मेहनत से मिल गया जो सफ़ीने के बीच था, दरिया-ए-इत्र मेरे पसीने के बीच था…अबु तुराब जी की ये लाइनें बिहार के इस लड़के पर सटीक बैठती हैं। इस लड़के ने अपनी मेहनत के बल पर सफलता की एक नई कहानी लिख दी है। अपने साथ अपने परिवार और गांववालों के लिए मिसाल कायम किया है। इनकी कहानी से आज के युवाओं को कुछ कर गुजरने की प्रेरणा मिलती है।
बिहार के एक लाल ने Google के लंदन कंपनी में करोड़ों के पैकेज में नौकरी हासिल की है। अभिषेक कुमार ने अपनी मेहनत की बदौलत से उन्होंने अपने माता-पिता का नाम रोशन किया है। वे जमुई जिले के जामू खरिया गांव में रहते हैं। वे कंप्यूटर इंजीनियर हैं। उन्हें गूगल ने 2 करोड़ रुपये का पैकेज दिया है। उन्होंने एनआईटी पटना से बीटेक की पढ़ाई की है। अभिषेक कुमार अक्टूबर में अपनी नई नौकरी ज्वाइन करेंगे।
अभिषेक के पिता इंद्रदेव यादव जमुई सिविल कोर्ट में वकील हैं और उनकी मां मंजू देवी एक हाउसवाइफ हैं। अभिषेक के घर में शिक्षा हमेशा सर्वोच्च प्राथमिकता थी, इसे ही वे अपनी सफलता का श्रेय देते हैं।
Google में काम करना सपना
अभिषेक ने एनडीटीवी को बताया, “यह मेरी सबसे बड़ी उपलब्धि है और मैं बहुत खुश हूं।” “Google में काम करना कई सॉफ्टवेयर इंजीनियर्स के लिए एक सपना है। मैं यह अवसर पाकर एक्साइडेट हूं।”
अभिषेक ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा जमुई में पूरी की है। इसके बाद में उन्होंने एनआईटी पटना से सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग की। 2022 में उन्होंने अमेजन से 1.08 करोड़ का पैकेज हासिल किया। अमेजन में उन्होंने मार्च 2023 तक काम किया। इसके बाद वे एक जर्मन फर्म से जुड़ गए।
अभिषेक का कहना है कि सफलता की राह आसान नहीं थी। काम करते हुए उन्होंने गूगल के लिए तैयारी की। वे अक्सर 8-9 घंटे काम करते थे और बाकी समय Google के इंटरव्यू के लिए कोडिंग स्किल को सुधारने की तैयारी करते थे।
अभिषेक ने बताया, “मैं पहले से ही दूसरी कंपनी में काम कर रहा था और काम के साथ इंटरव्यू की तैयारी करना मेरे लिए चुनौती थी।” “मुझे अपनी नौकरी के लिए कम से कम 8-9 घंटे देने थे और बचे हुए समय में मैंने इंटरव्यू की तैयारी की। इंटरव्यू के लिए एक उचित रणनीति बनाना बहुत जरूरी था और उसे फॉलो करना किसी चुनौती से कम नहीं था। मेरे पास जो भी समय था, उसमें मैंने कोडिंग और इंटरव्यू में पूछे जाने वाले सवालों को ध्यान में रखकर किया। इसी वजह से मुझे सभी सवालों को क्रैक करने में मदद मिली।
छोटे शहर के लड़कों के लिए संदेश
अभिषेक ने कहा “भले ही मैं एक छोटे शहर से आता हूं और मेरी जड़ें एक गांव में हैं, जहां मेरा घर मिट्टी से बना था और अब मैं एक नया घर बना रहा हूं।” युवाओं को अभिषेक ने संदेश दिया “सब कुछ संभव है। मेरा पूरा विश्वास है कि कोई भी बच्चा, चाहे वह कहीं भी हो, चाहे छोटे शहर से हो या बड़े शहर से अगर उसमें समर्पण है तो वे बड़ा से बड़ा अवसर हासिल कर सकता है।”
अभिषेक के परिवार को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, उनकी मां की सेहत खराब थी। मैंने उनके लिए कड़ी मेहनत की और फिर कामयाब होने के बाद उनका अच्छा इलाज कराया। मैंने हमेशा अपनी पढ़ाई में ध्यान लगाया क्योंकि मेरा यकीन था कि शिक्षा के जरिए मेरे पूरे परिवार की खुशियां बढ़ेंगी।” अभिषेक ने कहा कहा, मेरे माता-पिता और भाई मेरी सबसे बड़ी प्रेरणा थे। इस खबर पर आपकी क्या राय है।