दिल्ली के सरकारी स्कूलों के शिक्षक भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल सीखेंगे। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (SCERT), दिल्ली ने घोषणा की है कि 8 और 9 अक्टूबर को शिक्षकों को कक्षा में एआई टूल्स के उपयोग पर हैंड्स-ऑन ट्रेनिंग दी जाएगी। इस पहल का उद्देश्य शिक्षकों को डिजिटल युग के अनुरूप तैयार करना और विद्यार्थियों के लिए सीखने की प्रक्रिया को और अधिक रोचक व व्यक्तिगत बनाना है।
‘AI-Mediated Classroom Project’ के तहत होगी ट्रेनिंग
यह विशेष प्रशिक्षण ‘AI-Mediated Classroom Project’ के तहत आयोजित किया जा रहा है, जिसका मकसद शिक्षकों को एआई आधारित शिक्षण तकनीकों, मूल्यांकन पद्धतियों और तकनीकी उपकरणों से सशक्त बनाना है। प्रशिक्षण के दौरान शिक्षक यह भी सीखेंगे कि एआई की मदद से कैसे वे नॉन-टीचिंग कार्य जैसे कि पावरपॉइंट प्रेजेंटेशन बनाना, सह-पाठ्यक्रम गतिविधियों के लिए विचार तैयार करना और फोटो एडिटिंग आदि को आसानी से कर सकते हैं।
दो चरणों में होगा कार्यक्रम
SCERT के अनुसार, यह कार्यक्रम दो चरणों में लागू किया जाएगा।
पहले चरण में 50 सरकारी स्कूलों के 100 कंप्यूटर साइंस शिक्षक दो दिवसीय क्षमता निर्माण प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे। ये प्रशिक्षित शिक्षक आगे चलकर अपने-अपने विद्यालयों में अन्य शिक्षकों को एआई टूल्स के प्रभावी उपयोग की ट्रेनिंग देंगे।
दूसरे चरण में गणित, विज्ञान, अंग्रेज़ी, हिंदी और सामाजिक विज्ञान विषय के शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाएगा, जो कक्षा 6 और 9 को पढ़ाते हैं। प्रत्येक चयनित विद्यालय से इन विषयों के तीन-तीन शिक्षक — कुल 15 शिक्षक — प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे।
एआई टूल्स से शिक्षण होगा आसान
एक अधिकारी ने बताया कि शिक्षक प्रेजेंटेशन बनाने, तस्वीरें संपादित करने और सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए विचार तैयार करने में काफी समय खर्च करते हैं। अब एआई की मदद से यह कार्य जल्दी और प्रभावी ढंग से हो सकेगा, जिससे शिक्षक विद्यार्थियों के साथ अधिक समय बिता सकेंगे और शिक्षण की गुणवत्ता बढ़ा सकेंगे।
कुछ एआई टूल्स जैसे ‘Napkin’, जो टेक्स्ट से इमेज जनरेट करता है, और ‘Gamma’, जो तेजी से प्रेजेंटेशन तैयार करने में मदद करता है, को इस प्रशिक्षण में शामिल किया जाएगा।
फ्यूचर रेडी क्लासरूम की दिशा में कदम
SCERT ने बताया कि यह प्रोजेक्ट ‘फ्यूचर-रेडी क्लासरूम’ की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में एक अहम कदम है। इसका उद्देश्य शिक्षकों को नवाचारपूर्ण शिक्षण पद्धतियों को अपनाने, कक्षा में सहभागिता बढ़ाने और एआई आधारित प्रथाओं के माध्यम से सीखने के परिणामों में सुधार करने के लिए सशक्त बनाना है।
वर्तमान में दिल्ली सरकार के स्कूलों में कुल 1,075 विद्यालय, 16,633 शिक्षक और 8,24,224 विद्यार्थी हैं। निदेशालय ने इस परियोजना के लिए राजधानी के 50 सरकारी स्कूलों और 100 शिक्षकों का चयन किया है।