आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा ने पाकिस्तान के गुजरावाला में उरी हमले में शामिल एक आतंकी की शोक सभा आयोजित करने के एलान वाले पोस्टर्स लगाए हैं। पोस्टर में एक आतंकी को गुजरावाला निवासी मुहम्मद अनस बताया गया है जो कि अबू सिरका के नाम से ऑपरेट करता था। इनमें लिखा है, ”कब्जाए गए कश्मीर में उरी ब्रिगेड पर हमला कर 177 हिंदू सैनिकों को नरक भेजकर शेरदिल पवित्र लड़ाका अबू सिरका शहीद हो गया।” लोगों से कहा गया है कि वे नमाज में शामिल हों। साथ ही कहा गया है कि मृतक का शरीर न होने के कारण घायबाना नमाज जनाजा गिरजाख के पास बड़ा नल्ला पर आयोजित होगा। इन पोस्टर्स में हाफिज सईद की तस्वीर भी लगी है। हालांकि यह साफ नहीं हो पाया कि जनाजे की नमाज के इस तरह के कार्यक्रम बाकी आतंकियों के लिए भी आयोजित हुए या नहीं।
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लश्कर के चार आतंकियों ने भारतीय सेना की उरी स्थित ब्रिगेड पर हमला किया था। इसमें 20 जवान शहीद हुए थे। इन पोस्टर्स ने हमले के पीछे पाकिस्तानी आतंकी संगठनों का हाथ होने के भारतीय दावे को मजबूत किया है। पाकिस्तान इस हमले में अपनी भूमिका से इनकार करता रहा है। हालांकि भारतीय अधिकारियों ने हमले के लिए जैश ए मोहम्मद को जिम्मेदार बताया था। इंडियन एक्सप्रेस ने रिपोर्ट दी थी कि हमलावर आतंकी लश्कर ए तैयबा के हो सकते हैं।
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हमलावरों के पास से जर्मनी के बने दो ईट्रेक्स जीपीएस मिले थे। इनमें से एक बुरी तरह से नष्ट हो चुका था। इसके कारण उससे जानकारी मिल नहीं पाई। वहीं दूसरे से जानकारी निकाली जा रही है। हालांकि हमलावरों के पास से मिली सीरींज, दर्दनिवारक दवाइयां, रेडी टू ईट पर पाकिस्तान मार्का है। लेकिन इनसे हमलावरों की पहचान को लेकर मदद नहीं मिली।
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लश्कर ने पिछले एक साल में भारतीय ठिकानों पर बड़े हमले किए हैं। पिछले साल उरी के पास 31 फील्ड रेजीमेंट और 24 पंजाब रेजीमेंट पर हुए हमले में तीन पुलिसकर्मी और आठ सैनिक शहीद हुए थे। लश्कर कश्मीर में सेना को निशाना बना रहा है। वहीं जैश ए मुहम्मद ने जम्मू कश्मीर के बाहर सैन्य ठिकानों को नुकसान पहुंचाया है। जैश ने गुरदासपुर और पठानकोट में हमले किए हैं। खुफिया एजेंसियों का कहना है कि इन आतंकी संगठनों ने धर्म को हथियार बनाकर लोगों को अपने साथ किया है। गौरतलब है कि पिछले दिनों एक वीडियो सामने आया था जिसमें मस्जिदों के बाहर कश्मीर में जिहाद के लिए चंदा मांगा जा रहा था।
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