Budget 2025 Education-Jobs Announcement: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने संसद में बजट 2025-26 (budget 2025-26) पेश कर दिया है, जिसमें शिक्षा और रोजगार के लिए कई बड़ी घोषणाएं की गई हैं। इन घोषणाओं में आईआईटी और मेडिकल कॉलेजों की सीटें बढ़ाने से लेकर स्कूलों को फुल ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी देने तक की घोषणाएं शामिल हैं।
पिछले साल शिक्षा क्षेत्र ने सार्वजनिक शिक्षा प्रणाली के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 6 प्रतिशत आवंटन की मांग की है, जबकि मंत्री ने पिछले साल शिक्षा क्षेत्र को 1.12 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए थे, जो पिछले वर्ष की तुलना में 13 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।
बजट 2025 से एक दिन पहले, केंद्रीय वित्त मंत्री ने संसद में आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 पेश किया, जिसमें कहा गया कि भारत की स्कूली शिक्षा प्रणाली 98 लाख शिक्षकों (UDISE+ 2023-24) के साथ 14.72 लाख स्कूलों में 24.8 करोड़ छात्रों को सेवा प्रदान करती है। सरकारी स्कूलों में कुल 69 प्रतिशत छात्र हैं, जिनमें 50 प्रतिशत छात्र नामांकित हैं और 51 प्रतिशत शिक्षक कार्यरत हैं, जबकि निजी स्कूलों में 22.5 प्रतिशत छात्र नामांकित हैं और 32.6 प्रतिशत शिक्षक कार्यरत हैं।
एनईपी 2020 का लक्ष्य 2030 तक 100 प्रतिशत सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) हासिल करना है। प्राथमिक स्तर पर जीईआर लगभग सार्वभौमिक है (93 प्रतिशत) और माध्यमिक स्तर (77.4 प्रतिशत) और उच्चतर माध्यमिक स्तर (56.2 प्रतिशत) पर अंतर को पाटने के प्रयास चल रहे हैं, जिससे राष्ट्र सभी के लिए समावेशी और समान शिक्षा के अपने दृष्टिकोण के करीब पहुंच रहा है। इस लाइव ब्लॉग के जरिए जानें बजट 2025 में शिक्षा और रोजगार क्षेत्र से जुड़ी हर बड़ी घोषणा की सबसे तेज जानकारी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025 में ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स के लिए काम कर रहे गिग वर्कर्स के लिए आईडी कार्ड बनाने की घोषणा की है और इसके लिए ई-श्रम पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन जल्द शुरू किया जाएगा। वित्त मंत्री के अनुसार, इस मुहिम से 1 करोड़ गिग वर्कर्स को फायदा मिलेगा।
2025 के बजट में, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शिक्षा पर केंद्रित आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) में तीन उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने की घोषणा की। इस पहल पर कुल 500 करोड़ रुपये का व्यय होगा, जिसका उद्देश्य शिक्षा क्षेत्र में AI-संचालित प्रगति को बढ़ावा देना है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025 में केंद्र आईआईटी और आईआईएससी बैंगलोर के छात्रों के लिए 10,000 पीएम रिसर्च फेलोशिप प्रदान करने की घोषणा की है। ये फेलोशिप बढ़ी हुई वित्तीय सहायता के साथ आती हैं, जिसका उद्देश्य शीर्ष संस्थानों में उन्नत शोध और नवाचार को प्रोत्साहित करना है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025 पेश करते हुए बिहार में नए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फूड टेक्नोलॉजी, आंत्रप्रेन्योरशिप एंड मैनेजमेंट को शुरू करने की घोषणा की है,जो आंत्रप्रेन्योरशिप के लिए स्किलिंग और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने वाला होगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में बजट 2025 पेश करते हुए आईआईटी के लिए बड़ी घोषणा की है। जिसमें कहा गया है कि पिछले 10 सालों में 23 आईआईटी में छात्रों की संख्या 65000 से 1.35 लाख हो गई है और 2014 से शुरू किए गए 5 IITs में 6500 सीटों को बढ़ाया जाएगा और इसके अलावा आईआईटी पटना को भी एक्सपैंड किया जाएगा
पिछले 10 सालों में 23 IIT संस्थानों में 65000 से 1.35 लाख हुई है स्टूडेंट्स की क्षमता
2014 के बाद शुरू हुए 5 IITs में 6500 ज्यादा छात्रों की क्षमता बढ़ाई जाएगी।
आईआईटी पटना को एक्सपैंड किया जाएगा।
उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए एक नया ‘स्टार्टअप फंड ऑफ फंड्स’ स्थापित किया जाएगा, जिसमें नीचे दी गई चीजें शामिल होंगी।
– मौजूदा 10,000 करोड़ रुपये के सरकारी योगदान के अलावा 10,000 करोड़ रुपये का नया योगदान।
– पहली बार उद्यम करने वाले 5 लाख महिलाओं, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए एक नई योजना भी शुरू की जाएगी।
वित्त मंत्री के बड़े ऐलान
IIT पटना को वित्त पोषित किया जाएगा।
मेडिकल कॉलेजों में 75 हजार सीटें बढ़ाएंगे।
200 डे केयर सेंटर खोले जाएंगे।
23 IIT संस्थानों में छात्रों की संख्या को दोगुना किया जाएगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा है कि उनकी सरकार की प्राथमिकता युवाओं को रोजगार देना है। उनके इस बयान से माना जा रहा है कि रोजगार सेक्टर के लिए बड़ी घोषणाएं होंगी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का संसद में बजट भाषण शुरू हो गया है। वित्त मंत्री जल्द ही शिक्षा और रोजगार के लिए बड़ी घोषणाएं कर सकती हैं।
हाल में आई वार्षिक पीएलएफएस रिपोर्ट के आधार पर, 2023-24 के दौरान भारत में 15-29 वर्ष की आयु के युवाओं के लिए अनुमानित बेरोजगारी दर 10.2% थी। इस बजट से युवाओं को उम्मीद है कि रोजगार सृजन के लिए बड़ी घोषणाएं हो सकती हैं।
भारत में बेरोज़गारी दर 2024 के नवंबर में 8 प्रतिशत से बढ़कर दिसंबर में 8.30 प्रतिशत हो गई थी। भारत में बेरोज़गारी दर 2018 से 2024 तक औसतन 8.18 प्रतिशत रही, जो अप्रैल 2020 में 23.50 प्रतिशत के उच्चतम स्तर पर और सितंबर 2022 में 6.40 प्रतिशत के रिकॉर्ड निम्नतम स्तर पर पहु्ंच गई।
2024-25 में शिक्षा, रोजगार और कौशल विकास के लिए सरकार ने 1.48 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए थे।
2023 में शिक्षा बजट पर 1.13 लाख करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया गया था। यह 2022 के मुकाबले 13 प्रतिशत अधिक था।
2022 में एजुकेशन सेक्टर के लिए सरकार ने 1.04 लाख करोड़ रुपए आवंटित किए थे। यह 2021 के मुकाबले काफी अधिक था। विभिन्न अन्य आवंटनों के अलावा शिक्षक प्रशिक्षण, केवीएस और एनवीएस पर ध्यान केंद्रित किया गया था।
2021-22 में एजुकेशन सेक्टर पर के लिए 93,224.31 करोड़ रुपये आवंटित हुए थे। यह 2020 के मुकाबले 6 प्रतिशत कम था।
2020 में एजुकेशन सेक्टर के लिए 99,311.52 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे।
नई शिक्षा प्रणाली 2020 का लक्ष्य 2030 तक 100 प्रतिशत सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) हासिल करना है। प्राथमिक स्तर पर GER लगभग सार्वभौमिक है (93 प्रतिशत) और माध्यमिक (77.4 प्रतिशत) और उच्चतर माध्यमिक स्तर (56.2 प्रतिशत) पर अंतराल को पाटने के प्रयास चल रहे हैं, जिससे राष्ट्र सभी के लिए समावेशी और समान शिक्षा के अपने दृष्टिकोण के करीब पहुंच रहा है।
बता दें कि 2024-25 के लिए, सरकार ने एजुकेशन सेक्टर में रिकॉर्ड 1.20 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए थे, जो पिछले वर्ष की तुलना में 6.84% की वृद्धि थी। इसमें से 73,008.10 करोड़ रुपये स्कूली शिक्षा के लिए और 47,619.77 करोड़ रुपये उच्च शिक्षा के लिए अलग रखे गए थे। स्कूली शिक्षा के बजट में 6.11% की मामूली वृद्धि देखी गई, जिसमें पीएम श्री योजना को 4,200 करोड़ रुपये आवंटित किए गए। इस बीच, उच्च शिक्षा को पिछले वर्ष की तुलना में वित्त पोषण में 7.4% की वृद्धि मिली।
केंद्रीय शिक्षा बजट 2025 में शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और मध्यम वर्ग के लिए कुछ बड़ी घोषणाएं होने की संभावना जताई जा रही है। शुक्रवार को संसद में सरकार ने आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 जारी किया। सर्वेक्षण में बताया गया कि भारत की स्कूली शिक्षा प्रणाली 14.72 लाख स्कूलों में 24.8 करोड़ छात्रों को सेवा प्रदान करती है, जिसमें 98 लाख शिक्षक सरकारी स्कूल कुल का 69% हिस्सा बनाते हैं, जिसमें आधे छात्र नामांकित हैं और 51% शिक्षक कार्यरत हैं।