केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) अपने मूल्यांकन प्रक्रिया में बदलाव करने जा रही है जिसके कारण अगले साल से दसवीं कक्षा की परीक्षा देने वाले छात्रों को अब पांच के बजाय छह विषयों की पढ़ाई करनी पड़ सकती है। दसवीं कक्षा के छात्रों को इस समय दो भाषाओं, सामाजिक विज्ञान, गणित और विज्ञान के पांच विषय पढ़ना पड़ता है। एक ‘अतिरिक्त’ कोर्स के रूप में व्यावसायिक विषय चुनने का भी छात्रों के पास एक विकल्प था। हालांकि, 2017-18 शैक्षणिक वर्ष से व्यावसायिक विषय का अध्ययन अनिवार्य कर दिया जाएगा।

राष्ट्रीय कौशल योग्यता रूपरेखा (एनएसक्यूएफ) के तहत अनिवार्य विषय के तौर पर व्यवसायिक विषय की शिक्षा दे रहे स्कूलों के लिए केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने दसवी कक्षा की बोर्ड परीक्षा में अपने मूल्यांकन के तौर तरीकों को नये सिरे से ढाला है। सीबीएसई ने कहा है कि अगर छात्र तीन वैकल्पिक विषयों विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, गणित में से एक में भी फेल हो जाता है तो इसके जगह पर व्यवसायिक विषय (छठे अतिरिक्त विषय) को प्रतिस्थापित किया जा सकेगा। इसमें बताया गया है कि तदनुसार बोर्ड परीक्षा का परिणाम जारी किया जाएगा। हालांकि, अगर एक विद्यार्थी फेल होने वाले विषय में परीक्षा देना चाहेगा तो वह पूरक परीक्षा दे सकेगा।

इससे पहले सीबीएसई ने एक नोटिफिकेशन जारी किया था, जिसके अनुसार दसवीं कक्षा के बच्चों को अगले साल से योगा करने और देशभक्ति दिखाने के भी नंबर दिए जाएंगे। बोर्ड ने एक नोटिफिकेशन जारी करते हुए कहा है कि दसवीं कक्षा के विद्यार्थियों को को- स्कोस्टिक एक्टिविटी जैसे कि योगा, मार्शल आर्ट्स, स्पोर्ट्स, एनसीसी आदि के लिए A से लेकर E तक ग्रेड भी दी जाएगी। विद्यार्थियों को ये नंबर हेल्थ और फिजिकल एजुकेशन में दिए जाएंगे। साथ ही सीबीएसई की ओर से दी गई ये ग्रेड विद्यार्थियों की मार्क शीट में दिखाई देगी, हालांकि इससे पूरे रिजल्ट पर कोई भी असर नहीं पड़ेगा।