नीट की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों के लिए एक जरूरी खबर है। राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) ने अंडरग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन बोर्ड (यूजीएमईबी) से अनुमोदन के बाद राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा, नीट यूजी 2024 के लिए पाठ्यक्रम को संशोधित किया है। संशोधित पाठ्यक्रम एनएमसी की आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है। एमबीबीएस, बीडीएस और अन्य स्नातक मेडिकल पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए एनएमसी नीट यूजी 2024 परीक्षा 5 मई को आयोजित की जानी है।

परीक्षा पैटर्न के अनुसार, नीट प्रश्न पत्र में दो खंड होंगे। खंड ए में 35 प्रश्न होंगे और खंड बी में 15 प्रश्न होंगे, जिनमें से उम्मीदवार कोई भी 10 प्रश्न चुन सकते हैं। नीट यूजी 2024 पाठ्यक्रम को बदलने का निर्णय एनएमसी द्वारा विभिन्न राज्य बोर्डों के साथ-साथ सीबीएसई और एनसीईआरटी पाठ्यक्रम की समीक्षा के बाद लिया गया है।

तीन विषयों में बदलाव

नीट की परीक्षा मूलभूत तीन विषयों की परीक्षा होती है- भौतिकी, रसायन और जीव विज्ञान। एनएमसी ने तीन विषयों के पाठ्यक्रम में बदलाव किया है। भौतिकी की बात करें तो आयोग ने फिजिक्स एंड मेजरमेंट में काइनेमेटिक्स, ला आफ मोशन, वर्क, एनर्जी एंड पावर, रोटेशनल मोशन, ग्रैविटेशन, काइनेटिक थ्योरी आफ गैसेस के साथ इलेक्ट्रोस्ट्रेटिक्स में करंट इलेक्ट्रिसिटी, आप्टिक्स आदि पाठ्यक्रम में बदलाव किया है। रसायन में क्लासिफिकेशन आफ एलिमेंट्स, स्टेट आफ मैटर, सरफेस केमिस्ट्री समेत अन्य पाठ्यक्रम हटा दिए गए हैं।

वहीं, केमिकल थर्मोडायनेमिक्स, प्यूरिफिकेशंस आफ कंपाउंड्स और बायोमालिक्यूल्स के पाठ्यक्रम को जोड़ा गया है। इसके साथ आयोग ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा के आधार यानी जीव विज्ञान के पाठ्यक्रम में भी कई बड़े बदलाव किए हैं। इसके डायवर्सिटी आफ लिविंग वर्ल्ड, रीप्रोडक्शन, जेनेटिक्स एंड इवैल्यूएशन, बायोलाजी एंड ह्यूमन वेलफेयर, प्लांट साइकोलाजी, ह्यूमन साइकोलाजी, इकोलाजी एंड एंवायरमेंट में बदलाव किया है।

क्यों किया गया बदलाव

दरअसल कई राज्यों के बोर्ड विद्यार्थी यह शिकायत करते थे कि पाठ्यक्रम के कुछ हिस्से के बारे में उन्हें पढ़ाया नहीं जाता है और नीट यूजी के पाठ्यक्रम में कई ऐसे विषय शामिल कर दिए जाते हैं। अब एनएमसी और एनटीए ने मिलकर कोशिश की है कि सभी चाहे सीबीएसई के छात्र हो या किसी राज्य के बोर्ड के छात्र हो, सभी के लिए समान पाठ्यक्रम हो और किसी के साथ भेदभाव न हो।

पात्रता में संशोधन

जिन छात्रों ने भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान या जैव प्रौद्योगिकी की पढ़ाई अंग्रेजी के साथ, भले ही अतिरिक्त विषय के रूप में, किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से की है वे 12वीं कक्षा उत्तीर्ण करने के बाद वे राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट)-स्नातक की परीक्षा में बैठने के पात्र होंगे। एनएमसी ने कहा कि यह निर्णय उन छात्रों पर भी लागू होगा जिनके आवेदन पहले खारिज कर दिए गए थे।

तत्कालीन भारतीय चिकित्सा परिषद (एमसीआइ) ने तब इसमें उल्लेख किया था कि उम्मीदवारों को कक्षा 11 और 12 में अंग्रेजी विषय के साथ भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान या जैव प्रौद्योगिकी विषयों का दो साल तक नियमित या निरंतर अध्ययन करना होगा। दो साल का अध्ययन नियमित स्कूलों से पूरा करना आवश्यक था, न कि मुक्त विद्यालयों से अथवा प्राइवेट छात्र के तौर पर।

प्रमुख संस्थान

एम्स, नई दिल्ली,पीजीएमआइई , चंडीगढ़,क्रिश्चियन मेडिकल कालेज, वेल्लोर,नेशनल इंस्टीट्यूट आफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो साइंस, बंगलुरु
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी,जवाहरलाल इंस्टीट्यूट आफ पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च, पुदुचेरी,संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंस, लखनऊ,अमृता विश्वा विद्यापीठ, कोयम्बटूर,श्री चित्रा तिरुनल इंस्टीट्यूट फार मेडिकल साइंस एंड टेक्नोलाजी, तिरुवनंतपुरम,कस्तूरबा मेडिकल कालेज, मणिपुर।