देश के अधिकतर राज्यों में बोर्ड एग्जाम खत्म हो चुके हैं और अब स्टूडेंट्स को रिजल्ट का बेसब्री से इंतजार है। 12वीं बोर्ड की परीक्षा देने वाले छात्र तो रिजल्ट के साथ-साथ आगे की प्लानिंग को लेकर भी चिंतित होंगे, क्योंकि उन्हें रिजल्ट के तुरंत बाद अपने आगे की योजना पर काम शुरू करना है। 12वीं के बाद करियर को एक नई दिशा मिलती है। आर्ट्स, कॉमर्स और साइंस स्ट्रीम के स्टूडेंट अपनी रूचि के हिसाब से ऐसी पढ़ाई को चुनते हैं जो उनका प्रोफेशन भी बने। ऐसे में कई स्टूडेंट्स की रूचि लॉ फील्ड में भी होती है। अगर आप भी 12वीं के बाद कानून के क्षेत्र में करियर बनाने की सोच रहे हैं तो यहां हम आपको पूरी जानकारी मुहैया करा रहे हैं।

इस फील्ड में जाने की शुरुआत कब से हो सकती है?

अगर आपको कानून के क्षेत्र में रुचि है तो लॉ की पढ़ाई आपके लिए बेहतर विकल्प साबित हो सकता है। आप लॉ के क्षेत्र में वकील, जज या प्रोफेसर तक बन सकते हैं। इसके अलावा भी कई विकल्प हैं। वकालत के क्षेत्र में करिअर बनाने की शुरुआत आप 12वीं के बाद से ही कर सकते हैं। 12वीं के बाद आप पांच वर्षीय कोर्स में प्रवेश ले सकते हैं। पांच वर्षीय पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए आपको क्लैट, एलएसएटी (ला स्कूल प्रवेश परीक्षा), अखिल भारतीय विधि प्रवेश परीक्षा (एआइएलईटी) में भाग लेना होगा। आप चाहें तो स्नातक करने के बाद भी वकालत का कोर्स कर सकते हैं।

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ग्रेजुएशन के बाद भी कर सकते हैं लॉ की पढ़ाई शुरू

12वीं के अलावा आप ग्रेजुएशन के बाद भी लॉ की पढ़ाई शुरू कर सकते हैं। ग्रेजुएशन के बाद 3 साल के LLB कोर्स में एडमिशन लिया जा सकता है।कोर्स पूरा करने के बाद आप वकालत करने की डिग्री प्राप्त कर लेंगे। तीन वर्षीय पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए आपको ला स्कूल प्रवेश परीक्षा, एमएचटीसीईटी, डीयू एलएलबी, बीएचयू एलएलबी प्रवेश परीक्षा में भाग लेना होगा। इसके अलावा बहुत से संस्थान बिना प्रवेश परीक्षा के भी ला में दाखिला लेते हैं।

राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय

भारत में कई विधि कालेज हैं लेकिन कानून की शिक्षा की बात आते ही सबसे पहला नाम आता है राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय (एनएलयू) का। देश में 22 राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय हैं, जिनमें प्रवेश पाना हर ला की तैयारी करने वाले छात्र का सपना होता है। इन विश्वविद्यालयों में संयुक्त विधि प्रवेश परीक्षा (क्लैट) के तहत प्रवेश होता है।

लॉ की पढ़ाई के लिए आयोजित होती है CLAT परीक्षा

एनएलयू कंसोर्टियम द्वारा क्लैट का आयोजन किया जाता है। बैचलर आफ लेजिस्लेटिव ला (एलएलबी) के लिए जो उम्मीदवार 12वीं पास कर चुके हैं या बोर्ड परीक्षा में शामिल होंगे, वे इसमें आवेदन करने के लिए पात्र हैं। एलएलबी पूरा कर चुके या एलएलबी कार्यक्रम के अंतिम वर्ष के उम्मीदवार क्लैट एलएलएम के लिए आवेदन कर सकते हैं। क्लैट स्कोर के आधार पर एनएलयू के अलावा अन्य कई संस्थान भी प्रवेश लेते हैं।

BHU में भी कर सकते हैं लॉ की पढ़ाई

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) भी 12वीं पास के लिए पांच साल का इंटीग्रेटेड एलएलबी पाठ्यक्रम कराता है। इसके लिए बीएचयू द्वारा प्रवेश परीक्षा ली जाती है, जिसे बीएचयू ला प्रवेश परीक्षा (बीलैट) के नाम से जानते हैं।

एमएचटीसीईटी

महाराष्ट्र सरकार द्वारा आयोजित की जाने वाली सामान्य प्रवेश परीक्षा (एमएचटीसीईटी) देश की सबसे बड़ी राज्य स्तरीय ला प्रवेश परीक्षा है। इसके जरिए सरकारी ला कालेज मुंबई, मुंबई विश्वविद्यालय ला एकेडमी समेत कई कालेजों में प्रवेश मिलता है।

एलएसएटी के बाद निजी विश्वविद्यालयों में प्रवेश

ला स्कूल एडमिशन टेस्ट (एलएसएटी) का आयोजन स्कूल एडमिशन काउंसिल (एलएसएसी) के जरिए किया जाता है। एलएसएटी का आयोजन भारत के कई उच्च निजी ला विश्वविद्यालय और कालेजों में प्रवेश के लिए होता है।