66 वर्ष की उम्र में भी अपने से आधी उम्र की अभिनेत्रियों को कॉम्प्लेक्स देने वाली चर्चित बॉलिवुड अभिनेत्री रेखा किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं। आइए जानते हैं लज्जा, सिलसिला और खून भरी मांग जैसी सुपरहिट फिल्मों के लिए मशहूर रेखा के सफर के बारे में –
रेखा का जन्म 10 अक्टूबर 1954 को तमिलनाडु में हुआ था। उनका वास्तविक नाम भानुरेखा गणेशन है। उनके पिता का नाम जेमिनी गणेशन था और वह एक तमिल अभिनेता थे। रेखा की मां का नाम पुष्पवल्ली था जो कि एक तेलुगु अभिनेत्री थीं। रेखा का जन्म तब हुआ था तब उनके पिता ने उनकी मां से शादी नहीं की थी। जन्म के बाद जेमिनी गणेशन ने पिता का फर्ज नहीं निभाया और रेखा और उनकी मां को छोड़ दिया था।
रेखा के एक भाई सतीश कुमार गणेशन है, उनकी पांच बहनें कमला सेल्वराज, राधा, जया श्रीधर, विजया चामुंडेश्वरी, रेवती स्वामीनाथन, नारायण और गणेश हैं। उन्होंने तमिलनाडु के चेन्नई के चर्च पार्क कॉन्वेंट में स्कूली शिक्षा पूरी की। उन्होंने 1990 में उद्योगपति मुकेश अग्रवाल से दिल्ली में शादी की। एक साल बाद, लंदन में रहते हुए मुकेश ने आत्महत्या कर ली थी।
रेखा अपने बचपन के दिनों में एक एयर होस्टेस बनना चाहती थीं। हालांकि, उन्हें रिजेक्ट कर दिया गया क्योंकि वह उस समय बहुत छोटी थी। उसके बाद, उन्होंने कॉन्वेंट स्कूल में नन बनने की सोची, लेकिन अपने परिवार की आर्थिक स्थिति की वजह से उन्हें ग्रेड बी और सी की तेलुगु फिल्मों में काम करने के लिए मजबूर होना पड़ा।
रेखा ने अपने 40 साल के करियर में 180 से अधिक फिल्मों में काम किया है। रेखा ने अपने अभिनय करियर की शुरुआत 13 साल की उम्र में तेलुगु फिल्म “रंगुला रत्नम” में बाल कलाकार के रूप में की थी। 1970 में उनकी दो फ़िल्में रिलीज हुईं: तेलुगु फ़िल्म अम्मा कोसम और हिंदी फ़िल्म सावन भादों, जिसे बॉलीवुड में उनके अभिनय की शुरुआत माना जाता था। सावन भादों फिल्म हिट होते ही रेखा एक स्टार बन गईं। हालांकि, उनके करियर में मोड़ 1978 में आया, जब उन्होंने विनोद मेहरा के साथ फिल्म ‘घर’ में एक बलात्कार पीड़िता की भूमिका निभाई। इस फिल्म को उनकी एक्टिंग में मील का पत्थर माना गया और फिल्मफेयर अवार्ड्स में उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के लिए पहला नामिनेशन मिला।
रेखा को तीन फिल्मफेयर पुरस्कार और एक राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से नवाजा जा चुका है। 2010 में, उन्हें भारतीय सिनेमा में उनके योगदान के लिए भारत सरकार द्वारा पद्म श्री से सम्मानित किया गया था।