केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने इस वर्ष की बची हुई बोर्ड परीक्षाओं की डेट पिछले सप्ताह घोषित कर दी है। बोर्ड 10वीं और 12वीं की 29 महत्वपूर्ण विषयों परीक्षाएं आयोजित करेगा, जो 1 जुलाई से 15 जुलाई के बीच होंगी। बोर्ड सभी विषयों की परीक्षा आयोजित नहीं करेगा, 10वीं की केवल उन छात्रों की परीक्षा होंगी जिनका एग्जाम राजधानी दिल्ली में फैली सांप्रदायिक हिंसा के चलते नहीं हो सका था। अन्य किसी भी 10वीं के छात्र की परीक्षा नहीं होगी और रिजल्ट जुलाई के अंत तक जारी किए जाएंगे। बोर्ड ने अन्य कक्षाओं के परिणाम तैयार करने के लिए मूल्यांकन प्रक्रिया शुरू कर दी है। कोरोनावायरस महामारी के कारण मौजूदा हालात को ध्यान में रखते हुए, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने कक्षा 9 और 11 के सभी फेल छात्रों को एक और मौका प्रदान करने का निर्णय लिया है।
CBSE Board Class 10, 12 Exam Date 2020: check date sheet
वहीं दूसरी ओर एचआरडी मिनिस्टर रमेश पोखरियाल कोरोनावायरस महामारी के बीच शिक्षकों और छात्रों से ऑनलाइन समाधान निकालने की कोशिश कर रहे हैं। इसी कड़ी में 14 मई को मंत्री ने शिक्षकों से लाइव संवाद भी किया। उम्मीद है कि जुलाई के अंतिम सप्ताह तक कॉपियों की चेकिंग का काम पूरा हो जाएगा और रिजल्ट जारी कर दिया जाएगा। बता दें कि, स्टूडेंट्स अपने एडमिट कार्ड को संभालकर रखें, बिना एडमिट कार्ड के एग्जाम हॉल में एंट्री नहीं मिलेगी। अगर एडमिट कार्ड खो गया है या खराब हो गया है तो अपने संबंधित स्कूल में संपर्क करें।
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एचआरडी मिनिस्टर ने वैकल्पिक शैक्षणिक कैलेंडर जारी किया है। यह कैलेंडर शिक्षकों को विभिन्न तकनीकी उपकरणों और सोशल मीडिया टूल्स का उपयोग करने के लिए दिशा-निर्देश प्रदान करता है, जो मज़ेदार, दिलचस्प तरीकों से शिक्षा प्रदान करने के लिए उपलब्ध हैं, जिनका उपयोग शिक्षार्थी घर बैठे भी कर सकते हैं।
उत्तर पूर्वी दिल्ली में स्थित स्कूलों को छोड़कर 10वीं की परीक्षा दोबारा आयोजित नहीं की जाएंगी। पूर्वी दिल्ली के स्कूलों में कक्षा 10वीं की परीक्षाएं केवल हिंदी कोर्स ए, हिंदी कोर्स बी, इंग्लिश कम्युनिकेशन, इंग्लिश लैंगवेज एंड लिट्रेचर, साइंस और सोशल साइंस विषयों के लिए आयोजित की जाएंगी।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (Central Board of Secondary Education, CBSE) ने 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा, परिणाम को लेकर 'फर्जी खबर' फैलाने की कोशिश करने वालों पर एफआईआर दर्ज करने की बात कही है। इस संबंध में बोड ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर नोटिस भी जारी की है जिसमें पूरी जानकारी मौजूद है।
CBSE ने स्कूलों को सलाह दी है कि वे पाठ्यक्रम में बदलाव न करें ताकि छात्रों के सीखने के स्तर के आकलन पर प्रभाव न पड़े। बोर्ड ने जारी नोटिफिकेशन में कहा, “यह देखा गया है कि पाठ्यक्रम के कोई भी बदलाव छात्र के सीखने के स्तर के मूल्यांकन और बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी को गंभीरता से प्रभावित कर सकता है। कृपया ध्यान दें कि मूल्यांकन वर्तमान शैक्षणिक वर्ष के लिए दिए गए पाठ्यक्रम के अनुसार ही किया जाएगा।”
एनसीईआरटी का वैकल्पिक शैक्षणिक कैलेंडर, जिसका उल्लेख केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने भी किया था, में कहीं भी इस बात का उल्लेख नहीं है कि किसी भी वर्ग के लिए पाठ्यक्रम कम किया गया है।
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने विभिन्न प्रवेश परीक्षाओं के लिए चल रही आवेदन प्रक्रिया की अंतिम तिथि पहले ही बढ़ा दी है। इसलिए बोर्ड रिजल्ट के बाद एंट्रेस एग्जाम में शामिल होने वाले छात्रों को ज्यादा परेशान नहीं होगी।
उत्तर पूर्वी दिल्ली में स्थित स्कूलों को छोड़कर 10वीं की परीक्षा दोबारा आयोजित नहीं की जाएंगी. पूर्वी दिल्ली के स्कूलों में कक्षा 10वीं की परीक्षाएं हिंदी कोर्स ए, हिंदी कोर्स बी, इंग्लिश कम्युनिकेशन, इंग्लिश लैंगवेज एंड लिट्रेचर, साइंस और सोशल साइंस विषयों के लिए आयोजित की जाएंगी।
विशेषज्ञों के अनुसार, यह संभावना है कि सीबीएसई कक्षा 10 और कक्षा 12 बोर्ड के परिणाम 2020 मई के अंत तक घोषित किए जाएंगे, जब अप्रैल के महीने में बोर्ड परीक्षा समाप्त हो जाएगी। लॉकडाउन की अवधि बढ़ने के बाद यह लग रहा है कि परीक्षा मई में होंगी तथा रिजल्ट जून माह तक जारी हो सकेगा।
उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगे के दौरान स्थगित हुए 10वीं के कुछ पेपर और 12वीं के बोर्ड एग्जाम 1 जुलाई से 15 जुलाई के बीच आयोजित करने वाला है।
एचआरडी मिनिस्टर ने अपने ट्विट में लिखा कि, ‘सभी सीबीएससी स्कूलों को निर्देशित किया जा रहा है कि 9वीं एवं 11वीं में जो बच्चे अनुत्तीर्ण हो गए हैं, ऐसे सभी बच्चों को ऑनलाइन/ऑफलाइन/इनोवेटिव तरीके से टेस्ट लेने का एक अवसर प्रदान करें।’
सीबीएसई बोर्ड ने यह भी कहा कि, ‘स्कूल बंद हैं, बच्चे अपने-अपने घरों में बंद हैं, अभिभावकों को भी इस दौरान आर्थिक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में मानसिक तनाव और बेचैनी महसूस करना स्वभाविक है। इन हालातों में बहुत से छात्र परीक्षाओं में पास नहीं हो पाए हैं। छात्रों और अभिभावकों की ओर से सवाल मिल रहे हैं, इसलिए तनाव को दूर करने और उनकी घबराहट को कम करने के लिए हम सभी को मिलकर प्रयास करने होंगे।’
मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने खुद अपने ट्विटर अकाउंट पर सीबीएसई बोर्ड का नया नोटिफिकेशन शेयर करते हुए यह सूचना दी है। उन्होंने ट्विट कर बताया कि, मौजूदा हालात के मद्देनजर कक्षा 9वीं और 11वीं में फेल होने वाले छात्र दोबारा ऑनलाइन / ऑफलाइन परीक्षा में बैठ सकेंगे, जिसकी तैयारी के लिए भी पूरा समय छात्रों को दिया जाएगा।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने कक्षा 9वीं और 11वीं में फेल हुए छात्रों को एक और मौका देने का फैसला किया है। सीबीएसई बोर्ड मूल्यांकन प्रक्रिया के आधार तैयार किए गए परिणामों में फेल होने वाले छात्रों को फिर से एग्जाम देने का मौका देगा। यह फैसला देश में फैली कोरोनावायरस COVID-19 महामारी के कारण बने हालात को देखते हुए लिया गया है।
बोर्ड ने यह स्पष्ट कर दिया है कि उत्तरी दिल्ली में फैली सांप्रदायिक हिंसा के चलते जिन इलाकों में परीक्षाएं नहीं हो सकी हैं वहां अब सभी विषयों की परीक्षाएं कराने के बजाय केवल जरूरी विषयों की परीक्षाएं कराई जाएंगी। बोर्ड ने इसके संबंध में 29 विषयों की लिस्ट भी जारी की है। परीक्षा की तिथियों की घोषणा लॉकडाउन खत्म होने के बाद की जा सकती है।
नए सीबीएसई अध्यक्ष के सामने विशेष रूप से सीबीएसई बोर्ड परीक्षा, पेपर मूल्यांकन के बाद जल्द से जल्द परिणामों को घोषित करने संबंधी चुनौतियों का सामना करने पड़ेगा। कोरोनावायरस कोविड-19 के कारण कक्षा 10वीं और 12वीं की स्थगित परीक्षाओं के बाद, 29 सीबीएसई बोर्ड परीक्षाओं को पूरा करना होगा।
लॉकडाउन के बाद स्कूलों के री-ओपन के लिए कई चरणों पर काम किया जा रहा है, जिसके लिए यूजीसी एक टास्क फोर्स तैयार करेगी और एनसीआरटी की गाइडलाइंस को ध्यान में रखा जाएगा। स्कूल खुलने के बाद, शिक्षकों और छात्रों की सेहत का पूरा ख्याल रखना पहली जिम्मेदारी होगी। हालांकि फिलहाल जून के बाद स्कूल कब खुलेंगे इसकी जानकारी अभी नहीं दी जा सकती।
सीबीएसई बोर्ड ने यह भी कहा कि, 'स्कूल बंद हैं, बच्चे अपने-अपने घरों में बंद हैं, अभिभावकों को भी इस दौरान आर्थिक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में मानसिक तनाव और बेचैनी महसूस करना स्वभाविक है। इन हालातों में बहुत से छात्र परीक्षाओं में पास नहीं हो पाए हैं
ओडिशा कैडर के 1990 बैच के IAS मनोज आहूजा को CBSE के नए चेयरमैन के पद पर नियुक्त किया गया है। उन्होंने IAS अनीता करवाल की जगह ली। इससे पहले, वह लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी में विशेष निदेशक थे।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने कक्षा 9वीं और 11वीं में फेल हुए छात्रों को एक और मौका देने का फैसला किया है। सीबीएसई बोर्ड मूल्यांकन प्रक्रिया के आधार तैयार किए गए परिणामों में फेल होने वाले छात्रों को फिर से एग्जाम देने का मौका देगा। यह फैसला देश में फैली कोरोनावायरस COVID-19 महामारी के कारण बने हालात को देखते हुए लिया गया है। पूरी खबर के लिए यहां क्लिक करें-
सीबीएसई के नोटिफिकेशन के मुताबिक, "कोविड-19 की वजह से पूरा देश चुनौतीपूर्ण समय का सामना कर रहा है। यह अभूतपूर्व हालात हैं, बच्चे घरों में बंद हैं, उनके स्कूल बंद हैं, वे मानसिक तनाव और बेचैनी महसूस कर रहे हैं।
मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ने आज अपने ट्वीट के माध्यम से यह सुझाव दिया कि स्कूल कक्षा 9 और 11 के लिए ऑनलाइन / ऑफलाइन परीक्षा आयोजित करते हैं।
कोरोनावायरस महामारी के कारण मौजूदा हालात को ध्यान में रखते हुए, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने कक्षा 9 और 11 के सभी फेल छात्रों को एक और मौका प्रदान करने का निर्णय लिया है।
CBSE ने स्कूलों को सलाह दी है कि वे पाठ्यक्रम में बदलाव न करें ताकि छात्रों के सीखने के स्तर के आकलन पर प्रभाव न पड़े। बोर्ड ने जारी नोटिफिकेशन में कहा, “यह देखा गया है कि पाठ्यक्रम के कोई भी बदलाव छात्र के सीखने के स्तर के मूल्यांकन और बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी को गंभीरता से प्रभावित कर सकता है। कृपया ध्यान दें कि मूल्यांकन वर्तमान शैक्षणिक वर्ष के लिए दिए गए पाठ्यक्रम के अनुसार ही किया जाएगा।”
एचआरडी मंत्री निशंक कोरोनावायरस महामारी के बीच शिक्षकों और छात्रों से ऑनलाइन बाततीत करके समाधान निकालने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने गुरुवार, 14 मई 2020 को ‘Acharya Devo Bhava’ को वेबिनार में देशभर के शिक्षकों से लाइव संवाद किया और उनके कई सवालों के जवाब दिए। मंत्री ने आचार्य देवो भव: से लाइव सवांद का विडियो ट्विटर पर भी शेयर किया है।
लॉकडाउन के बाद स्कूलों के री-ओपन के लिए कई चरणों पर काम किया जा रहा है, जिसके लिए यूजीसी एक टास्क फोर्स तैयार करेगी और एनसीआरटी की गाइडलाइंस को ध्यान में रखा जाएगा।
लॉकडाउन के बाद स्कूल खुलने की रणनीति को लेकर उन्होंने कहा कि, 'छात्रों के लिए नए बैच की कक्षाओं के लिए अगस्त से शुरू होंगी, सितंबर से शुरू होंगी, इस बात पर कोई स्पष्टता नहीं है कि स्कूल फिर से कब खुलेंगे। लेकिन हमारे छात्रों और शिक्षकों का स्वास्थ्य हमारी प्रमुख चिंता है।'
एचआरडी मिनिस्टर की वेबिनार के दौरान मध्य प्रदेश के एक शिक्षक संभव जैन ने पूछा कि स्कूल कब खुलेंगे और किन प्रोटोकॉल का पालन करना होगा।
सीबीएसई की मूल्यांकन उत्तर पुस्तिकाएं शिक्षकों के घर तक पहुंचाने का अभियान जारी हैं और पहुंचायी भी जा रही है। जिन शिक्षकों के पास मूल्यांकन के लिए उत्तर पुस्तिकाएं पहुंची हैं उन्हें पाठ्यक्रम के लिए डेली रिपोर्ट तैयार नहीं करनी हैं।
आचार्य देवो भव: से की एचआरडी मिनिस्टर रमेश पोखरियाल ने लाइव सवांद की शुरुआत। देशभर के शिक्षकों के सवाल जवाब का विडियो शेयर किया।
नए सीबीएसई अध्यक्ष के सामने विशेष रूप से सीबीएसई बोर्ड परीक्षा, पेपर मूल्यांकन के बाद जल्द से जल्द परिणामों को घोषित करने संबंधी चुनौतियों का सामना करने पड़ेगा। कोरोनावायरस कोविड-19 के कारण कक्षा 10वीं और 12वीं की स्थगित परीक्षाओं के बाद, 29 सीबीएसई बोर्ड परीक्षाओं को पूरा करना होगा।
बोर्ड ने जारी सर्कुलर में कहा, “यह देखा गया है कि मौजूदा गणित का पाठ्यक्रम साइंस स्ट्रीम की पढ़ाई के साथ तो ठीक है मगर विश्वविद्यालय शिक्षा में कॉमर्स या सोशल साइंस आधारित विषयों के साथ नहीं।”
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) कक्षा 11वीं और 12वीं के छात्रों के लिए शैक्षणिक वर्ष 2021 से एक वैकल्पिक पाठ्यक्रम के रूप में एक नया विषय ‘Applied Mathematics’ लाने जा रहा है।
आरोग्य सेतु एप सभी छात्रों, स्कूलों के फैकल्टी मेंबर्स और टीचर्स के साथ-साथ इन सभी के फैमिली मेंबर्स के लिए कोविड -19 से लड़ने में सहायक साबित होगा। आरोग्य सेतु एप को आईओएस और एंड्रॉयड प्लेटफॉर्मों पर लांच किया गया है और जिसे आईओएस एप-स्टोर या प्लेस्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। ऐप्प डाउनलोड के लिए लिंक सीबीएसई के नोटिस में भी दिया गया है।
बोर्ड ने निर्णय लिया कि वह अपनी कुछ वार्षिक बोर्ड परीक्षाओं का आयोजन नहीं करेगा, जो कोरोनावायरस महामारी और राष्ट्रीय लॉकडाउन द्वारा बाधित हो गई हैं। परीक्षा केवल 29 प्रमुख पत्रों पर आयोजित की जाएगी जो आगे प्रोमेशन के लिए आवश्यक है और शायद उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए महत्वपूर्ण हैं।
उत्तर पूर्वी दिल्ली में स्थित स्कूलों को छोड़कर 10वीं की परीक्षा दोबारा आयोजित नहीं की जाएंगी। पूर्वी दिल्ली के स्कूलों में कक्षा 10वीं की परीक्षाएं केवल हिंदी कोर्स ए, हिंदी कोर्स बी, इंग्लिश कम्युनिकेशन, इंग्लिश लैंगवेज एंड लिट्रेचर, साइंस और सोशल साइंस विषयों के लिए आयोजित की जाएंगी।
CBSE ने स्कूलों को सलाह दी है कि वे पाठ्यक्रम में बदलाव न करें ताकि छात्रों के सीखने के स्तर के आकलन पर प्रभाव न पड़े। बोर्ड ने जारी नोटिफिकेशन में कहा, “यह देखा गया है कि पाठ्यक्रम के कोई भी बदलाव छात्र के सीखने के स्तर के मूल्यांकन और बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी को गंभीरता से प्रभावित कर सकता है। कृपया ध्यान दें कि मूल्यांकन वर्तमान शैक्षणिक वर्ष के लिए दिए गए पाठ्यक्रम के अनुसार ही किया जाएगा।”
CBSE बोर्ड ने फैसला लिया है कि 10वीं की बची हुई विषयों की परीक्षाएं आयोजित नहीं की जाएंगी तथा केवल पहले हो चुकी परीक्षाओं के नंबरों के आधार पर ही छात्रों का रिजल्ट जारी किया जाएगा। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कल ही केन्द्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के सामने यह सुझाव रखा था कि छात्रों को इंटर्नल मार्क्स के आधार पर ही प्रोमोट कर दिया जाए।
बोर्ड ने अफवाहों से गुमराह होने से बचने के लिए, सभी छात्रों और अभिभावकों को सुझाव दिया है कि वे केवल बोर्ड द्वारा आधिकारिक घोषणाओं पर भरोसा करें जो बोर्ड की वेबसाइट पर किए गए हैं। किसी भी अन्य स्रोत से प्राप्त जानकारी पर छात्र भरोसा न करें।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक स्कूलों के लिए करिकुलम जारी कर दिया है। बोर्ड ने अपनी अधिसूचना में कहा है कि कोरोनोवायरस महामारी के चलते स्कूलों को बंद करने के कारण शैक्षणिक सत्र 2020-21 में हुई अनुदेशात्मक समय की संभावित हानि पर विचार किया जाएगा।
बोर्ड ने यह स्पष्ट कर दिया है कि उत्तरी दिल्ली में फैली सांप्रदायिक हिंसा के चलते जिन इलाकों में परीक्षाएं नहीं हो सकी हैं वहां अब सभी विषयों की परीक्षाएं कराने के बजाय केवल जरूरी विषयों की परीक्षाएं कराई जाएंगी। बोर्ड ने इसके संबंध में 29 विषयों की लिस्ट भी जारी की है। परीक्षा की तिथियों की घोषणा लॉकडाउन खत्म होने के बाद की जा सकती है।