नए साल के आगाज के साथ ही 1 जनवरी 2025 से सीबीएसई की शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए कक्षा 10वीं और कक्षा 12वीं की प्रैक्टिकल परीक्षाएं, इंटरनल असेसमेंट और प्रोजेक्ट इवेलुएशन शुरू हो गए हैं। यह परीक्षाएं 14 जनवरी 2025 तक चलेंगी। बोर्ड ने इन परीक्षाओं को लेकर गाइडलाइन जारी की है। जो भी स्टूडेंट इन एग्जाम में उपस्थित होने वाले हैं वह परीक्षा के लिए जाने से पहले बोर्ड के दिशानिर्देशों को जरूर पढ़ लें जो कि स्कूलों के लिए जारी किए गए हैं। यह दिशानिर्देश कहीं न कहीं स्टूडेंट्स की सहूलियत के लिए ही जारी हुए हैं।
स्कूलों को कराना होगा इस गाइडलाइन का पालन
बोर्ड ने स्कूलों के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं और स्कूलों को दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करने और परीक्षाओं का सुचारू और पारदर्शी संचालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। इसके अलावा बोर्ड ने किसी भी तरह के स्पष्टीकरण के लिए स्कूलों को समय रहते CBSE के रीजनल दफ्तर से संपर्क करने के लिए कहा गया है।
यह हैं बोर्ड के दिशानिर्देश
- स्कूलों को पर्याप्त संख्या में प्रैक्टिकल आंसर बुक उपलब्ध करानी होंगी।
- स्कूलों को बोर्ड के निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए छात्रों और अभिभावकों को प्रायोगिक परीक्षा कार्यक्रम के बारे में सूचित करना आवश्यक है।
- स्कूलों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि प्रयोगशालाएं परीक्षाओं के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे, सामग्री और उपकरणों से पर्याप्त रूप से सुसज्जित और तैयार हों।
— विशेष आवश्यकता वाले बच्चों (सीडब्ल्यूएसएन) के लिए व्यवस्था की जानी चाहिए, ताकि वे व्यावहारिक परीक्षाओं में आराम से भाग ले सकें।
— छात्रों को 1 जनवरी से 14 फरवरी, 2025 की निर्धारित अवधि के भीतर स्कूल द्वारा निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार अपनी व्यावहारिक परीक्षाओं के लिए उपस्थित होना चाहिए।
— स्कूलों को परीक्षा के दिन ही अंक अपलोड करने होंगे।
— स्कूलों को अंक देने और अपलोड करने से पहले प्रत्येक विषय के लिए अधिकतम अंकों की जांच करनी होगी। प्रधानाचार्यों को याद दिलाया जाता है कि परिणाम के बाद सुधार नहीं किए जाएँगे।
— परीक्षकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि मूल्यांकन के दौरान छात्रों के प्रदर्शन के आधार पर ही अंक दिए जाएं।
— उत्तर पुस्तिकाओं में अब एक अंडरटेकिंग शामिल है, जिसमें परीक्षकों को अधिकतम अंकों की पुष्टि करने और सीबीएसई के सभी निर्देशों का पालन करने की आवश्यकता होती है।
— राष्ट्रीय या अंतर्राष्ट्रीय खेलों में शामिल छात्रों को व्यावहारिक परीक्षाओं से छूट नहीं मिलेगी, न ही उनके लिए अलग से व्यवस्था की जाएगी।
— कक्षा 12 के लिए, केवल सीबीएसई द्वारा नियुक्त बाहरी परीक्षक ही व्यावहारिक परीक्षा आयोजित करने के लिए अधिकृत हैं। किसी भी उल्लंघन से मूल्यांकन शून्य और अमान्य हो जाएगा।
— सीबीएसई के दिशा-निर्देशों का पालन करने में विफल रहने वाले स्कूलों की व्यावहारिक परीक्षाएँ रद्द होने का जोखिम है।
— स्कूलों को 14 फरवरी, 2025 तक सभी व्यावहारिक मूल्यांकन पूरे करने होंगे। प्रधानाचार्यों को सलाह दी जाती है कि वे 1 फरवरी से प्रगति की निगरानी करें, ताकि समय पर अंक अपलोड किए जा सकें।