दिल्ली के प्राइवेट स्कूलों में अब फीस की मनमानी नहीं चलेगी। इस समस्या से पैरेंट्स लंबे समय से परेशान थे, लेकिन अब दिल्ली की भाजपा सरकार इस समस्या का समाधान करने जा रही है। बुधवार को दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने प्राइवेट स्कूलों की मनमानी फीस बढ़ोतरी पर रोक लगाने की दिशा में एक अहम कदम उठाया। उन्होंने फीस रेगुलेशन कानून की तर्ज पर स्कूल स्तर पर शुल्क निर्धारण समिति के गठन का निर्देश दिया। शिक्षा मंत्री ने एक आदेश में कहा कि आगामी एकेडमिक ईयर के लिए सभी प्राइवेट स्कूलों में स्कूल लेवल फीस रेगुलेशन कमेटी (SLFRC) गठिन की जाएगी।
स्कूलों में यह दो कमेटियां करेंगी फीस तय
शिक्षा मंत्री के आदेश के मुताबिक, प्राइवेट स्कूल की फीस तय करने का नया ट्रांसपेरेंट सिस्टम आगामी एकेडमिक ईयर से लागू हो जाएगा। इस सिस्टम के तहत दो कमेटियां (SLFRC और DLFRC) बनाई जाएंगी। यह दोनों कमेटी ही स्कूल की फीस तय करेंगी। यह सिस्टम एकेडमिक ईयर 2025-26 से लागू होगा। साथ ही शिक्षा मंत्री का यह आदेश दिल्ली के सभी प्राइवेट स्कूलों पर लागू होगा।
10 जनवरी से पहले इन कमेटियों का होगा गठन
गवर्नमेंट ऑफ नेशनल कैपिटल टेरिटरी ऑफ दिल्ली के डायरेक्टर ऑफ एजुकेशन वेदिथा रेड्डी की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि इस सिस्टम को लागू करने का मकसद पूरे नेशनल कैपिटल टेरिटरी ऑफ़ दिल्ली में स्कूल फीस तय करने और रेगुलेशन में ट्रांसपेरेंसी लाना है। इस आदेश के मुताबिक, सभी प्राइवेट स्कूलों को 10 जनवरी 2026 तक अनिवार्य रूप से समिति का गठन करना होगा।
समिति में अभिभावकों का भी होगा प्रतिनिधित्व
इन समितियों में कुल 11 सदस्य होंगे जिसमें से 5 सदस्य अभिभावकों के प्रतिनिधि होंगे। इसके अलावा स्कूल प्रबंधन और शिक्षकों के प्रतिनिधि भी समिति का हिस्सा होंगे। फीस बढ़ाने से संबंधित सभी प्रस्तावों को 25 जनवरी 2026 तक समिति के समक्ष प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा। समिति प्रस्ताव पर चर्चा कर अपनी सिफारिश देगी, जिसके बाद ही कोई निर्णय लिया जा सकेगा।
