एजंडा आगामी डूसू चुनाव के लिए अब खड़ा हो गया है।
दिल्ली विश्वविद्यालय ने पुलिस से आगामी छात्र संघ चुनावों के लिए पोस्टर तैयार करने वाले प्रिंटरों की पहचान करने और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का अनुरोध किया। लिंग्दोह कमेटी की सिफारिशों के मुताबिक छात्र संघ चुनावों के उम्मीदवार प्रचार में केवल हाथ से तैयार पोस्टरों का इस्तेमाल कर सकते हैं। छपे हुए पोस्टरों का नहीं। हालांकि डीयू के नार्थ कैंपस में हर साल इस तरह के पोस्टर नजर आते हैं।
डूसू चुनावों के लिए मुख्य चुनाव अधिकारी डीएस रावत ने कहा कि दिल्ली पुलिस से ऐसे प्रिंटरों की पहचान का आग्रह किया गया है जहां पर डूसू चुनावों के लिए पोस्टर प्रिंट हो रहे हैं और ऐसे प्रिंटरों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। पुलिस का कहना है कि वह इस तरह की कारों को भी जब्त करेगी जिस पर ये पोस्टर लगे होंगे।