दिल्ली ब्लास्ट मामले में जांच के दायरे में आ चुकी फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं। एक तरफ ईडी को इसकी फंडिंग की गहन जांच के आदेश दे दिए गए हैं तो वहीं दूसरी तरफ राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद (NAAC) ने इस विश्वविद्यालय को ‘कारण बताओ’ नोटिस जारी कर दिया है। साथ ही NAAC की ओर से पिछली मान्यता रद्द करने की चेतावनी भी दी गई है। विश्वविद्यालय को 15 दिनों के भीतर कारण सहित जवाब देने के निर्देश दिए गए हैं।
अल फलाह को A ग्रेडिंग दिए जाने से नाराज NAAC
शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आने वाली राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (NAAC) उच्च शिक्षा संस्थानों का मूल्यांकन और ग्रेडिंग करती है। इस संस्था ने अल-फलाह विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर अल-फलाह स्कूल ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी और अल-फलाह स्कूल ऑफ़ एजुकेशन एंड ट्रेनिंग को NAAC द्वारा ‘A’ रेटिंग दिए जाने का उल्लेख होने पर चिंता जताई है।
ग्रेड खत्म होने के बाद दोबारा नहीं किया आवेदन
NAAC के नोटिस में कहा गया है कि अल फलाह इंजीनियरिंग कॉलेज को 2013 में ‘A’ ग्रेड दिया गया था और यह ग्रेड 2018 तक मान्य था। शिक्षक शिक्षा विभाग को 2011 में ‘A’ ग्रेड दिया गया था और यह 2016 तक मान्य था। नोटिस में कहा गया है, “दोनों कॉलेजों की मान्यता समाप्त हो चुकी है। दोनों कॉलेजों ने अभी तक NAAC के दूसरे चक्र के मूल्यांकन एवं प्रत्यायन (A&A) प्रक्रिया के लिए स्वेच्छा से आवेदन नहीं किया है।”
क्यों न हो यूनिवर्सिटी के खिलाफ एक्शन?
नोटिस में विश्वविद्यालय प्रबंधन से यह स्पष्ट करने को कहा गया है कि NAAC को संस्थान के विरुद्ध कार्रवाई क्यों नहीं करनी चाहिए? नोटिस में पूछा गया है, “विश्वविद्यालय को NAAC द्वारा भविष्य में मूल्यांकन एवं प्रत्यायन (A&A) के लिए विचार हेतु अयोग्य क्यों नहीं घोषित किया जाना चाहिए? NAAC को UGC को अल-फलाह विश्वविद्यालय की मान्यता UGC की धारा 2(f) और 12B के अंतर्गत वापस लेने की अनुशंसा क्यों नहीं करनी चाहिए? NAAC को NMC को अल-फलाह विश्वविद्यालय के NMC-मान्यता प्राप्त कार्यक्रमों की NMC मान्यता वापस लेने की अनुशंसा क्यों नहीं करनी चाहिए?”
क्या है NAAC और कैसे करती है काम?
राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद (NAAC) देश की एक स्वायत्त संस्था है, जो देश में उच्च शिक्षा संस्थानों (जैसे विश्वविद्यालयों और कॉलेजों) की गुणवत्ता का मूल्यांकन (Assessment) और प्रत्यायन (Accreditation) करती है। UGC के संरक्षण में काम करने वाली यह संस्था 1994 में स्थापित हुई थी। तब से इस संस्था का काम भारत में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता सुधारना और उसे बनाए रखना है।
NAAC से प्रत्यायन (Accreditation) प्राप्त करने वाले संस्थान गुणवत्ता, पारदर्शिता और विश्वसनीयता के प्रतीक माने जाते हैं। विश्वविद्यालयों के साथ-साथ यह छात्रों और अभिभावकों को किसी कॉलेज या विश्वविद्यालय की विश्वसनीयता जानने में मदद करता है। सरकारी सहायता और अनुदान प्राप्त करने के लिए कई बार NAAC प्रत्यायन अनिवार्य होता है।
