कोरोना काल में संक्रमण के बचने के लिए वाहन चालकों में सावधानियां बढ़ी हैं। इन सावधानियों का असर यह हुआ है कि देश में राजमार्गों पर ‘फास्ट टैग’ का प्रयोग करने वाले चालकों की संख्या बढ़ी है। केंद्र सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की वार्षिक रिपोर्ट में ये तथ्य सामने आए हैं। रिपोर्ट में सामने आया है कि कोरोना काल में मार्गों पर केंद्र सरकार की आय में भी बढ़ोतरी हुई है।

मंत्रालय की वार्षिक रिपोर्ट बताती है कि दिसंबर 2021 तक देश में बैकों के माध्यम से 4.42 करोड़ फास्ट टैग जारी किए थे। इन टैग के माध्यम से टोल की औसत आय 76.62 लाख रुपए प्रतिदिन दर्ज की गई। इसी प्रकार राष्टÑीय इलेक्ट्रिानिक टोल कनेक्शन (एनईसीटी) भी 96 फीसद यानी 118.5 करोड़ तक बढ़ा है। जबकि इस दौरान 15 व 16 को मध्य रात्रि में वाहन चालकों के लिए टोल को निशुल्क किया गया था। देशभर में 750 राजमार्ग ऐसे हैं जहां पर एनईसीटी की व्यवस्था लागू है।

मंत्रालय ने रिपोर्ट में बताया है कि कोरोनाकाल में पैसे लेने या देने की प्रक्रिया में संक्रमण से बचाव के लिए लोगों ने अधिक से अधिक फास्ट टैग का प्रयोग किया है। इसकी मदद से जहां टोल प्रक्रिया आसान बनी है वहीं इन मार्गों पर वाहनों का आवागमन भी तेज हुआ है। इस समय देश में 36 बैंक हैं, जो वाहन चालकों को सुविधा के लिए फास्ट टैग जारी कर रहे हैं।

देश के विभिन्न 14 बैंकों के पास राजमार्ग पर वाहनों से फीस लेने की जिम्मेदारी हैं। बीते साल मार्गों का सर्वाधिक निर्माण : वर्ष 2021-22 में बीते छह सालों की तुलना में सबसे अधिक मार्ग निर्माण कार्य किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक यह निर्माण प्रतिदिन 37 किलोमीटर था। इस दौरान में मंत्रालय ने 12 हजार किलोमीटर मार्गो के काम के आदेश जारी किए थे। केवल नौ माह के समय में 5835 किलोमीटर राजमार्ग निर्माण का कार्य किया गया।