इंजीनियर बनने की इच्छा रखने वाले बच्चों को देश की सबसे कठिन प्रवेश परीक्षाओं में से एक संयुक्त प्रवेश परीक्षा (JEE) से गुजरना होता है। ऐसा नहीं है कि उन स्टूडेंट्स को इंजीनियरिंग की तैयारी इसी परीक्षा की तैयारी के साथ शुरू होती है बल्कि 10वीं पास करने के बाद जब बच्चा 11वीं में आता है तो तभी उसे इस फील्ड के लिए विषय चुनने होते हैं जो इंजीनियर बनने का रास्ता खोलते हैं।
JEE में सफलता का मार्ग अक्सर कक्षा 11वीं में शुरू होता है, जब छात्रों को यह महत्वपूर्ण निर्णय लेना होता है कि उन्हें कौन से विषय लेने चाहिए। 11वीं क्लास में चुने गए सब्जेक्ट चुनने से JEE पास करने की आपकी संभावनाओं पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा और यह अगले दो वर्षों की तैयारी के लिए दिशा तय होगी।
एक स्टूडेंट का एकेडमिक करियर कक्षा 11वीं से एक अहम मोड़ लेता है क्योंकि वहां शामिल विचार कक्षा बारह और JEE पाठ्यक्रम के लिए आधार के रूप में काम करते हैं, जिसमें अधिक कठिन विषय शामिल होते हैं। कक्षा 11 के लिए चुने गए विषय फिजिक्स, केमिस्ट्री और गणित डायरेक्ट JEE एग्जाम सिलेबस से कनेक्ट रहते हैं।
11वीं क्लास में फिजिक्स, केमिस्ट्री और गणित का कॉम्बिनेशन इस बात की गारंटी देता है कि JEE Main परीक्षा में आप बैठ सकते हैं और परीक्षा को पास भी कर सकते हैं क्योंकि जेईई मेन का सिलेबस 11वीं में पढ़े गए स्टडी मैटेरियल के ही इर्द-गिर्द घूमता है।
केमिस्ट्री- यह विषय फिजिकल, ऑर्गेनिक और इंट्रोगेनिक जैसी तीन अहम श्रेणियों में विभाजित है। कक्षा 11 में केमिस्ट्री को समझना JEE के महत्वपूर्ण विषयों को कवर करने और कक्षा 12 में सामग्री को प्रबंधित करने में सहायता कर सकता है।
गणित- Coordinate geometry, trigonometry और algebra जेईई परीक्षा के गणित सेक्शन को क्लियर करने में बहुत सहायक हैं। 11वीं में गणित विषय की इन तीनों श्रेणियों में आपकी मजबूती जेईई की तैयारी के वक्त बहुत सहायक होगी।
जेईई मेन की कैसे करें तैयारी
जेईई मेन की तैयारी के लिए वैसे तो स्टूडेंट्स अलग से कोचिंग लेते हैं, लेकिन इसकी मुख्य तैयारी 11वीं में इन सब्जेक्ट के चयन के साथ ही हो जाती है। ऐसे में ध्यान रखें कि 11वीं में अगर आप इन विषयों को बहुत लगन के साथ पढ़ लेते हैं तो आगे की तैयारी आपकी आसान हो जाती है।
जेईई मेन की तैयारी के दौरान टाइम मैनेजमेंट करना बहुत जरूरी है। बहुत अधिक विषयों का चयन करने से आपका टाइमटेबल लंबा हो सकता है और आपको JEE की पढ़ाई के लिए कम समय मिलेगा। JEE के लिए मूलभूत विषयों को पूरी तरह से समझने और स्कूल की परीक्षाओं के साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की पढ़ाई को संतुलित करने के लिए पर्याप्त समय निकालना महत्वपूर्ण है।