सीबीएसई बोर्ड के 10वीं 12वीं के कंपार्टमेंट एग्जाम रद्द कराने के लिए दायर की गई याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया है। मतलब अब CBSE बोर्ड की 10वीं 12वीं के कंपार्टमेंट एग्जाम कराए जाएंगे। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने सेंट्रल स्क्वायर फाउंडेशन के साथ मिलकर मैनुअल की एक सीरिज बनाई है। ‘टेकर एनर्जेटिक मैनुअल ‘(TERM)। यह कक्षा 6 से 10 तक के स्टूडेंट्स को साइंस और मैथ्स पढ़ाने वाले टीचर्स के लिए है।
इसके अलावा सीबीएसई ने भी एक नोटिस जारी किया है। बोर्ड 10वीं और 12वीं (दोनों रेगुलर और प्राइवेट उम्मीदवारों) के पास कम्पार्टमेंट परीक्षा 2020 के लिए आवेदन करने का मौका है। जो लोग सीबीएसई कंपार्टमेंट परीक्षा 2020 के लिए आवेदन करना चाहते हैं, वे बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट – cbse.nic.in – पर जाकर कंपार्टमेंट परीक्षा के लिए ऑनलाइन आवेदन पत्र जमा कर सकते हैं।
CBSE Board Class 10th, 12th Compartment Exam 2020 Date Update: Read here
न्यायमूर्ति एएम खानविल्कर की अध्यक्षता वाली तीन-न्यायाधीशों की पीठ 6 अगस्त के सीबीएसई के फैसले से दुखी कई छात्रों द्वारा दायर एक आवेदन पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें परीक्षाओं को रद्द करने पर विचार करने के लिए उनके प्रतिनिधित्व को खारिज कर दिया गया था। दूसरी ओर, कोर्ट में लंबित याचिका के अलावा, 809 छात्रों के एक संघ ने सुप्रीम कोर्ट को एक पत्र लिखा है जिसमें कहा गया है कि बढ़ते COVID-19 मामलों के बीच कंपार्टमेंट परीक्षा आयोजित करने के CBSE के फैसले के बारे में जजों को नोटिस जारी करने और एग्जाम रद्द करने पर विचार करना चाहिए। न्यायालय को इस पत्र पर विचार करना बाकी है।
UGC Exam Guidelines 2020 Live Updates: Check Here
सीबीएसई ने एक आधिकारिक नोटिस में कहा, यदि कंपार्टमेंट परीक्षा आयोजित नहीं की जाती है, तो बड़ी संख्या में उम्मीदवारों का भविष्य प्रभावित होगा। हालांकि, अभिभावकों का मानना है कि कोरोना संक्रमण के बीच परीक्षाएं आयोजित करने से छात्रों का स्वास्थ्य संकट में पड़ सकता है।
बहुत से स्टूडेंट्स और पैरेंट्स ने CBSE से गुहार लगाई थी कि इस साल की कंपार्टमेंट परीक्षा टाल दी जाए क्योंकि इससे स्टूडेंट्स की सुरक्षा को खतरा है। सीबीएसई ने काफी विचार-विमर्श करने के बाद यह फैसला सुनाया है कि किसी भी कंडीशन में कंपार्टमेंट परीक्षाएं कैंसिल नहीं की जाएंगी।
सीबीएसई कंपार्टमेंट परीक्षा के लिए रेगुलर और प्राइवेट दोनों छात्रों के लिए आवेदन शुल्क प्रति विषय 300 रुपये है। निर्धारित शुल्क के अतिरिक्त विलंब शुल्क 2,000 रुपये प्रति विषय है। भारत के बाहर के स्कूलों के लिए, निर्धारित शुल्क 2,000 रुपये है।
ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (AISA) ने दावा किया है कि उन्होंने शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक और सभी राज्यों के शिक्षा मंत्रियों को पत्र लिखकर कंपार्टमेंट परीक्षा आयोजित नहीं करने को कहा है।
जिन छात्रों को कॉलेजों में प्रोविजनल एडमिशन मिल गया है, उन्हें कॉलेज में अपनी सीटों के लिए फर्स्ट ईयर की फीस के रूप में एक बड़ी राशि जमा करनी पड़ी है। एग्जाम में फेल होने की स्थिति में छात्रों को इस फीस का भी नुकसान होगा।
स्टूडेंट्स एसोसिएशन द्वारा लिखी गई चिट्ठी में कहा गया है कि महामारी के बीच परीक्षा आयोजित करके छात्रों और अभिभावकों को अपनी जान जोखिम में डालने के लिए मजबूर किया जा रहा है।
AISA ने लिखा कि बिहार, महाराष्ट्र और असम जैसे राज्य इस समय बाढ़ से भी जूझ रहे हैं। ऐसे में कईयों को शहर से बाहर पलायन करना पड़ गया है। इन राज्यों में एग्जाम कराना बहुत बड़ी चुनौती होगा।
सीबीएसई ने एक आधिकारिक नोटिस में कहा, यदि कंपार्टमेंट परीक्षा आयोजित नहीं की जाती है, तो बड़ी संख्या में उम्मीदवारों का भविष्य प्रभावित होगा। हालांकि, अभिभावकों का मानना है कि कोरोना संक्रमण के बीच परीक्षाएं आयोजित करने से छात्रों का स्वास्थ्य संकट में पड़ सकता है।
बहुत से स्टूडेंट्स और पैरेंट्स ने CBSE से गुहार लगाई थी कि इस साल की कंपार्टमेंट परीक्षा टाल दी जाए क्योंकि इससे स्टूडेंट्स की सुरक्षा को खतरा है। सीबीएसई ने काफी विचार-विमर्श करने के बाद यह फैसला सुनाया है कि किसी भी कंडीशन में कंपार्टमेंट परीक्षाएं कैंसिल नहीं की जाएंगी।
याचिका की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता का पक्ष रख रहे अधिवक्ता सिंघवी ने कहा कि कई विश्वविद्यालयों के पास तो परीक्षाओं को ऑनलाइन आयोजित करने के लिए आवश्यक आईटी इंफ्रास्ट्रक्टर ही नहीं है। साथ ही, भौतिक रूप से परीक्षाएं कोविड-19 के कारण आयोजित नहीं की जा सकती हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) के दसवीं और बारहवीं कक्षा के छात्रों के लिए कंपार्टमेंट परीक्षा के फैसले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया।
शीर्ष अदालत ने कहा है कि याचिकाकर्ता, पांच मुख्य विषयों में से एक में फेल हुए छात्रों के लिए कम्पार्टमेंट परीक्षाओं पर सीबीएसई द्वारा जारी अधिसूचना को चुनौती दे सकते हैं।
स्टूडेंट्स एसोसिएशन द्वारा लिखी गई चिट्ठी में कहा गया है कि महामारी के बीच परीक्षा आयोजित करके छात्रों और अभिभावकों को अपनी जान जोखिम में डालने के लिए मजबूर किया जा रहा है।
सीबीएसई बोर्ड 10वीं और 12वीं (दोनों रेगुलर और प्राइवेट उम्मीदवारों) के पास कम्पार्टमेंट परीक्षा 2020 के लिए आवेदन करने का मौका है। प्राइवेट उम्मीदवार सीधे CBSE वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं, जबकि रेगुलर छात्रों के लिए स्कूलों को कंपार्टमेंट परीक्षा के लिए LOC जमा करना होगा।
सीबीएसई के अनुसार, कक्षा 9 वीं और 11 वीं कक्षा में फेल हुए छात्रों को पास होने के लिए एक और मौका दिया जा सकता है। बोर्ड, माता-पिता और छात्रों के अनुरोध और COVID-19 के कारण मौजूदा स्थिति को देखते हुए एक स्कूल-आधारित परीक्षा आयोजित कर सकता है।
दूसरी ओर, कोर्ट में लंबित याचिका के अलावा, 809 छात्रों के एक संघ ने सुप्रीम कोर्ट को एक पत्र लिखा है जिसमें कहा गया है कि बढ़ते COVID-19 मामलों के बीच कंपार्टमेंट परीक्षा आयोजित करने के CBSE के फैसले के बारे में जजों को नोटिस जारी करने और एग्जाम रद्द करने पर विचार करना चाहिए। न्यायालय को इस पत्र पर विचार करना बाकी है।
हालांकि, परीक्षा की तारीखों को तय नहीं किया गया था, सीबीएसई ने कहा कि अगर याचिकाकर्ता छात्रों के अनुरोध को स्वीकार कर लिया गया तो यह दसवीं और बारहवीं के अन्य छात्रों के हितों को नुकसान पहुंचेगा।
CBSE बोर्ड ने पहले घोषणा की थी कि कक्षा 10 और कक्षा 12 की कंपार्टमेंट परीक्षाएं सितंबर 2020 में आयोजित की जाएंगी। बोर्ड ने अभी तक कम्पार्टमेंट परीक्षाओं की सही तारीखों की घोषणा नहीं की है
SC की सुनवाई के दौरान, अधिवक्ता शक्ति पांडे ने कहा कि CBSE बोर्ड को परीक्षा की तारीखें जारी करनी चाहिए, क्योंकि यह कम्पार्टमेंट परीक्षाओं को रद्द करने में सक्षम नहीं है।
अनिका सामवेदी के नेतृत्व में छात्रों ने जुलाई में कंपार्टमेंट परीक्षा को रद्द करने की मांग के साथ याचिका दायर की थी।
कोर्ट ने याचिकाकर्ता छात्रों को बोर्ड के 6 अगस्त के फैसले को चुनौती देने वाली एक नई याचिका दायर करने की अनुमति दी, जिसमें बोर्ड ने परीक्षाओं को रद्द करने के उनके प्रतिनिधित्व को रिजेक्ट कर दिया था।
शीर्ष अदालत ने कहा है कि याचिकाकर्ता, पांच मुख्य विषयों में से एक में फेल हुए छात्रों के लिए कम्पार्टमेंट परीक्षाओं पर सीबीएसई द्वारा जारी अधिसूचना को चुनौती दे सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) के दसवीं और बारहवीं कक्षा के छात्रों के लिए कंपार्टमेंट परीक्षा के फैसले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया।
बहुत से स्टूडेंट्स और पैरेंट्स ने CBSE से गुहार लगाई थी कि इस साल की कंपार्टमेंट परीक्षा टाल दी जाए क्योंकि इससे स्टूडेंट्स की सुरक्षा को खतरा है। सीबीएसई ने काफी विचार-विमर्श करने के बाद यह फैसला सुनाया है कि किसी भी कंडीशन में कंपार्टमेंट परीक्षाएं कैंसिल नहीं की जाएंगी।
सीबीएसई ने एक आधिकारिक नोटिस में कहा, यदि कंपार्टमेंट परीक्षा आयोजित नहीं की जाती है, तो बड़ी संख्या में उम्मीदवारों का भविष्य प्रभावित होगा। हालांकि, अभिभावकों का मानना है कि कोरोना संक्रमण के बीच परीक्षाएं आयोजित करने से छात्रों का स्वास्थ्य संकट में पड़ सकता है।
AISA ने लिखा कि बिहार, महाराष्ट्र और असम जैसे राज्य इस समय बाढ़ से भी जूझ रहे हैं। ऐसे में कईयों को शहर से बाहर पलायन करना पड़ गया है। इन राज्यों में एग्जाम कराना बहुत बड़ी चुनौती होगा।
कोर्ट ने याचिकाकर्ता छात्रों को बोर्ड के 6 अगस्त के फैसले को चुनौती देने वाली एक नई याचिका दायर करने की अनुमति दी, जिसमें बोर्ड ने परीक्षाओं को रद्द करने के उनके प्रतिनिधित्व को रिजेक्ट कर दिया था।
न्यायमूर्ति एएम खानविल्कर की अध्यक्षता वाली तीन-न्यायाधीशों की पीठ 6 अगस्त के सीबीएसई के फैसले से दुखी कई छात्रों द्वारा दायर एक आवेदन पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें परीक्षाओं को रद्द करने पर विचार करने के लिए उनके प्रतिनिधित्व को खारिज कर दिया गया था।
याचिकाकर्ताओं ने SC को बताया कि Covid-19 महामारी के कारण वर्तमान स्थिति को देखते हुए CBSE कम्पार्टमेंट परीक्षा रद्द की जानी चाहिए।
अनिका सामवेदी के नेतृत्व में छात्रों ने जुलाई में कंपार्टमेंट परीक्षा को रद्द करने की मांग के साथ याचिका दायर की थी।
SC की सुनवाई के दौरान, अधिवक्ता शक्ति पांडे ने कहा कि CBSE बोर्ड को परीक्षा की तारीखें जारी करनी चाहिए, क्योंकि यह कम्पार्टमेंट परीक्षाओं को रद्द करने में सक्षम नहीं है।
CBSE बोर्ड ने पहले घोषणा की थी कि कक्षा 10 और कक्षा 12 की कंपार्टमेंट परीक्षाएं सितंबर 2020 में आयोजित की जाएंगी। बोर्ड ने अभी तक कम्पार्टमेंट परीक्षाओं की सही तारीखों की घोषणा नहीं की है
6 अगस्त को, CBSE ने उनकी अभ्यावेदन के जवाब में एक अधिसूचना जारी की और परीक्षा आयोजित करने के अपने निर्णय से अटक गया।
हालांकि, परीक्षा की तारीखों को तय नहीं किया गया था, सीबीएसई ने कहा कि अगर याचिकाकर्ता छात्रों के अनुरोध को स्वीकार कर लिया गया तो यह दसवीं और बारहवीं के अन्य छात्रों के हितों को नुकसान पहुंचेगा।
दूसरी ओर, कोर्ट में लंबित याचिका के अलावा, 809 छात्रों के एक संघ ने सुप्रीम कोर्ट को एक पत्र लिखा है जिसमें कहा गया है कि बढ़ते COVID-19 मामलों के बीच कंपार्टमेंट परीक्षा आयोजित करने के CBSE के फैसले के बारे में जजों को नोटिस जारी करने और एग्जाम रद्द करने पर विचार करना चाहिए। न्यायालय को इस पत्र पर विचार करना बाकी है।
सीबीएसई के अनुसार, कक्षा 9 वीं और 11 वीं कक्षा में फेल हुए छात्रों को पास होने के लिए एक और मौका दिया जा सकता है। बोर्ड, माता-पिता और छात्रों के अनुरोध और COVID-19 के कारण मौजूदा स्थिति को देखते हुए एक स्कूल-आधारित परीक्षा आयोजित कर सकता है।
बोर्ड 10वीं और 12वीं (दोनों रेगुलर और प्राइवेट उम्मीदवारों) के पास कम्पार्टमेंट परीक्षा 2020 के लिए आवेदन करने का मौका है। जो लोग सीबीएसई कंपार्टमेंट परीक्षा 2020 के लिए आवेदन करना चाहते हैं, वे बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट - cbse.nic.in - पर जाकर कंपार्टमेंट परीक्षा के लिए ऑनलाइन आवेदन पत्र जमा कर सकते हैं।
सीबीएसई बोर्ड 10वीं और 12वीं (दोनों रेगुलर और प्राइवेट उम्मीदवारों) के पास कम्पार्टमेंट परीक्षा 2020 के लिए आवेदन करने का मौका है। प्राइवेट उम्मीदवार सीधे CBSE वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं, जबकि रेगुलर छात्रों के लिए स्कूलों को कंपार्टमेंट परीक्षा के लिए LOC जमा करना होगा।
न्यायमूर्ति एएम खानविल्कर की अध्यक्षता वाली तीन-न्यायाधीशों की पीठ 6 अगस्त के सीबीएसई के फैसले से दुखी कई छात्रों द्वारा दायर एक आवेदन पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें परीक्षाओं को रद्द करने पर विचार करने के लिए उनके प्रतिनिधित्व को खारिज कर दिया गया था।
कोर्ट ने याचिकाकर्ता छात्रों को बोर्ड के 6 अगस्त के फैसले को चुनौती देने वाली एक नई याचिका दायर करने की अनुमति दी, जिसमें बोर्ड ने परीक्षाओं को रद्द करने के उनके प्रतिनिधित्व को रिजेक्ट कर दिया था।