विदेश में जाकर पढ़ाई और नौकरी करने के मामले में भारतीय युवा सबसे आगे हैं। अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया जैसे विकसित देशों में अधिकतर भारतीय पढ़ाई या फिर नौकरी के लिए जाते हैं। जिस तरह से इन देशों में भारतीय स्टूडेंट्स की संख्या में इजाफा हो रहा है उसी तरह से डिपोर्ट भारतीय छात्रों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। गुरुवार को विदेश मंत्रालय ने इसी से जुड़ा एक डेटा संसद में शेयर किया जिसमें बताया गया है कि पिछले पांच सालों में सबसे अधिक स्टूडेंट UK से डिपोर्ट किए गए हैं। यहां से डिपोर्ट हुए भारतीय छात्रों की संख्या 170 है।
रशिया से 82 स्टूडेंट हुए डिपोर्ट
भारत सरकार की इस डेटा के मुताबिक, दूसरे स्थान पर ऑस्ट्रेलिया है जहां से 114 भारतीय छात्र पिछले पांच साल में डिपोर्ट किए गए हैं। तीसरे नंबर पर रशिया (रूस) है जहां से 82 भारतीय छात्र पिछले पांच साल में डिपोर्ट हुए हैं। वहीं अमेरिका से डिपोर्ट हुए छात्रों की संख्या 45 है। सरकार के डेटा से पता चलता है कि अमेरिका ने पिछले पांच साल में 62 भारतीय छात्रों को अपने देश में एंट्री देने से मना कर दिया।

