ऑस्ट्रेलिया में पढ़ने की इच्छा रखने वाले भारतीय छात्रों को एक बड़ा झटका लगा है। इस समय ऑस्ट्रेलिया में वीजा फ्रॉड बड़े स्तर पर बढ़ गया है, इसे देखते हुए भारत के पांच राज्यों से आने वाले छात्रों को वहां की यूनिवर्सिटीज में एंट्री मिलना मुश्किल हो जाएगा। ये राज्य हैं- उत्तर प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और उत्तराखंड। बताया जा रहा है कि इस समय जम्मू-कश्मीर से आने वाले छात्र भी रडार पर चल रहे हैं।

कौन-कौन सी यूनिवर्सिटी ने किया बैन?

अभी के लिए ऑस्ट्रेलिया की फेडरेशन यूनिवर्सिटी और वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी में पांच राज्यों से आने वाले भारतीय छात्रों की एंट्री पर बैन है, यानी कि उनकी एप्लिकेशन को स्वीकार नहीं किया जा सकता। असल में ऑस्ट्रेलिया के गृह मंत्रालय ने अपनी जांच में पाया कि हर चार भारतीयों की वीजा एप्लिकेशन में एक फ्रॉड रहती है। सबसे ज्यादा शिकायतें पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों से सामने आई थीं।

बैन करने का कारण क्या है?

बड़ी बात ये भी है कि ऑस्ट्रेलिया की इन दो यूनिवर्सिटी ने ये फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे से पहले ही ले लिया था। ऑस्ट्रेलिया का तर्क है कि उनकी कई यूनिवर्सिटीज में ड्रॉप आउट रेट बढ़ गया है। इसका कारण ये बताया गया है कि कई छात्र ऑस्ट्रेलिया की यूनिवर्सिटीज में एडमिशन तो लेते हैं, लेकिन बीच में नौकरी के चक्कर में छोड़ देते हैं, ऐसे में ड्रॉप आउट रेट बढ़ जाता है।

पिछली सरकार का नियम और वर्तमान स्थिति

अब बताया ये जा रहा है कि ऑस्ट्रेलिया की पिछली सरकार ने छात्रों की काम करने की लिमिट को खत्म कर दिया था, कई बदलाव किए थे। इसके बाद से स्टूडेंट वीजा में मांग तो काफी बढ़ी लेकिन ड्रॉप आउट रेट भी बढ़ गया। अब उसी नियम वर्तमान सरकार बदलने की तैयारी कर रही है। उसी कड़ी में अभी कुछ यूनिवर्सिटीस में भारतीय स्टूडेंट की एंट्री पर बैन किया गया है। वैसे अभी के लिए यूनिवर्सिटी ऑफ वोलनगांग ने एक बयान में कहा है कि उनकी तरफ से भारतीय स्टैंडट की एंट्री पर कोई बैन नहीं लगाया गया है, जो प्रक्रिया दूसरे छात्रों के लिए इस्तेमाल होती है, उसी का इस्तेमाल भारतीय छात्रों के लिए भी हो रहा है।