दिल्ली या फिर एनसीआर में जब-जब सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड का रिजल्ट आता है तब-तब स्टूडेंट्स और उनके पैरेंट्स कन्फ्यूज होते हैं कि आखिर यह दोनों बोर्ड अलग हैं तो दोनों में क्या अंतर है? सीबीएसई और सीआईएससीई बोर्ड काफी लोकप्रिय बोर्ड हैं। सीबीएसई का नाम तो बहुत लोगों ने सुना है, लेकिन ICSE बोर्ड का नाम उसी वक्त सुनने को मिलता है जब उसका रिजल्ट जारी किया जाता है।

देशभर में मिल जाएंगे दोनों बोर्ड के अंतर

इन दोनों बोर्ड्स में कन्फ्यूज होने वाले लोग यह जान लें कि इन दोनों बोर्ड्स के स्कूल देशभर में मिल जाएंगे। इसके अलावा दोनों का स्टडी सिलेबस काफी हद तक एक ही फॉर्मेट का होता है, लेकिन अपने बच्चे का एडमिशन कराने से पहले आपको यह जानकारी रखना बहुत जरूरी है कि आखिर कैसे इन दोनों बोर्ड में अंतर है। दोनों की पढ़ाई से लेकर और स्कूल में एडमिशन कराने तक काफी अंतर इन दोनों बोर्ड में नजर आता है।

ट्रांसफर जॉब वाले ज्यादा कराते हैं दोनों बोर्ड में दाखिला

बता दें कि पूरे देश में 70 से ज्यादा शिक्षा बोर्ड हैं। इनमें कई ऐसे हैं जिनका संचालन केंद्र सरकार के हाथ में है तो वहीं कई बोर्ड ऐसे हैं जिन्हें राज्य सरकार चलाती है। इनमें से सीबीएसई और ICSE काफी लोकप्रिय हैं। इन दोनों बोर्ड में सरकारी नौकरी करने वाले सरकारी कर्मचारी ज्यादातर अपने बच्चों को पढ़ाते हैं, क्योंकि उनका समय-समय पर ट्रांसफर होता रहता है।

सीबीएसई बोर्ड क्या है?

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) केंद्र सरकार के द्वारा संचालिए किया जाने वाला शिक्षा बोर्ड है। इस बोर्ड के अंतर्गत देशभर में सरकारी और प्राइवेट स्कूल हैं। केंद्रीय विद्यालय, जवाहर नवोदय विद्यालय जैसे टॉप सरकारी स्कूल इसी बोर्ड के अंतर्गत आते हैं। जेईई, नीट, सीयूईटी जैसी परीक्षाओं का सिलेबस भी सीबीएसई बोर्ड पर आधारित होता है। इस बोर्ड का पाठ्यक्रम NCERT द्वारा बनाया जाता है।

ICSE बोर्ड क्या है?

CISCE बोर्ड को 2 भागों में बांटा गया है। इसका पहला भाग है आईसीएसई जिसके अंतर्गत 10वीं क्लास के एग्जाम होते हैं। वहीं दूसरा है ICSE जो 12वीं की परीक्षा लेता है। यह एक प्राइवेट बोर्ड है। इस बोर्ड की स्थापना भारतीय बच्चों को हाई क्वॉलिटी शिक्षा प्रदान करने के लिए की गई थी। आईसीएसई बोर्ड सिलेबस में भाषा, आर्ट्स और साइंस को समान प्राथमिकता दी जाती है और प्रैक्टिकल्स पर ज्यादा फोकस किया जाता है। इस बोर्ड के सभी स्कूलों में इंग्लिश में पढ़ाई होने से IELTS व TOEFL की तैयारी करने में मदद मिलती है।