सीबीएसई बोर्ड 10वीं की परीक्षाएं रद्द कर दी गई हैं। यानि कि इस साल 10वीं के स्टूडेंट्स को परीक्षाएं नहीं देनी होंगी। कोरोना काल में अब सीबीएसई 10वीं के छात्रों को बिना परीक्षा के ही प्रमोट किया जाएगा। उनके लिए ऑब्जेक्टिव क्राइटेरिया (इंटरनल असेसमेंट) के आधार पर रिजल्ट तैयार किया जाएगा। नोटिफिकेशन के अनुसार, जो बच्चे इस रिजल्ट में मिले मार्क्स से संतुष्ट नहीं होंगे वह परीक्षा देने के लिए आवेदन कर सकते हैं। वहीं 12वीं परीक्षाएं बोर्ड ने फिलहाल टाल दी गई हैं। बोर्ड ने इसके मद्देनजर एक प्रेस रिलीज जारी की है।
पीएम लेवल पर हुआ सीबीएसई बोर्ड परीक्षा रद करने का फैसला, गवर्निंग बॉडी को भी नहीं था पता
प्रधानमंत्री ने बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता बताते हुए परीक्षा स्थगित करने के आदेश दिए। 10वीं 12वीं बोर्ड परीक्षाएं आगामी 4 मई से शुरू होनी थीं। पीएम ने शिक्षा मंत्री और राज्य मंत्रियों के साथ बैठक की थी। स्टूडेंट्स की भी मांग थी कि कोरोना के केस लगातार बढ़ रहे हैं इसलिए एग्जाम अभी नहीं होने चाहिए। CBSE बोर्ड एग्जाम के कैंसिल किए जाने की मांग देशभर में उठ रही थी। इस विषय पर पीएम नरेंद्र मोदी ने शिक्षा मंत्री, सेक्रेटरी और अन्य प्रमुख अधिकारियों के साथ बैठक की।
CBSE Board Class 10, 12 Exams 2021 Latest Update: Check Here
CBSE बोर्ड 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं 4 मई से होनी थीं। लेकिन कोरोना वायरस का दूसरा स्ट्रेन काफी घातक बताया जा रहा है। इस बीच बच्चे परीक्षा टालने की मांग करने लगे। ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन ने शिक्षा मंत्रालय को चिट्ठी 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं को टालने की मांग की थी। CBSE की बोर्ड परीक्षाओं में इस बार 30 लाख से ज्यादा स्टूडेंट शामिल होने वाले थे। इसी सब के बाद ये फैसला सामने आया है।

Highlights
सीबीएसई ने भी कुछ स्पष्ट नहीं किया है। 10वीं के छात्रों को उत्तीर्ण करने का आधार क्या होगा, इसको लेकर स्कूलों को भी सीबीएसई के निर्देशों का इंतजार है। ज्ञात हो कि इस बार पूरे देश में 10वीं में लगभग 21.5 लाख तथा 12वीं में लगभग 14 लाख छात्रों ने नामांकन कराया है।
सीबीएसई के एक अधिकारी का कहना है कि इस दिशा में वर्कआउट करने बाद साझा किया जाएगा। वहीं एक निजी स्कूल प्रिंसिपल का कहना है कि 10वीं के बोर्ड के छात्रों को उत्तीर्ण करने का आधार कई हो सकते हैं। प्री बोर्ड परीक्षा, इंटरनल असेसमेंट, प्रैक्टिकल। बस बोर्ड यह तक करे कि किसके लिए कितना वेटेज दिया जाना है। उसी के आधार पर परिणाम निकाला जा सकता है।
इस साल कोविड के कारण स्कूल बंद रहे हैं जिसके चलते बोर्ड ने CBSE सिलेबस में 30 फीसदी की कटौती थी। छात्रों की सहूलियत के लिए सिलेबस कम कर दिया गया था। सैंपल पेपर्स भी इसी बात को ध्यान में रखकर जारी किए गए थे। इस बार बोर्ड ने मल्टी च्वाइस क्वेश्चन (MCQ) की संख्या बढ़ाई थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बोर्ड के साथ मीटिंग करके कोविड प्रकोप के बीच 10वीं की परीक्षाएं रद्द और 12वीं की परीक्षाओं टालने का फैसला दिया। पीएम ने कहा कि 10वीं के बच्चे मानसिक दबाव झेल रहे हैं इसलिए उनको इंटरनल असेसमेंट के आधार पर प्रोमोट कर देना चाहिए।
4 मई से 14 जून तक चलने वाली 12वीं बोर्ड की परीक्षा अभी टाली गई है। ये परीक्षा इसके बाद होगी। बोर्ड 1 जून को हालात की समीक्षा करेगा। तब फैसला किया जाएगा।अगर परीक्षा होती है तो कम से कम 15 दिन पहले छात्रों को इसके बारे में बताया जाएगा।
बोर्ड द्वारा तय क्राइटीरिया से बने रिजल्ट से अगर कोई स्टूडेंट संतुष्ट नहीं होता है, तो उसे फिर से परीक्षा में बैठने का मौका दिया जाएगा। परिस्थितियां सामान्य होने के बाद सीबीएसई उस परीक्षा का आयोजन करेगा।
सीबीएसई बोर्ड इस बार 10वीं के बच्चों को ओब्जेक्टिव क्राइटेरिया के आधार पर रिजल्ट जारी कर सकता है। इसके आधार पर बच्चों को मार्क्स दिये जाएंगे जो बच्चे अपने मार्क्स से संतुष्ट नहीं होंगे उन्हें स्थिति सामान्य होने पर परीक्षा में बैठने का मौका दिया जाएगा। बोर्ड और स्कूल बच्चे को यह सूचित करेंगे कि वह कब परीक्षा आयोजित करने की स्थिति में हैं।
पहली बार ऐसा हो रहा है जब सीबीएसई ने 10वीं की बोर्ड परीक्षा पूरी तरह रद्द कर दी है। अब सवाल है कि ऐसे में स्टूडेंट्स का रिजल्ट किस तरह तैयार किया जाएगा? पीएम मोदी की बैठक में इस पर भी चर्चा हुई। सरकार इस नतीजे पर पहुंची है कि इसके लिए सीबीएसई मापदंड निर्धारित करेगी। उसी के आधार पर इस साल सीबीएसई 10वीं के सभी स्टूडेंट्स का रिजल्ट बनेगा।
कोरोना के कारण पिछले साल CBSE की बोर्ड परीक्षाओं के कुछ पेपर बाकी रह गए थे। तब 1 से 15 जुलाई के बीच होने वाले पेपर रद्द कर दिए गए थे।
ज्यादातर छात्र और अभिभावक बोर्ड और सरकार के नए फैसले से संतुष्ट हैं. हालांकि कुछ लोग यह भी जानना चाहते हैं कि सीबीएसई बोर्ड की 10वीं की परीक्षाओं (CBSE 10th Board Exam Cancelled) की तरह 12वीं की परीक्षाएं भी रद्द (CBSE 12th Board Exam Postponed) क्यों नहीं कर दी गई हैं. यह एक बेहद आम सवाल है, जो किसी के भी मन में आना वाजिब है. दरअसल, 12वीं की परीक्षाएं रद्द करने से छात्रों को कॉलेज में एडमिशन लेने में काफी परेशानी हो जाती.
सीबीएसई बोर्ड 10वीं की परीक्षाएं रद्द कर दी हैं। 12वीं की परीक्षाओं को स्थगित कर दिया है। इस पर बच्चों और पैरेंट्स ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी। लोगों ने कहा भयंकर बीमारी से बच्चों को बचाने के लिए सरकार ने बिल्कुल सही फैसला लिया है।"
इस साल कोविड के कारण स्कूल बंद रहे हैं जिसके चलते बोर्ड ने CBSE सिलेबस में 30 फीसदी की कटौती थी। छात्रों की सहूलियत के लिए सिलेबस कम कर दिया गया था। सैंपल पेपर्स भी इसी बात को ध्यान में रखकर जारी किए गए थे। इस बार बोर्ड ने मल्टी च्वाइस क्वेश्चन (MCQ) की संख्या बढ़ाई थी।
सीबीएसई बोर्ड ने 12वीं की परीक्षाओं को स्थगित कर दिया है। पहले 12वीं की परीक्षाएं 4 मई से 14 जून के बीच होनी थी। आगे की तारीख के लिए बोर्ड एक जून को कोरोना स्थितियों की समीक्षा करेगा इसके बाद ही परीक्षा आयोजित करने को लेकर फैसला लिया जाएगा। अगर परीक्षा आयोजित की जाती हैं तो 15 दिन पहले छात्रों को डेट शीट के बारे में सूचित कर दिया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बोर्ड के साथ मीटिंग करके कोविड प्रकोप के बीच 10वीं की परीक्षाएं रद्द और 12वीं की परीक्षाओं टालने का फैसला दिया। पीएम ने कहा कि 10वीं के बच्चे मानसिक दबाव झेल रहे हैं इसलिए उनको इंटरनल असेसमेंट के आधार पर प्रोमोट कर देना चाहिए।
कोरोना महामारी के कारण 11 राज्यों में स्कूल बंद कर दिये गए हैं। इसमें यूपी, एमपी, राजस्थान, हरियाणा, महाराष्ट्र जैसे राज्य शामिल हैं। अधिकतर राज्यों में परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं।
सीबीएसई के बाद सीआईएससीई (CISCE) बोर्ड भी परीक्षाओं पर जल्द ही निर्णय ले सकता है। इसके लिए बोर्ड कोरोना काल में स्थितियों की समीक्षा कर रहा है। बोर्ड परीक्षाओं के आयोजित होने के संबंध में जल्द की निर्णय किया जाएगा। परीक्षाएं स्थगित होने या रद्द करने को नोटिस जारी किया जाएगा।
सीबीएसई बोर्ड के 10वीं की परीक्षा रद्द और 12वीं की स्थगित होने से झारखंड के एक लाख से ज्यादा छात्रों को राहत मिली है। दरअसल झारखंड में इस समय कोरोना के आकड़ें भी लगातार बढ़ रहे हैं।
सीबीएसई के एक अधिकारी का कहना है कि इस दिशा में वर्कआउट करने बाद साझा किया जाएगा। वहीं एक निजी स्कूल प्रिंसिपल का कहना है कि 10वीं के बोर्ड के छात्रों को उत्तीर्ण करने का आधार कई हो सकते हैं। प्री बोर्ड परीक्षा, इंटरनल असेसमेंट, प्रैक्टिकल। बस बोर्ड यह तक करे कि किसके लिए कितना वेटेज दिया जाना है। उसी के आधार पर परिणाम निकाला जा सकता है।
सीबीएसई ने भी कुछ स्पष्ट नहीं किया है। 10वीं के छात्रों को उत्तीर्ण करने का आधार क्या होगा, इसको लेकर स्कूलों को भी सीबीएसई के निर्देशों का इंतजार है। ज्ञात हो कि इस बार पूरे देश में 10वीं में लगभग 21.5 लाख तथा 12वीं में लगभग 14 लाख छात्रों ने नामांकन कराया है।
12वीं के छात्र जहां परीक्षा में देरी को बेहतर मान रहे हैं वहीं 10वीं के छात्रों के मन में यह चिंता है कि किस आधार पर उनको उत्तीर्ण किया जाएगा। जब परीक्षा नहीं होगी तो मूल्यांकन का आधार क्या होगा।
ऑब्जेक्टिव क्राइटेरिया कुछ इस तरह से तैयार होगा जिससे छात्रों का पूरी तरह इनसाइट असेसमेंट किया जा सके। इस प्रोसेस के जरिये बोर्ड एक या एक से अधिक टूल्स का इस्तेमाल करके छात्रों का स्टेप बाइ स्टेप मूल्यांकन कर सकता है। इसमें प्रभावी मूल्यांकन के लिए छात्रों के कौशल और बीते साल जो सीखा है उसे परिणाम निकालने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
सीबीएसई ने इस पर कहा है कि बहुत जल्द सीबीएसई दसवीं के छात्रों के मूल्यांकन के लिए ऑब्जेक्टिव क्राइटेरिया तैयार करेगा. अगर लास्ट ईयर की बात करें तो छात्रों को उनके पूरे साल के प्रदर्शन के आधार पर आगे प्रमोट किया गया था. लेकिन कहा जा रहा है कि इस साल ये तरीका पहले से अलग होगा।
ऑब्जेक्टिव क्राइटेरिया अक्सर कई प्वाइंट्स के जरिये छात्रों के मूल्यांकन की विधि है. इसमें शैक्षिक संगठन इस बात का असेसमेंट करते हैं कि छात्रों ने पूरे साल क्या सीखा, उस आधार पर उनके परिणामों की उपलब्धि का दस्तावेज़ कैसे तैयार होगा.
कोरोना से महाराष्ट्र, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश समेत कई राज्य बहुत ज्यादा प्रभावित हैं। कई अन्य राज्यों में भी स्थिति खराब होने की ओर बढ़ रही है। ऐसे में परीक्षा कराना बड़ी चुनौती थी। केंद्र के फैसले से पहले महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश की सरकारें अपने यहां होने वाली बोर्ड परीक्षाएं टाल चुकी थीं। इसके साथ देश के स्टेट बोर्ड ने भी परीक्षाएं टाल दी हैं।
कोरोना के कारण पिछले साल CBSE की बोर्ड परीक्षाओं के कुछ पेपर बाकी रह गए थे। तब 1 से 15 जुलाई के बीच होने वाले पेपर रद्द कर दिए गए थे।
बैठक में अधिकारियों का सुझाव था कि 12वीं और 10वीं दोनों की परीक्षाएं टाली जाएं, लेकिन प्रधानमंत्री ने सबके सुझाव सुनने के बाद कहा कि बच्चे पहले ही कोरोना में बहुत नुकसान और परेशानी झेल चुके हैं। ऐसे में 10वीं की परीक्षा को रद्द किया जाना चाहिए और 12वीं की परीक्षा को टाला जाना चाहिए।
ये फैसले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के साथ शिक्षा मंत्रालय के अधिकारियों की बैठक में लिया गया। इससे पहले कई नेता और राज्य सरकारें CBSE की परीक्षाएं टालने की मांग कर चुके थे।
शिक्षा मंत्रालय से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि शॉर्ट नोटिस पर 12वीं के ऑनलाइन एग्जाम संभव नहीं है। इतनी जल्दी छात्र अपने आपको ऑनलाइन पैटर्न के लिए कैसे तैयार करेंगे? ऐसे में एग्जाम ऑनलाइन करवाना और इन्हें कैंसल करने जैसे विकल्प संभव नहीं।
इनकी भी परीक्षा 4 मई से 14 जून तक होनी थीं। ये रद्द यानी कैंसिल कर दी गई हैं। यानी इस साल इनकी परीक्षा नहीं होंगी। सभी स्टूडेंट्स अगली क्लास में प्रमोट किए जाएंगे, लेकिन रिजल्ट के साथ। इस रिजल्ट का आधार क्या होगा, CBSE इसे तय करेगा।
अगर कोई छात्र बोर्ड की ओर से दिए गए मार्क्स से संतुष्ट नहीं होगा तो वो परीक्षा में शामिल हो सकता है, लेकिन ये परीक्षा तब होगी, जब इसके लिए देश में हालात सामान्य होंगे।
4 मई से 14 जून तक चलने वाली 12वीं बोर्ड की परीक्षा अभी टाली गई है। ये परीक्षा इसके बाद होगी। बोर्ड 1 जून को हालात की समीक्षा करेगा। तब फैसला किया जाएगा।
अगर परीक्षा होती है तो कम से कम 15 दिन पहले छात्रों को इसके बारे में बताया जाएगा।
पहली बार ऐसा हो रहा है जब सीबीएसई ने 10वीं की बोर्ड परीक्षा पूरी तरह रद्द कर दी है। अब सवाल है कि ऐसे में स्टूडेंट्स का रिजल्ट किस तरह तैयार किया जाएगा? पीएम मोदी की बैठक में इस पर भी चर्चा हुई। सरकार इस नतीजे पर पहुंची है कि इसके लिए सीबीएसई मापदंड निर्धारित करेगी। उसी के आधार पर इस साल सीबीएसई 10वीं के सभी स्टूडेंट्स का रिजल्ट बनेगा।
सीबीएसई बोर्ड ने भी इस संबंध में नोटिस जारी कर दिया है। बोर्ड ने कहा है कि 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं 04 मई से 14 जून 2021 तक होनी थीं। लेकिन इन्हें स्थगित कर दिया गया है। ये परीक्षाएं अब कब ली जाएंगी, इसका फैसला 01 जून 2021 को कोविड-19 के हालात की समीक्षा के बाद लिया जाएगा। स्टूडेंट्स को परीक्षा से कम से कम 15 दिन पहले नोटिस जारी कर सूचना दी जाएगी।
बोर्ड द्वारा तय क्राइटीरिया से बने रिजल्ट से अगर कोई स्टूडेंट संतुष्ट नहीं होता है, तो उसे फिर से परीक्षा में बैठने का मौका दिया जाएगा। परिस्थितियां सामान्य होने के बाद सीबीएसई उस परीक्षा का आयोजन करेगा।
दिल्ली के शिक्षा मंत्री ने की CBSE बोर्ड 12 की भी परीक्षाएं रद्द करने की मांग की है। मनीष सिसोदिया ने कहा, "मुझे खुशी है कि 10वीं की परीक्षा रद्द की गई और 12वीं की परीक्षा स्थगित की गई है। मैं अपील करता हूं कि 12वीं कक्षा के छात्रों को भी आतंरिक मूल्यांकन के आधार पर प्रमोट किया जाए।"
सीबीएसई बोर्ड की 12वीं की परीक्षाएं स्थगित करने पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने खुशी जताई है। महामारी के दौरान उन्होंने सरकार के इस फैसली की सराहना की। साथ ही 10वीं क्लास की तरह 12वीं की परीक्षाएं भी रद्द करने की मांग उठाई। उन्होंने कहा जून तक छात्रों को बेवजह के दबाव में रखने अनुचित है।
सीबीएसई बोर्ड की परीक्षाएं लास्ट टाइम पर कैंसिल हुई हैं। दसवीं और बारहवीं कक्षा की परीक्षाओं की डेटशीट जारी हो चुकी थी। बोर्ड परीक्षाएं 4 मई से शुरू होकर 10 जून तक चलनी थी, वहीं 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं का रिजल्ट 15 जुलाई तक आना संभावित था।
CBSE की 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं 4 मई से होनी थीं। लेकिन कोरोना वायरस का दूसरा स्ट्रेन काफी घातक बताया जा रहा है। इस बीच बच्चे परीक्षा टालने की मांग करने लगे। सोशल मीडिया पर बड़ा कैंपेन चलाया गया। ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन ने शिक्षा मंत्रालय को चिट्ठी 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं को टालने की मांग की थी। इसी सब के बाद ये फैसला सामने आया है।
सीबीएसई बोर्ड 10वीं की परीक्षाएं कैंसिल होने पर दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने 10वीं की तरह ही 12वीं में भी इंटरनल असेसमेंट का विकल्प देने की मांग की है। सीबीएसई की ओर से 1 जून को होने वाली बैठक के बाद 12वीं परीक्षा का नया शेड्यूल जारी किया जा सकता है।
इस बार 12वीं की परीक्षा में 12 लाख विद्यार्थी शामिल होने वाले थे। 10वीं में इंटरनल असेसमेंट के आधार पर रिजल्ट जारी किय जाएंगे। 10वीं की परीक्षा में 18 लाख विद्यार्थी शामिल होने वाले थे।
सीबीएसई बोर्ड 10वीं की परीक्षाएं रद्द कर दी गई हैं। 10 वीं के छात्रों को बिना परीक्षा प्रमोट किया जाएगा। वहीं 12वीं के लिए 1 जून के बाद डिसाइड होगा कि परीक्षाएं कैसे होनी हैं। इस साल 10वीं के बच्चों को उनकी स्कूल परफॉर्मेंस, प्रैक्टिकल और ओब्जेक्टिव्स के आधार पर रिजल्ट दिया जाएगा।