बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 70वीं सीसीई प्रीलिम्स परीक्षा 4 जनवरी 2025 को पटना के कुछ सेंटर्स पर फिर से आयोजित की गई थी, लेकिन इस परीक्षा में सभी उम्मीदवार उपस्थित नहीं हुए। दरअसल, बीपीएससी री-एग्जाम के लिए आयोग ने जितने एडमिट कार्ड जारी किए थे उससे आधे से भी कम कैंडिडेट पेपर देने पहुंचे। आयोग की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक, एग्जाम में 12012 अभ्यर्थियों के लिए एडमिट कार्ड जारी किया गया था जिसमें से सिर्फ 5000 के करीब ही उम्मीदवार परीक्षा में शामिल हुए।
बापू एग्जाम सेंटर पर भी कम पहुंचे उम्मीदवार
पटना के बापू परीक्षा केंद्र पर शामिल हुए कुल अभ्यर्थियों में से केवल 8111 ने ही संशोधित प्रवेश पत्र डाउनलोड किए। बता दें कि आयोग ने इसी सेंटर पर 13 दिसंबर 2024 को हुई परीक्षा को रद्द कर दिया था और बाद में 4 जनवरी को यहां परीक्षा कराने का फैसला किया गया था। हालांकि प्रदर्शनकारी छात्र पूरी परीक्षा को ही रद्द करने की मांग कर रहे थे। इस मांग पर छात्र अभी भी अड़े हुए हैं। री-एग्जाम के बाद भी जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर पूरी परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर आमरण अनशन पर हैं। हालांकि सोमवार को पुलिस ने उन्हें अरेस्ट कर लिया।
बीपीएससी री-एग्जाम देने वाले छात्र बोले- पिछली बार से आसान था पेपर, जानें कब आएगा रिजल्ट
पिछली बार के मुकाबले आसान आया था पेपर
बता दें कि बीपीएससी परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर न सिर्फ प्रशांत किशोर बल्कि छात्र भी पिछले दो सप्ताह से प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका प्रदर्शन अभी भी जारी है। गांधी मैदान में यह प्रदर्शन चल रहा है। इसी प्रदर्शन के बीच बीपीएससी री-एग्जाम 4 जनवरी को आयोजित किया गया था। यह परीक्षा दोपहर 12 बजे शुरू हुई थी और दोपहर 2 बजे तक चली थी। री-एग्जाम देने वाले छात्रों ने बताया है कि पिछली बार के मुकाबले इस बार का पेपर काफी आसान था। सेंटर से पेपर देकर बाहर निकलने वाले छात्रों ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि प्रश्न पत्र का लेवल पिछली बार के पेपर के मुकाबले काफी आसान था।
परीक्षा को लेकर क्या है पूरा विवाद?
बता दें कि यह परीक्षा सबसे पहले 13 दिसंबर 2024 को आयोजित हुई थी, लेकिन पेपर लीक के विवादों के कारण इस परीक्षा को लेकर बिहार में खूब घमासान मचा। आयोग ने बीते दिनों पटना के बापू परीक्षा केंद्र पर परीक्षा को रद्द करने का ऐलान किया था और यह तय किया था कि यह परीक्षा 4 जनवरी को दोबारा आयोजित कराई जाएगी, लेकिन अभ्यार्थी इस मांग को लेकर प्रदर्शन करते रहे कि इस पूरी परीक्षा को ही रद्द किया जाए, जिसके बाद फैसला हुआ कि राज्य के 22 सेंटर्स पर कुछ चुनिंदा छात्रों के लिए यह परीक्षा दोबारा आयोजित होगी।