CBSE Board Class 10th, 12th Result 2021 date: सीबीएसई द्वारा गठित 12 सदस्यीय समिति ने 30:30:40 फॉर्मूले की सिफारिश की। फॉर्मूले के अनुसार, कक्षा 10 और कक्षा 11 के अंतिम परिणामों को क्रमशः 30 प्रतिशत और कक्षा 12 की प्री-बोर्ड परीक्षाओं को 40 प्रतिशत वेटेज दिया जाएगा। प्रैक्टिकल 100 अंकों के होंगे और छात्रों को स्कूलों द्वारा जमा किए गए अंकों के आधार पर नंबर दिए जाएंगे। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) और काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (सीआईएससीई) ने आज सुप्रीम कोर्ट में CBSE Class 12 Results 2021 के लिए मूल्यांकन मानदंड पेश किए।
केंद्र सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि 31 जुलाई तक CBSE 12वीं के रिजल्ट घोषित कर दिए जाएंगे, जो बच्चे परिणाम से संतुष्ट नहीं होंगे उन्हें दोबारा परीक्षा देने का मौका दिया जाएगा, इसके लिए गाइडलाइन बनाई जा रही है. केंद्र ने कहा कि सीबीएसई ने पहली बार इस अभूतपूर्व संकट का सामना किया है।
सीबीएसई कक्षा 12 मूल्यांकन मानदंड पर काम करने के लिए बोर्डों द्वारा एक 13 सदस्यीय समिति का गठन किया गया था। मूल्यांकन मानदंड जल्द ही घोषित किए जाएंगे। कोर्ट ने बोर्ड को ऑब्जेक्टिव मानदंड तैयार करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया था, जिसके आधार पर कक्षा 12 के छात्रों को फाइनल नंबर दिए जाएंगे। अब तक, रिपोर्टों से पता चलता है कि सीबीएसई और सीआईएससीई कक्षा 10 या 11 या दोनों के अलावा कक्षा 12 के लिए प्री-बोर्ड और आंतरिक परीक्षाओं में उनके द्वारा प्राप्त अंकों के आधार पर 12 वीं के छात्रों की मार्किंग कर सकते हैं।
केंद्र द्वारा बोर्ड परीक्षा 2021 को रद्द करने के निर्णय के बाद, सीबीएसई ने कहा था कि वह सीबीएसई कक्षा 12 के परिणाम 2021 को “समयबद्ध तरीके तय मानदंडों के अनुसार” घोषित करेगा। सीबीएसई कक्षा 12 के परिणाम जुलाई से पहले जारी होना मुश्किल हैं। बोर्ड ने इस महीने की शुरुआत में स्कूलों से कक्षा 12 के छात्रों के लंबित प्रैक्टिकल, आंतरिक मूल्यांकन को पूरा करने और 28 जून तक नंबर जमा करने को कहा था।
Highlights
बोर्ड ने घोषित किया है कि इस साल कक्षा 12 का रिजल्ट, कक्षा 10, 11 और 12 में प्राप्त अंकों के आधार पर तैयार किया जाएगा। हालांकि, छात्र कक्षा 11 के अंक जोड़े जाने के फैसले से चिंतित हैं। उनका मानना है कि इस वजह से उनके रिजल्ट पर असर पड़ सकता है।
स्कूल के छात्रों के फाइनल मार्क्स बोर्ड को 15 जुलाई तक जमा करना होगा। हर स्कूल में 5 सदस्यों की एक कमेटी गठित की जाएगी। इस कमेटी में अध्यक्ष के रूप में प्रिंसिपल और कक्षा 12 में पढ़ाने वाले 2 शिक्षक होंगे। इसके अलावा पास के सीनियर सेकेंडरी स्कूल में कक्षा 12 को पढ़ाने वाले 2 शिक्षकों को भारी सदस्यों के रूप में शामिल किया जाएगा।
अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि कक्षा 12 के लिए विभिन्न स्कूलों द्वारा अपनाए गए मार्किंग मेकैनिज्म के अंतर को देखने के लिए एक मॉडरेशन कमेटी का गठन किया जा सकता है।
सीबीएसई परीक्षा कंट्रोलर, संयम भारद्वाज ने बताया है कि कक्षा 10 का रिजल्ट 20 जुलाई और कक्षा 12 का रिजल्ट 31 जुलाई तक जारी किए जाने की संभावना है।
सीबीएसई के परीक्षा कंट्रोलर, संयम भरद्वाज ने कहा है कि जो छात्र अपने रिजल्ट से असंतुष्ट होंगे उन्हें ऑफलाइन परीक्षा में बैठने का अवसर दिया जाएगा। इसके लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन भी शुरू किया जाएगा।
सीबीएसई की तरह आईसीएसई ने भी 12वीं के रिजल्ट जारी करने की नीति सुप्रीम कोर्ट को बताई है। 10वीं के नंबर (प्रोजेक्ट और प्रैक्टिकल को लेकर) और फिर 11वीं और 12वीं के प्रोजेक्ट ऑफ प्रैक्टिकल में मिले नंबर को आधार बनाकर 12वीं की मार्कशीट बनाई जाएगी। पिछले साल भी आईसीएसई मैं इसी नीति से 12वीं के नतीजे घोषित किए थे।
बोर्ड ने कहा है कि रिजल्ट में 10वीं और 11वीं नंबर का वेटेज 30- 30 प्रतिशत होगा। जबकि, 12वीं के नंबरों का वेटेज 40 प्रतिशत होगा।
बोर्ड ने घोषिणा किया है कि इस साल कक्षा 12 का रिजल्ट कक्षा 10, 11 और 12 में प्राप्त अंकों के आधार पर तैयार किया जाएगा। हालांकि, छात्रों का मानना है कि कक्षा 11 के अंकों की वजह से उनके परिणाम पर असर पड़ सकता है।
सीबीएसई ने कहा है कि 10वीं के पांच विषय में से तीन विषय के सबसे अच्छे अंको को लिया जाएगा। इसी तरह 11वीं के पांचों विषय का एवरेज लिया जाएगा और 12वीं के प्री बोर्ड एग्जाम और प्रैक्टिकल का नंबर लिया जाएगा। कक्षा 10वीं के नंबर का 30 परसेंट, 11वीं के नंबर का 30 परसेंट और 12वीं के नंबर के 40 परसेंट के आधार पर नतीजे आएंगे।
प्रत्येक स्कूल को छात्रों द्वारा तीन परीक्षाओं में प्राप्त अंकों पर विचार करने के लिए एक रिजल्ट कमेटी गठित करनी होगी, जिसे सीबीएसई की मॉडरेशन कमेटी द्वारा जांच जाएगा।
प्रत्येक स्कूल को छात्रों द्वारा तीन परीक्षाओं में प्राप्त अंकों पर विचार करने के लिए एक रिजल्ट कमेटी गठित करनी होगी, जिसे सीबीएसई की मॉडरेशन कमेटी द्वारा जांच जाएगा।
स्कूल को छात्रों के फाइनल मार्क्स बोर्ड को 15 जुलाई तक जमा करना होगा। हर स्कूल में 5 सदस्यों की एक कमेटी गठित की जाएगी। इस कमेटी में अध्यक्ष के रूप में प्रिंसिपल और कक्षा 12 में पढ़ाने वाले 2 शिक्षक होंगे। इसके अलावा पास के सीनियर सेकेंडरी स्कूल में कक्षा 12 को पढ़ाने वाले 2 शिक्षकों को बाहरी सदस्यों के रूप में शामिल किया जाएगा।
बोर्ड ने जानकारी दी है कि रिजल्ट 31 जुलाई को जारी किए जाएंगे। बोर्ड की तरफ से बताए गए फार्मूले के आधार पर मार्कशीट तैयार किया जाएगा।
सीबीएसई की ही तरह आईसीएसई ने भी 12वीं के रिजल्ट को जारी करने की नीति सुप्रीम कोर्ट को बताई है. 10वीं के नंबर (प्रोजेक्ट और प्रेक्टिकल को लेकर) और फिर 11वीं और 12वीं के प्रोजेक्ट और प्रेक्टिकल में मिले नंबर को आधार बनाकर 12वीं की मार्कशीट बनाई जाएगी. पिछले साल भी आईसीएसई ने इसी नीति से 12वीं के नतीजे घोषित किए थे.
सुप्रीम कोर्ट में सीबीएसई ने कहा कि परिणाम समिति ने परीक्षा की विश्वसनीयता के आधार पर वेटेज पर फैसला किया, स्कूलों की नीति प्रीबोर्ड में ज्यादा अंक देने की है, ऐसे में सीबीएसई के हजारों स्कूलों में से प्रत्येक के लिए परिणाम समिति गठित होगी, स्कूल के दो वरिष्ठतम शिक्षक और पड़ोसी स्कूल के शिक्षक "मॉडरेशन कमेटी" के रूप में कार्य करेंगे ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि स्कूल ने अंकों को बढ़ा-चढ़ाकर नहीं बताया है, यह कमेटी छात्रों के पिछले तीन वर्षों के प्रदर्शन को आंकेगी.
सीबीएसई ने कहा कि 10वीं के 5 विषय में से 3 विषय के सबसे अच्छे मार्क को लिया जाएगा, इसी तरह 11वीं के पांचों विषय का एवरेज लिया जाएगा और 12वीं के प्री-बोर्ड एग्जाम और प्रेक्टिकल का नंबर लिया जाएगा. 10वीं के नंबर का 30 परसेंट, 11वीं के नंबर का 30 परसेंट और 12वीं के नंबर के 40 परसेंट के आधार पर नतीजे आएंगे।
इस साल बोर्ड परीक्षा के रद्द होने के कारण बारहवीं कक्षा का रिजल्ट 10वीं, 11वीं और 12वीं के प्री बोर्ड में छात्रों द्वारा प्राप्त अंकों के आधार पर बनाया जाएगा। इसके लिए बोर्ड ने 30:30:40 का फार्मूला तय किया है। इस फार्मूले के मुताबिक, बारहवीं कक्षा के रिजल्ट तैयार होने में 30 फीसदी वेटेज विद्यार्थी द्वारा दसवीं कक्षा में प्राप्त अंकों का होगा और 30 फीसदी वेटेज 11वीं कक्षा में प्राप्त अंकों का होगा जबकि, सबसे ज्यादा 40 फीसदी वेटेज बारहवीं कक्षा के प्री बोर्ड में विद्यार्थी द्वारा प्राप्त अंकों का होगा।
विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सीबीएसई 12वीं का रिजल्ट 10वीं व 11वीं की परीक्षा और 12वीं प्री बोर्ड परीक्षा में छात्रों के प्रदर्शन के आधार पर जारी किया जा सकता है। टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार 12वीं रिजल्ट मूल्यांकन के लिए सीबीएसई की ओर से गठित की गई 13 सदस्यीय समिति 12वीं छात्रों के मूल्यांकन मानदंडों की सिफारिश करने के लिए 30:30:40 फॉर्मूला के पक्ष में हैं. इसका मतलब 10वीं और 11वीं कक्षा के अंतिम परिणामों को 30 फीसदी वेटेज दिया जाएगा और 12 बारहवीं कक्षा की प्री-बोर्ड परीक्षा को 40 फीसदी वेटेज दिया जाएगा।
अदालत अधिवक्ता ममता शर्मा द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करेगी, जिसमें शुरू में बोर्ड परीक्षा रद्द करने की मांग की गई थी और अब एक समान नीति के लिए मामले को आगे बढ़ा रही है। मामले की सुनवाई जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस दिनेश माहेश्वरी कर रहे हैं
12वीं के परिणाम जारी करने के लिए सीबीएसई 30-20-50 के फार्मूले के आधार पर मूल्यांकन कर सकता है। इसमें 10वीं के 30 फीसद अंक, 11वीं के 20 फीसद अंक और 12वीं के 50 फीसद अंकों को शामिल किया जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक कमेटी 11वीं के 20 फीसद अंक को ही जोड़ने के पक्ष में है, क्योंकि 11वीं में छात्रों के सामने कई समस्याएं होती हैं।
सीबीएसई ने 4 जून 2021 को ईवैल्यूएशन क्राइटेरिया तय करने के लिए 13 सदस्यीय कमेटी का गठन किया था. 12वीं मूल्यांकन नीति तय करने के लिए समिति को दस दिन का समय दिया गया था. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और सीबीएसई को ईवैल्यूएशन क्राइटेरिया तय करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया था.
राज्य बोर्ड कक्षा 12 की परीक्षा रद्द करने की याचिका और छात्रों के मूल्यांकन पर निर्णय के साथ, सुप्रीम कोर्ट आज एक और याचिका पर सुनवाई करेगा जिसमें एनआईओएस परीक्षाओं की शारीरिक परीक्षा के संबंध में निर्देश देने की मांग की गई है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, 23 अलग-अलग राज्यों, दो केंद्र शासित प्रदेशों और तीन अलग-अलग देशों के 47 छात्रों की ओर से एडवोकेट अनुभा श्रीवास्तव सहाय और सात अन्य ने याचिका दायर की है।