भारत में करिअर के नाम पर प्राय: अध्यापन, मेडिकल और इंजीनियरिंग जैसे क्षेत्र ही सामने आते है। लेकिन तेजी से बदलते समाज एवं तकनीक के दौर में बहुत सारे क्षेत्रों का निर्माण हुआ है जिनमें करिअर की अपार संभावनाएं हैं। विद्यार्थियों का व्यक्तिगत मूल्यांकन कर उन्हें करिअर के लिए सही परामर्श देना स्वयं में एक संभावनायुक्त करिअर का अवसर प्रदान करता है।
करिअर परामर्श अपेक्षाकृत नवीन विषय है, इस क्षेत्र के विशेषज्ञ करिअर संबंधी निर्णय लेने में आने वाली दुविधाओं को दूर कर विद्यार्थियों में उनकी रुचियों एवं जानकारी को ध्यान में रखते हुए उनके लिए समुचित रूप से सलाह देते हैं। भारत में करिअर परामर्शदाता की महत्त्वपूर्ण आवश्यकता को देखते हुए इस क्षेत्र के विशेषज्ञ के रूप में करिअर बनाया जा सकता है।
करिअर परामर्शदाता रोजगार और रोजगार चाहने वालों के बीच सेतु
यदि करिअर परामर्श क्षेत्र को सही और दीर्घकालिक परिप्रेक्ष्य में देखा जाए तो करिअर परामर्शदाता रोजगार और रोजगार चाहने वालों के बीच वास्तविक सेतु हैं। वे विद्यार्थियों को उनके व्यक्तित्व, उनकी रुचियों, योग्यता और कार्य जीवन की अपेक्षाओं के अनुकूल करिअर चुनने के लिए निगरानी और सलाह देते हैं। वे विद्यार्थियों को सबसे उपयुक्त विकल्पों का सुझाव देते हैं जिससे कम क्षमता वाले विद्यार्थी की भी रोजगार से संबद्धता आसान हो जाती है।
करिअर परामर्शदाता का कार्य विद्यार्थियों और पेशेवरों के बीच की समझ और वैज्ञानिक पद्धति के आधार पर उनकी वास्तविक क्षमता को खोजने में मदद करना है। ये परामर्शदाता डाक्टरों के समान होते हैं जो उम्मीदवार के व्यवहार और क्षमताओं का विश्लेषण करते हैं। विश्लेषण के आधार पर, वे विद्यार्थियों और पेशेवरों को सबसे उपयुक्त करिअर विकल्प के लिए मार्गदर्शन करते हैं और निष्पादन योजना के साथ एक संपूर्ण करिअर रोडमैप प्रदान करते हैं। वे विद्यार्थियों की निगरानी और विश्लेषण करते हैं और उन्हें ऐसा करिअर चुनने में मदद करते हैं जो सीधे व्यक्तित्व, रुचि और योग्यता के साथ अनुकूल हो।
इस क्षेत्र की चुनौतियां
करिअर परामर्शदाता की प्रमुख चुनौती सटीक अवलोकन करने की क्षमता का होना है। भारत में विशाल विद्यार्थी आबादी के लिए बहुत कम पेशेवर और प्रमाणित परामर्शदाता हैं। इसलिए करिअर परामर्शदाता के रूप में योग्य करिअर परामर्शदाता पर अत्यधिक दबाव होता है कि वह बिना गलती के विद्यार्थियों को समुचित परामर्श दे। इसके अलावा एक और महत्त्वपूर्ण बात है कि विद्यार्थी अपने परिवार और साथियों से प्रभावित होते हैं और प्राय: उनके प्रभाव में करिअर का चयन करते हैं। इस प्रकार एक करिअर परामर्शदाता के लिए उन्हें समझाना कभी-कभी बहुत मुश्किल होता है।
स्नातक हो या स्नातकोत्तर, मुख्य प्रश्न हमेशा यह होता है कि कौन सा पाठ्यक्रम चुनना है और कौन सा कालेज करिअर के लिहाज से सही रहेगा। एक पाठ्यक्रम और कालेज का चयन करना हमेशा एक मुश्किल काम रहा है क्योंकि आपको उपलब्ध विकल्पों में से सबसे अच्छा चुनना होता है और उसे सही करना अत्यंत चुनौतीपूर्ण होता है, क्योंकि यह एक विद्यार्थी की भविष्य की सफलता को प्रभावित कर सकता है। कुछ करिअर विशेषज्ञ विद्यार्थियों को उनके लिए सबसे उपयुक्त करिअर पथ चुनने में मदद करने के लिए ‘मशीन लर्निंग प्लेटफार्म’ का उपयोग करते हैं। वे प्रत्येक विद्यार्थी का विभिन्न स्तरों पर मूल्यांकन करते हैं जिसमें व्यक्तित्व, भावनात्मक बुद्धिमत्ता, अभिविन्यास शैली, योग्यता, जुनून और रचनात्मकता के मूल्यांकन शामिल हैं। एक करिअर परामर्शदाता को सूक्ष्म अवलोकन वाला होना चाहिए।
आवश्यक कौशल
प्रत्येक करिअर परामर्शदाता में एक शिक्षक, एक मित्र, एक संरक्षक और एक निर्णायक के गुण होने चाहिए। करिअर परामर्शदाता बनने के लिए आवश्यक कौशल में करिअर विकल्पों का पूरा ज्ञान, नौकरी एवं स्वरोजगार के लिए बाजार समेत संबंधित उद्योग क्षेत्रों में वर्तमान अवसर, शैक्षणिक और शैक्षणिक प्रणाली के साथ मानव मनोविज्ञान की सामान्य समझ शामिल है। करिअर परामर्शदाता बनने के लिए, आपको किसी भी क्षेत्र में न्यूनतम स्नातक डिग्री की आवश्यकता होती है।
लेकिन डिग्री के साथ अभ्यर्थी को अपने क्षेत्र के व्यावहारिक अनुभव और धरातल की वस्तुस्थिति का ज्ञान होना चाहिए। करिअर परामर्श कोई आसान विषय नहीं है। आपको करिअर पथों की संख्या, नए युग के करिअर पथ, विकल्प और अवसरों के बारे में व्यापक ज्ञान होना चाहिए। किसी भी शैक्षिक बोर्ड से 12वीं कक्षा किसी भी संकाय में पास करने वाले विद्यार्थी सर्टिफिकेट, डिप्लोमा और स्नातक या स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम कर सकते हैं। इस क्षेत्र में कुछ पाठ्यक्रम पत्राचार या दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से भी कर सकते हैं।
- पवन विजय (शिक्षक, डीआइआरडी कालेज, आइपीयू, दिल्ली)