सीबीएसई बोर्ड के 10वीं 12वीं के स्टूडेंट्स असमंजस में है कि एग्जाम होंगे या फिर बिना एग्जाम के ही रिजल्ट जारी किया जाएगा। दरअसल बोर्ड ने तैयारियां तो पूरी कर ली हैं कि एग्जाम 1 जुलाई से कराएं जाएं, लेकिन कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए इसपर भी विचार किया जा रहा है कि रिजल्ट बिना एग्जाम के ही जारी कर दिया जाए। CBSE बोर्ड ने आज सुप्रीम कोर्ट में कहा कि परीक्षा पर फैसला अभी अंतिम दौर में है और 2 दिन में समय में फैसला ले लिया जाएगा। बोर्ड गुरुवार 25 जून तक परीक्षा आयोजित कराने अथवा इंटर्नल मार्किंग के आधार पर छात्रों को पास कराने पर फैसला सुनाएगा।
सीबीएसई बोर्ड के एग्जाम 1 जुलाई से शुरू होकर 15 जुलाई तक चलेंगे। बोर्ड ने सेंटर्स की संख्या भी बढ़ाकर 15000 कर दी है। यह संख्या कोरोना वायरस से पहले 3000 थी। इसके अलावा बोर्ड ने यह सुविधा भी दी है कि जो जहां है वहीं पास के सेंटर पर अपना एग्जाम दे सकता है। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) द्वारा 12वीं कक्षा की बची हुई परीक्षाओं को रद्द कराने के लिए छात्रों के अभिभावक अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गए हैं। पैरेंट्स का मानना है कि इस मुश्किल समय में छात्रों को परीक्षा के लिए भेजना उनकी जान को खतरे में डालने के बराबर है। दाखिल की गई याचिका के मुताबिक, पैरेंट्स चाहते हैं कि 12वीं की शेष बची हुईं परीक्षाएं रद्द हों और छात्रों के परिणाम, आंतरिक मूल्यांकन अंकों के साथ औसत आधार पर तैयार होने चाहिए।
Highlights
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) द्वारा 12वीं कक्षा की बची हुई परीक्षाओं को रद्द कराने के लिए छात्रों के अभिभावक अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गए हैं। 12वीं के कुछ छात्रों के अभिभावकों ने COVID-19 महामारी के कारण देश में मौजूदा हालात को देखते हुए परीक्षाओं के आयोजन को छात्रों के लिए खतरा बताया और उच्चतम न्यायालय में याचिका दाखिल की है।
पैरेंट्स का मानना है कि इस मुश्किल समय में छात्रों को परीक्षा के लिए भेजना उनकी जान को खतरे में डालने के बराबर है। दाखिल की गई याचिका के मुताबिक, पैरेंट्स चाहते हैं कि 12वीं की शेष बची हुईं परीक्षाएं रद्द हों और छात्रों के परिणाम, आंतरिक मूल्यांकन अंकों के साथ औसत आधार पर तैयार होने चाहिए।
पैरेंट्स ने कहा है कि बोर्ड जुलाई, 2020 के महीने परीक्षा आयोजित कराना चाहता है जिसमें AIIMS डेटा के अनुसार, कोरोनावायरस महामारी का संक्रमण अपने चरम पर होगा। याचिका में कहा गया है कि इस साल अप्रैल में बोर्ड ने 9वीं और 11वीं क्लास के छात्रों को भी स्कूल के आकलन के आधार पर अगली क्लास में प्रमोट करने का निर्देश दिया था।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) द्वारा 12वीं कक्षा की बची हुई परीक्षाओं को रद्द कराने के लिए छात्रों के अभिभावक अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गए हैं। 12वीं के कुछ छात्रों के अभिभावकों ने COVID-19 महामारी के कारण देश में मौजूदा हालात को देखते हुए परीक्षाओं के आयोजन को छात्रों के लिए खतरा बताया और उच्चतम न्यायालय में याचिका दाखिल की है।
सॉलिसिटर जनरल ने जजों की बेंच से कहा कि वे छात्रों और अभिभावकों की चिंता समझते हैं। बैठक अपने अंतिम दौर में है और परीक्षा कराने का लेकर फैसला बहुत जल्द लिया जाएगा।
बोर्ड 01 जुलाई से 12वीं की बची हुई परीक्षाएं आयोजित करने के लिए तैयार है जबकि इस फैसला के बढ़ते विरोध के बीच परीक्षा रद्द होने के आसार नज़र आ रहे हैं। बोर्ड आज सुप्रीम कोर्ट में परीक्षा की डेट को लेकर अपना निर्णय सुनाने वाला है।
अनुमान लगाया जा रहा है कि सीबीएसई यह सिलेबस ट्रिम करने के लिए चुन सकता है, क्योंकि लॉकडाउन आसान होने के बाद बोर्ड पहले ही नए शैक्षणिक सत्र में आ जाएगा। नए सत्र के अकादमिक कैलेंडर को बनाए रखने और वर्तमान शैक्षणिक सत्र की गतिविधियों के साथ आने के लिए, बोर्ड पाठ्यक्रम को छोटा कर सकता है; लेकिन बोर्ड को अभी इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक स्कूलों के लिए करिकुलम जारी कर दिया है। बोर्ड ने अपनी अधिसूचना में कहा है कि कोरोनोवायरस महामारी के चलते स्कूलों को बंद करने के कारण शैक्षणिक सत्र 2020-21 में हुई अनुदेशात्मक समय की संभावित हानि पर विचार किया जाएगा।
डेटशीट को डाउनलोड करने के लिए दिख रही लिस्ट पर राइट क्लिक करें तथा Save as Image पर क्लिक करें। मोबाइल ऐप्प पर डेटशीट को टच करके होल्ड करें और Save Image का ऑप्शन चुनें।
CBSE बोर्ड ने अपनी बची हुई 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं के लिए डेट शीट अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर जारी कर दी है। शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने ट्वीट कर इसकी जानकारी भी दी थी। छात्र पूरा एग्जाम शिड्यूल बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर विजिट कर डाउनलोड कर सकते हैं।
यदि CBSE द्वारा यह निर्णय अमल में लाया जाता है, तो इसका मतलब यह होगा कि अगले साल होने वाली बोर्ड परीक्षा उन विषयों और टॉपिक्स पर छात्रों का मूल्यांकन नहीं किया जाएगा, जिन्हें उन्होंने सेल्फ स्टडी, असाइनमेंट और प्रोजेक्ट्स के माध्यम से कवर किया है।
जारी डॉक्यूमेंट में कहा गया है कि बोर्ड परीक्षा में शिक्षक द्वारा पढ़ाए गए विषयों का मूल्यांकन किया जा सकता है, वहीं स्कूल के इंटर्नल एग्जॉम्स में सेल्फ स्टडी के टॉपिक्स को कवर किया जा सकता है। सीबीएसई छात्र के आंतरिक मूल्यांकन के लिए प्रत्येक विषय में 20 अंक निर्धारित करता है।
इतिहास में औद्योगिकीकरण; गणित में ट्राएंगल और फ्रस्ट्रम का क्षेत्रफल; और विज्ञान में, धातुओं और अधातुओं के भौतिक गुण, और 'टिंडल प्रभाव' उन टॉपिक्स और विषयों में से हैं जिनका अगले साल कक्षा 10 के बोर्ड परीक्षा में मूल्यांकन में शामिल नहीं किया जाएगा क्योंकि इन्हें राष्ट्रीय शैक्षिक परिषद द्वारा "सेल्फ स्टडी, असाइनमेंट या प्रोजेक्ट" के माध्यम से कवर किया जाएगा।
(भारत में)1. बिजनेस स्टडीज़, 2. भूगोल, 3. हिंदी कोर, 4. हिंदी इलेक्टिव, 5. होम साइंस, 6. सोशलॉजी, 7. कंप्यूटर साइंस (Old), 8. कंप्यूटर साइंस (New), 9. इनफॉर्मेशन प्रैक्टिस (old), 10. इनफॉर्मेशन प्रैक्टिस (new), 11. इनफॉर्मेशन टेक्नॉलोजी, 12. बायो- टेक्नॉलोजी
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने विभिन्न प्रवेश परीक्षाओं के लिए चल रही आवेदन प्रक्रिया की अंतिम तिथि पहले ही बढ़ा दी है। इसलिए बोर्ड रिजल्ट के बाद एंट्रेस एग्जाम में शामिल होने वाले छात्रों को ज्यादा परेशान नहीं होगी।
कोरोनावायरस महामारी के चलते पैदा हुई स्थिति को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) विदेशों में 10वीं और 12वीं कक्षाओं की लंबित परीक्षाएं नहीं लेगा। सीबीएसई के सचिव अनुराग त्रिपाठी ने कहा, ‘‘25 देशों में कई सीबीएसई स्कूल स्थित हैं।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) द्वारा 12वीं कक्षा की बची हुई परीक्षाओं को रद्द कराने के लिए छात्रों के अभिभावक अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गए हैं। 12वीं के कुछ छात्रों के अभिभावकों ने COVID-19 महामारी के कारण देश में मौजूदा हालात को देखते हुए परीक्षाओं के आयोजन को छात्रों के लिए खतरा बताया और उच्चतम न्यायालय में याचिका दाखिल की है।
पैरेंट्स का मानना है कि इस मुश्किल समय में छात्रों को परीक्षा के लिए भेजना उनकी जान को खतरे में डालने के बराबर है। दाखिल की गई याचिका के मुताबिक, पैरेंट्स चाहते हैं कि 12वीं की शेष बची हुईं परीक्षाएं रद्द हों और छात्रों के परिणाम, आंतरिक मूल्यांकन अंकों के साथ औसत आधार पर तैयार होने चाहिए।
CBSE बोर्ड ने आज सुप्रीम कोर्ट में कहा कि परीक्षा पर फैसला अभी अंतिम दौर में है और 2 दिन में समय में फैसला ले लिया जाएगा। बोर्ड गुरुवार 25 जून तक परीक्षा आयोजित कराने अथवा इंटर्नल मार्किंग के आधार पर छात्रों को पास कराने पर फैसला सुनाएगा।
पैरेंट्स ने कहा है कि बोर्ड जुलाई, 2020 के महीने परीक्षा आयोजित कराना चाहता है जिसमें AIIMS डेटा के अनुसार, कोरोनावायरस महामारी का संक्रमण अपने चरम पर होगा। याचिका में कहा गया है कि इस साल अप्रैल में बोर्ड ने 9वीं और 11वीं क्लास के छात्रों को भी स्कूल के आकलन के आधार पर अगली क्लास में प्रमोट करने का निर्देश दिया था।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) द्वारा 12वीं कक्षा की बची हुई परीक्षाओं को रद्द कराने के लिए छात्रों के अभिभावक अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गए हैं। 12वीं के कुछ छात्रों के अभिभावकों ने COVID-19 महामारी के कारण देश में मौजूदा हालात को देखते हुए परीक्षाओं के आयोजन को छात्रों के लिए खतरा बताया और उच्चतम न्यायालय में याचिका दाखिल की है।
बोर्ड ने अदालत से परीक्षा कराने को लेकर जो समय लिया था उसके बाद आज 23 जून को बोर्ड अपना निर्णय जारी कर सकता है। बोर्ड को यह फैसला लेना है कि परीक्षा का आयोजन 01 जुलाई से किया जाए अथवा इंटर्नल मार्किंग के आधार पर छात्रों को पास कर दिया जाए।
बोर्ड ने यह स्पष्ट कर दिया है कि उत्तरी दिल्ली में फैली सांप्रदायिक हिंसा के चलते जिन इलाकों में परीक्षाएं नहीं हो सकी हैं वहां अब सभी विषयों की परीक्षाएं कराने के बजाय केवल जरूरी विषयों की परीक्षाएं कराई जाएंगी। बोर्ड ने इसके संबंध में 29 विषयों की लिस्ट भी जारी की है।
डेटशीट को डाउनलोड करने के लिए दिख रही लिस्ट पर राइट क्लिक करें तथा Save as Image पर क्लिक करें। मोबाइल ऐप्प पर डेटशीट को टच करके होल्ड करें और Save Image का ऑप्शन चुनें।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक स्कूलों के लिए करिकुलम जारी कर दिया है। बोर्ड ने अपनी अधिसूचना में कहा है कि कोरोनोवायरस महामारी के चलते स्कूलों को बंद करने के कारण शैक्षणिक सत्र 2020-21 में हुई अनुदेशात्मक समय की संभावित हानि पर विचार किया जाएगा।
ओडिशा कैडर के 1990 बैच के IAS अधिकारी मनोज आहूजा पहले लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी के विशेष निदेशक के रूप में तैनात थे। उन्होंने CBSE का पदभार संभाला है और उन्हें इस समय वार्षिक बोर्ड परीक्षाओं को पूरा करने की एक बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है, जिन्हें लॉकडाउन के कारण रोक दिया गया था।
अगला पेपर नॉर्थ ईस्ट दिल्ली के लिए केमेस्ट्री का होगा। इसका सब्जेक्ट कोड 043 है तथा परीक्षा की टाइमिंग वही रहेगी। यह एग्जाम सोमवार 06 जुलाई को आयोजित किया जाएगा।
बोर्ड की परीक्षाएं 01 जुलाई से होमसाइंस के एग्जाम के साथ शुरू होंगी। परीक्षा का पूरा शिड्यूल जारी कर दिया गया है। सब्जेक्ट कोड 064 यानी होम साइंस सब्जेक्ट की परीक्षा 01 जुलाई को सुबह 10:30 बजे से 01:30 बजे तक आयोजित की जाएगी।
कोरोनावायरस महामारी के चलते पैदा हुई स्थिति को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) विदेशों में 10वीं और 12वीं कक्षाओं की लंबित परीक्षाएं नहीं लेगा। सीबीएसई के सचिव अनुराग त्रिपाठी ने कहा, "25 देशों में कई सीबीएसई स्कूल स्थित हैं।"
बोर्ड ने परीक्षाएं आयोजित कराने के लिए तैयारी पूरी कर ली है। बोर्ड का कहना है कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद केवल महत्वपूर्ण विषयों की परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी और वे भी बगैर ज्यादा समय खर्च किए। 01 जुलाई से परीक्षाएं शुरू हो जाएंगी।
CBSE बोर्ड की 10वीं और 12वीं की बची हुई परीक्षाएं पहले तय किए गए एग्जाम सेंटर्स के बजाय छात्रों को अपने स्कूल में ही होगी। ऐसे स्कूल जो कंटेनमेंट ज़ोन में आते हैं, वहां परीक्षा नहीं आयोजित की जाएगी। कंटेनमेंट ज़ोन में एग्जाम सेंटर न बनाने का फैसला गृह मंत्रालय ने लिया है।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने शिक्षक और प्रधानाचार्य पुरस्कार 2019 के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं। यह पुरस्कार हर साल 5 सितंबर को प्रदान किए जाते हैं। विजेताओं को एक योग्यता प्रमाणपत्र और 50,000 रुपये का नकद पुरस्कार दिया जाएगा। इच्छुक और पात्र आधिकारिक वेबसाइट cbse.nic.in पर 10 जुलाई या उससे पहले आवेदन कर सकते हैं।
पैरेंट्स का मानना है कि इस मुश्किल समय में छात्रों को परीक्षा के लिए भेजना उनकी जान को खतरे में डालने के बराबर है। दाखिल की गई याचिका के मुताबिक, पैरेंट्स चाहते हैं कि 12वीं की शेष बची हुईं परीक्षाएं रद्द हों और छात्रों के परिणाम, आंतरिक मूल्यांकन अंकों के साथ औसत आधार पर तैयार होने चाहिए।
पैरेंट्स ने कहा है कि बोर्ड जुलाई, 2020 के महीने परीक्षा आयोजित कराना चाहता है जिसमें AIIMS डेटा के अनुसार, कोरोनावायरस महामारी का संक्रमण अपने चरम पर होगा। याचिका में कहा गया है कि इस साल अप्रैल में बोर्ड ने 9वीं और 11वीं क्लास के छात्रों को भी स्कूल के आकलन के आधार पर अगली क्लास में प्रमोट करने का निर्देश दिया था।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) द्वारा 12वीं कक्षा की बची हुई परीक्षाओं को रद्द कराने के लिए छात्रों के अभिभावक अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गए हैं। 12वीं के कुछ छात्रों के अभिभावकों ने COVID-19 महामारी के कारण देश में मौजूदा हालात को देखते हुए परीक्षाओं के आयोजन को छात्रों के लिए खतरा बताया और उच्चतम न्यायालय में याचिका दाखिल की है।
NCERT के सूत्रों के अनुसार, दस्तावेज के मसौदे पर अभी भी चर्चा चल रही है और इसमें और बदलाव हो सकते हैं।
यदि CBSE द्वारा यह निर्णय अमल में लाया जाता है, तो इसका मतलब यह होगा कि अगले साल होने वाली बोर्ड परीक्षा उन विषयों और टॉपिक्स पर छात्रों का मूल्यांकन नहीं किया जाएगा, जिन्हें उन्होंने सेल्फ स्टडी, असाइनमेंट और प्रोजेक्ट्स के माध्यम से कवर किया है।
जारी डॉक्यूमेंट में कहा गया है कि बोर्ड परीक्षा में शिक्षक द्वारा पढ़ाए गए विषयों का मूल्यांकन किया जा सकता है, वहीं स्कूल के इंटर्नल एग्जॉम्स में सेल्फ स्टडी के टॉपिक्स को कवर किया जा सकता है। सीबीएसई छात्र के आंतरिक मूल्यांकन के लिए प्रत्येक विषय में 20 अंक निर्धारित करता है।
इतिहास में औद्योगिकीकरण; गणित में ट्राएंगल और फ्रस्ट्रम का क्षेत्रफल; और विज्ञान में, धातुओं और अधातुओं के भौतिक गुण, और 'टिंडल प्रभाव' उन टॉपिक्स और विषयों में से हैं जिनका अगले साल कक्षा 10 के बोर्ड परीक्षा में मूल्यांकन में शामिल नहीं किया जाएगा क्योंकि इन्हें राष्ट्रीय शैक्षिक परिषद द्वारा "सेल्फ स्टडी, असाइनमेंट या प्रोजेक्ट" के माध्यम से कवर किया जाएगा।
NCERT ने 4 जून को हुई एक बैठक में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) से इस साल पाठ्यक्रम में सुधार के उद्देश्य से 10वीं और 12वीं कक्षा के पाठ्यक्रम और पाठ्यपुस्तकों का विश्लेषण करने को कहा था। इसके बाद NCERT ने कई टॉपिक्स को सेल्फ स्टडी टॉपिक्स की लिस्ट में डाल दिया है। कई महत्वपूर्ण टॉपिक्स को सिलेबस से बाहर किया जाएगा।